रोहतक में रूहानी चमत्कार ? चैनल को मिली दिव्य दृष्टि?

क्या रोहतक में रूहानी चमत्कार हुआ था ?
क्या एक खबरिया चैनल के पास दिव्य शक्ति आ गई थी ?
खबर का हैडिंग देखकर आप चौंक गए होंगे लेकिन एक खबरिया चैनल के पत्रकार हवा में से सूंघ सूंघ कर इस प्रकार से जेल के अंदर जज साहिब के सामने का हाल बता रहे थे जैसे महाभारत काल के संजय की तरह उन्हें भी दिव्य दृष्टि प्राप्त हो गई हो । जब चैनल की एंकर बताती थी कि हमारे फ़लाने संवाददाता हम से जुड़ चुके हैं तो कैमरा के सामने कोई दूसरा चेहरा होता था और फ़लाने पत्रकार दूसरी दिशा से कान पर मोबाइल फ़ोन लगाए टहलते आते थे और बताते थे कि बाबा अब चाय मांग रहे हैं , बाबा अब जज साहब के आगे कुर्सी पकड़ कर बैठ गए हैं । उनकी नकल बाकी कुछ उत्साही कलाकार भी कर रहे थे और उनके द्वारा प्राप्त बहुमूल्य ब्रेकिंग जानकारी को इस प्रकार चैनल परोस रहे थे कि दर्शकों को इस प्रकार का कल्पित माहौल नज़र आ रहा था जैसे असली अदालत की जगह फिल्मी अदालत हो । इस से पहले भी पंचकूला में ऐसी नौटंकी नज़र आई थी और अदालत लगने से एक दिन पहले वहां मौजूद प्रेमियोँ को उल्टे सीधे सवाल पूछ कर उतेजित किया जा रहा था । यहां तक कि मीडिया के कुछ चैनलों के पत्रकारों ने सुरक्षा निर्देशों की अनदेखी करते हुए अपने वाहन असुरक्षित जगहों पर खड़ा किये जहां से ऐसे शरारती तत्वों ने , जिनका मकसद ही हिंसा फैलाना था , आसानी से अग्निभेंट कर दिया जिसका ठीकरा हरियाणा पुलिस के सिर फोड़ दिया गया । यहां तक कि खबरिया चैनलों के मियां मिट्ठू वातानुकूलित स्टुडियो में बैठ कर हरियाणा के मुख्यमंत्रीे मनोहर खट्टर और डी जी पी हरियाणा को मुअत्तल करने की नूरा कुश्ती लड़ने में मशगूल रहे । ऐनिमेशन के जरिये ऐसी ऐसी काल्पनिक गुफाएं दर्शकों को दिखाई गयीं और ऐसे ऐसे अजीबोगरीब टाइटल दिखाए गए कि दर्शकों को एक के बाद दूसरा चैनल बदलना पड़ रहा था. टी आर पी बढ़ाने के चक्कर में कुछ चैनलों पर भगवान श्री कृष्ण और भगवान श्री राम के नामों का भी मजाक उड़ाया गया. सवाल ये पैदा होता है कि जब सुरक्षा कारणों के चलते माननीय अदालत में सीमित लोगों की एंट्री थी, प्रिंट और अन्य मीडिया के अदालत के अंदर जाने की मनाही थी और बाहरी लोगों में बेवजह भड़काहट ना फैलने के कारण संचार साधन भी बंद थे तो कुछ चैनलों को इस तरह की सूचनाएँ कौन दे रहा था.