आगरा के रास्ते कई राज्यों में गांजे की सप्लाई; हाईप्रोफाइल महिलाएं भी हैं गैंग में शामिल


बंगाल, ओडिशा, विशाखापत्तनम, आंध्र प्रदेश और हैदराबाद में तैयार होने वाले गांजे की सप्लाई के लिए यूपी सबसे बड़ा बाजार बन गया है। पश्चिमी यूपी में आगरा के रास्ते हर महीने सैकड़ों किलो गांजा सप्लाई किया जा रहा है। पश्चिमी यूपी के रास्ते दिल्ली-NCR, हरियाणा और अन्य प्रदेशों तक माल की सप्लाई हो रही है।
बीते चार महीने में आगरा लाया जा रहा लगभग आठ करोड़ रुपए कीमत का गांजा बरामद किया जा चुका है। तस्करों ने ट्रेन, बस, ट्रक और कार में हाई प्रोफाइल महिलाओं को साथ रखकर गांजे की सप्लाई की है। पुलिस की कार्रवाई से इस बात की तस्दीक हो रही है।
दक्षिण भारत से तमाम तस्कर मध्य प्रदेश के रास्ते आगरा में आकर गांजे की तस्करी कर रहे हैं। इसका सबसे बड़ा कारण है कि आगरा, राजस्थान और मध्य प्रदेश की सीमाओं से लगा हुआ है। साथ ही दिल्ली, हरियाणा आदि शहरों से भी इसकी ज्यादा दूरी नहीं है। आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे, यमुना एक्सप्रेस-वे और NH-2, ग्वालियर हाईवे के रास्ते पूरे प्रदेश से शहर का सीधा जुड़ाव आगरा से है। इसके अलावा आगरा का ग्रामीण इलाका भी काफी बड़ा है। यहां से आस-पास के छोटे जिलों में माल छिपाना भी काफी आसान है।
पुलिस सिर्फ मुखबिरों के भरोसे
गांजे की तस्करी के मामले में पुलिस सख्त चेकिंग नहीं कर पाती है, क्योंकि हर वाहन को चेक करने पर हाईवे पर जाम लग जाएगा। स्टेशनों पर भी ट्रेन आने पर भीड़ ज्यादा हो जाती है। ऐसे में तस्कर हाई प्रोफाइल लोगों की तरह कुलियों से सामान उठवाकर आसानी से माल निकाल लेते हैं। GRP और RPF मुखबिरी होने पर ही उन्हें गिरफ्तार कर पाती है।
इसके अलावा बस अड्डों पर आमतौर पर यात्रियों की चेकिंग नहीं होती है। तस्कर इसका फायदा उठाते हैं। कुछ महीने पहले STF ने आगरा-दिल्ली हाईवे के वॉटरवर्क्स चौराहे पर तीन युवकों को सरकारी रोडवेज बस के जरिये गांजे की तस्करी करते हुए पकड़ा था।
अप्रैल में 10 दिनों में पकड़ा गया 17 क्विंटल गांजा
सिर्फ अप्रैल महीने में अब तक लगभग 17 क्विंटल ऊंचे किस्म का महंगा गांजा पकड़ा जा चुका है। इसकी अनुमानित कीमत चार करोड़ रुपए से ज्यादा है। पिछले साल भी शहर से लगभग 40 क्विंटल गांजा बरामद किया गया था। SSP सुधीर कुमार के अनुसार, पुलिस लगातार अवैध नशीले पदार्थ को लेकर अभियान चला रही है। हर थाना स्तर पर ऐसे लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा रहा है।
युवाओं में बढ़ रहा सूखे नशे का क्रेज

एक समय था, जब चिलम में भरकर गांजा पीने वालों को बड़ी हेय दृष्टि से देखा जाता था। गांजा के नशे का लंबे समय तक असर रहने, सेवन करने के बाद मुंह से बदबू न आने और स्वभाव उग्र न होने के चलते अब युवाओं को यह पसंद आ रहा है। शराब की तुलना में यह नशा काफी सस्ता होता है।
नाम न छापने की शर्त पर एक बीकॉम छात्र ने बताया कि सौ रुपए के माल में वह और उसके दो दोस्त मिलकर 3-4 बार नशा कर लेते हैं। बाजार में रेडीमेड सिगरेट पेपर के डोम पांच रुपए में मिलते हैं। एक बार में दस रुपए की एक सिगरेट लगती है। इससे ज्यादा सस्ता नशा और कहां मिलेगा?
2022 में आगरा में हुई कुछ बड़ी कार्रवाई
- 8 जनवरी को सैयां थाना क्षेत्र में मुठभेड़ के बाद 10 लोग गिरफ्तार हुए। इनमें दो को पैर में गोली लगी और कार, ट्रक समेत 800 किलो गांजा बरामद किया गया।
- 6 फरवरी को आगरा एनएच-2 पर ट्रक में खाली बोतलों के नीचे छिपाकर आगरा लाए गए करीब ढाई करोड़ रुपए के 805 किलो गांजे के साथ चार लोग गिरफ्तार।
- 17 फरवरी को RPF ने विशाखापत्तनम से ट्रॉली बैग में 60 किलो गांजा लेकर जा रही तीन महिलाओं और एक पुरुष को आगरा कैंट स्टेशन से गिरफ्तार किया था।
- 3 मार्च को ग्वालियर के छतरपुर में 888 किलो गांजा ट्रक में केलों के नीचे छुपाकर आगरा लाते समय तीन तस्करों को पुलिस ने गिरफ्तार किया था।
- अगले ही दिन 4 मार्च को आगरा के थाना हरीपर्वत में ट्रक को गाइड कर रहे चार लोगों की लग्जरी कार से सैंपल का 28 किलो गांजा ले जाते हुए गिरफ्तार किया था।
- 4 अप्रैल को थाना सदर में 20 किलो गंजे के साथ दो लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया था।
- 7 अप्रैल को थाना एत्माउद्दौला पुलिस ने 472 किलो गांजे साथ दो लोगों को और GRP आगरा कैंट ने 40 किलो गांजे के साथ चार लोगों को गिरफ्तार किया था।
- 8 अप्रैल को थाना बाह के जरार क्षेत्र में STF और थाना पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में तीन लोगों के साथ ट्रक में तीन करोड़ रुपए का 1200 किलो गांजा बरामद किया।