कुछ देश की महत्वपूर्ण खबरें नमो टी वी पर वि स्तार से
*✅2,000 रुपये के नए नोट जारी नहीं करेगा रिजर्व बैंक!..*
*✔✔नई दिल्ली:* भारतीय रिजर्व बैंक की ओर से पिछले साल जारी किए गए 2,000 रुपये के नोटों की छपाई को रोक सकता है या फिर रोक दिया है। यही नहीं केंद्रीय बैंक ने इस सबसे बड़े नोट को जारी करना भी शायद बंद कर दिया है। देश के सबसे बड़े सार्वजनिक बैंक एसबीआई ने अपनी एक रिसर्च रिपोर्ट में यह बात कही है। आरबीआई की ओर से पिछले दिनों लोकसभा में पेश की गई सालाना रिपोर्ट के आधार पर एसबीआई इकोफ्लैश ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि केंद्रीय बैंक ने 8 दिसंबर 2017 तक 15,78,700 करोड़ रुपए मूल्य के बड़े नोटों की छपाई की है, जिसमें से 2,46,300 करोड़ रुपए मूल्य के नोटों की आपूर्ति बाजार में नहीं की गई है।
👉इस आधार पर ही एसबीआई ग्रुप की चीफ इकॉनमिक अडवाइजर सौम्या कांति ने अपनी रिपोर्ट में इस बात की संभावना जताई है कि आरबीआई की ओर से 2,000 के नए नोटों की छपाई को रोका जा सकता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि इस बात की संभावना है कि आरबीआई की ओर से 2,463 अरब रुपये मूल्य के 2,000 रुपये के नोटों को जारी करने की बजाय 50 और 200 रुपये के नोटों को ही जारी किया जाए।
👉कोफ्लैश की रिपोर्ट में कहा गया है, ‘2,000 रुपये के नोटों को मार्केट में भुनाने में समस्याएं आ रही हैं। खुले पैसों की समस्या के चलते आरबीआई ने शायद इनकी छपाई को धीरे-धीरे कम कर दिया है। नोटबंदी के बाद केंद्रीय बैंक ने इनकी तेजी से छपाई की थी ताकि कैश की कमी को दूर किया जा सके।’ इसका अर्थ यह भी है कि सरकार और आरबीआई देश में प्रचलन में चल रही मुद्रा में 35 फीसदी हिस्सा छोटी करंसी का रखना चाहते हैं।
👉गौरतलब है कि पीएम नरेंद्र मोदी ने बीते साल 8 नवंबर को 500 और 1000 रुपये के पुराने नोटों को वापस लेने का ऐलान किया था। उस वक्त देश में प्रचलित मुद्रा में इनकी हिस्सेदारी 86 से 87 पर्सेंट तक की थी। नोटबंदी के बाद देश में कैश की बड़ी कमी देखी गई थी और इस दबाव से निपटने के लिए ही केंद्रीय बैंक ने तेजी से 2000 रुपये के नोटों की छपाई की थी।
2जी घोटाले में सभी आरोपी बरी…*
*✔✔नई दिल्ली:* देश के सबसे बड़े घोटाले में से एक 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन घोटाले में सभी आरोपियों को बरी कर दिया गया है। पटियाला हाउस कोर्ट के फैसले के बाद पूर्व दूरसंचार मंत्री ए राजा, द्रमुक सांसद कनिमोझी को कोर्ट से बड़ी राहत मिली है।
👉2जी स्पेक्ट्रम घोटाले में सुनवाई छह साल पहले 2011 में शुरू हुई थी जब अदालत ने 17 आरोपियों के खिलाफ आरोप तय किये थे।
*✔कब सामने आया टूजी घोटाला..*
👉साल 2010 में सीएजी (महालेखाकार और नियंत्रक) की एक रिपोर्ट आई थी। इस रिपोर्ट में साल 2008 में बांटे गए स्पेक्ट्रम पर सवाल किए गए थे। रिपोर्ट में बताया गया था कि स्पेक्ट्रम की नीलामी नहीं की गई, बल्कि इसे कंपनियों को ‘पहले आओ, पहले पाओ’ के आधार पर बांटा गया था। साथ ही बताया गया था कि इससे सरकार को एक लाख 76 हजार करोड़ रुपए का घाटा हुआ था। बताया गया था कि अगर नीलामी के आधार पर लाइसेंस बांटे जाते तो ये रुपए सरकार के खजाने में जाते।
*✔कौन-कौन हैं आरोपी?*
👉इस घोटाले में यूपीए में दूरसंचार मंत्री रहे ए राजा पर आरोप लगाया गया था। ए राजा पर आरोप था कि उन्होंने साल 2001 में तय की गई रेट के हिसाब से लाइसेंस बांटे हैं, जिससे सरकार को घाटा हुआ है। इसके साथ ही उन पर आरोप था कि उनकी पसंदीदा कंपनियों को लाइसेंस दिए गए हैं। ए राजा को इस मामले में जेल भी काटनी पड़ी थी, जिसके बाद उन्हें जमानत मिल गई थी और अब वह बाहर हैं। इस मामले में तमिलनाडू के पूर्व मुख्यमंत्री एम करूणाधि की बेटी कनिमोझी को भी जेल हुई थी, कनिमोझी को भी बाद में जमानत मिल गई थी। इनके साथ ही कई कंपनियों और बड़ी हस्तियों पर घोटाले का आरोप लगा था। प्रधानमंत्री कार्यालय और तत्कालीन वित्त मंत्री पी चिदंबरम पर भी सवाल उठाए गए थे। ए राजा ने अपनी सफाई में कहा था कि उन्होंने जो भी फैसले लिए थे, वो तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के जानकारी में लिए थे।
*✅उपभोक्ता संरक्षण बिल को कैबिनेट की मंजूरी..*
*✔✔नई दिल्ली:* केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को नए उपभोक्ता संरक्षण विधेयक को मंजूरी दे दी। इसके प्रावधानों के तहत कंपनियों द्वारा भ्रामक विज्ञापन जारी करने और मिलावट करने पर जुर्माना और जेल की सजा हो सकेगी।
👉यही नहीं, विधेयक में भ्रामक विज्ञापन करने वाले सेलिब्रिटी पर भी जुर्माने और तीन साल तक प्रतिबंध का प्रावधान किया गया है।
👉विधेयक को संसद के वर्तमान सत्र में ही पेश किए जाने की संभावना है। इस विधेयक में भ्रामक विज्ञापन करने वाले सेलिब्रिटी पर पहली बार अपराध करने पर 10 लाख रुपए तक का जुर्माना और एक साल के प्रतिबंध का प्रावधान है। दूसरी बार अपराध में 50 लाख रुपए तक का जुर्माना और तीन साल तक के प्रतिबंध का प्रावधान किया गया है।
👉उत्पाद निर्माता और कंपनियों पर पहले अपराध में 10 लाख रुपए तक का जुर्माना और दो साल की जेल का प्रावधान किया गया है। इसके बाद के अपराधों पर 50 लाख रुपए तक का जुर्माना और पांच साल तक की जेल का प्रावधान है। मिलावट के मामलों में विधेयक में जुर्माने के साथ-साथ उम्रकैद की सजा का प्रावधान किया गया है।
👉मंत्रिमंडल ने उपभोक्ता संरक्षण विधेयक-2017 को मंजूरी देकर 2015 में पेश विधेयक को वापस लेने का मार्ग प्रशस्त कर दिया है। इस संबंध में एक संसदीय स्थायी समिति ने पिछले साल अप्रैल में सरकार को अपनी सिफारिशें भी सौंपी थीं। इससे पहले, अगस्त 2015 में केंद्र सरकार ने लोकसभा में उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम-1986 की जगह लेने के लिए नया विधेयक पेश किया था। लेकिन 2015 में पेश उक्त विधेयक में कई संशोधन किए जाने की वजह से उपभोक्ता मामलों का मंत्रालय यह विधेयक लाया है।
ममता सिंह