ये फैसला जज जगदीप सिंह लोहान सच्चा सौदा केस में सुनाएंगे


डेरा सच्चा सौदा पर साध्वियों के यौन शोषण मामले में फैसला आने में कुछ ही घंटे बाकी है। डेरा प्रमुख की पेशी से पहले पंजाब और हरियाणा की सीमाएं पूरी तरह सील है। चंडीगढ़ और पंचकूला में चप्पे-चप्पे पर पुलिस व अर्ध सैनिक बलों के जवान तैनात है। डेरा प्रेमी फुटपाथ, स्कूलों और पार्को में डेरा डाल चुके हैं। जबकि हाइकोर्ट ने हरियाणा सरकार और केंद्र सरकार को कानून व्यवस्था पर सख्त संदेश दिया है।
ये हालात 25 अगस्त को डेरा मुखी संत गुरमीत राम रहीम सिंह इंसा पर आने वाले सीबीआइ कोर्ट के फैसले के कारण बने हैं। यह फैसला न्यायिक सेवा के खास अधिकारी जगदीप सिंह सुनाने जा रहे हैं। डेरा सच्चा सौदा पर साध्वी के यौन शोषण मामले में फैसला सुनाने के लिए जगदीप सिंह तैयार हैं। बता दें कि 15 साल पहले 2002 में डेरा मुखी पर दो साध्वियों के यौन शोषण का आरोप लगा था।
जगदीप सिंह को पिछले साल ही सीबीआइ के विशेष जज के तौर पर पदस्थ किया गया है। जगदीप सिंह को बेहद न्यायप्रिय, सक्षम, कठोर, और सटीक रवैये वाले अधिकारी के तौर पर जाना जाता है। सीबीआइ की विशेष अदालत में उनके सहयोगी भी उनकी शैली और प्रतिभा की तारीफ करते हैं।
जगदीप सिंह हरियाणा के रहने वाले हैं। जगदीप सिंह 2012 में हरियाणा न्यायिक सेवा के अधीन सोनीपत में पदस्थ हुए थे। यह उनकी पहली पोस्टिंग थी। उनकी दूसरी पोस्टिंग सीबीआइ कोर्ट में की गई, जोकि हाइकोर्ट प्रशासन द्वारा लंबे विचार-विमर्श और निरीक्षण के बाद उन्हें मिली। अमूमन सीबीआइ कोर्ट जज नियुक्ति की प्रक्रिया आसान नहीं होती, लेकिन जगदीप सिंह की काबिलियत के चलते ही उन्हें हाईकोर्ट प्रशासन ने एक ही पोस्टिंग के बाद सीबीआई कोर्ट की जिम्मेवारी सौंप दी।
न्यायिक सेवा में आने से पहले जगदीप सिंह पंजाब और हरियाणा कोर्ट में वकील थे। वे साल 2000 और 2012 में कई सिविल और क्रिमिनल केस लड़ चुके हैं। उन्होंने पंजाब यूनिवर्सिटी से 2000 में कानून की डिग्री पूरी की। यूनिवर्सिटी के दिनों से जगदीप को जानने वाले एक अधिकारी कहते हैं कि वे कॉलेज के समय बेहद प्रतिभाशाली छात्र रहे हैं। जगदीप सिंह को बहुत ही मेहनती और ईमानदार न्यायिक अधिकारी माना जाता है।
जगदीप सबसे पहले सितंबर 2016 में उस वक्त सुर्खियों में आए थे, जब वे हिसार से पंचकुला जा रहे थे। उस दौरान उन्होंने सड़क दुर्घटना में चार लड़कों की मदद की थी। सड़क दुर्घटना में बुरी तरह से घायल हुए लोगों को देखकर सिंह ने एंबुलेंस को फोन किया। काफी देर बाद जब एंबुलेंस घटना स्थल पर नहीं पहुंची तो ऑपरेटर ने उन्हें बताया कि क्या ‘एंबुलेंस उड़कर आएगी’? तब उन्होंने किसी निजी वाहन को रुकवाकर घायल लोगों को हॉस्पिटल ले गए। चार लोगों का जीवन बचाने वाले जगदीप सिंह अब 25 अगस्त को डेरा प्रमुख के मामले में फैसला सुनाने जा रहे हैं।