पाकिस्तान जिस ट्यूब लॉन्च से ड्रोन भेज रहा है, वैसा सिस्टम भारत में भी है?  आइए जानते हैं सब कुछ।

Report : Rakesh Jaidka

पाकिस्तान जिस ट्यूब लॉन्च से ड्रोन भेज रहा है, वैसा सिस्टम भारत में भी है?  आइए जानते हैं सब कुछ।

India Drones tube launch system: ट्यूब-लॉन्च या कैनिस्टर-बेस्ड ड्रोन सिस्टम ऐसे लॉन्चिंग मैकेनिज्म हैं, जिनमें ड्रोन को एक ट्यूब या कैनिस्टर से लॉन्च किया जाता है. ये सिस्टम मोबाइल ग्राउंड वाहनों या नौसैनिक प्लेटफॉर्म्स पर लगाए जा सकते हैं, जिससे इन्हें अलग-अलग इलाकों में तैनात करना आसान होता है.

पाकिस्तान लगातार भारतीय सीमा में ड्रोन से अटैक करने की कोशिश कर रहा है. भारतीय सेना पाक को उसी की भाषा में जवाब दे रही है. कर्नल सोफिया कुरैशी ने 10 मई 2025 को प्रेस ब्रीफिंग में बताया कि पाक ने नागरिक विमानों को ढाल बनाया है और श्रीनगर से नलिया तक 26 से ज्यादा जगहों को निशाना बनाया गया है. पाकिस्तान जिस ट्यूब लॉन्च पैड से ड्रोन भेज रहा था भारत ने जवाबी कार्रवाई में उसे ध्वस्त कर दिया है. अब सवाल यह भी उठता है कि क्या भारत के पास भी वैसा ही कैनिस्टर-बेस्ड लॉन्च सिस्टम है, जहां से ड्रोन भेजे जा सकते हैं? आइए जानते हैं.

ट्यूब-लॉन्च ड्रोन सिस्टम क्या है?

ट्यूब-लॉन्च या कैनिस्टर-बेस्ड ड्रोन सिस्टम ऐसे लॉन्चिंग मैकेनिज्म हैं, जिनमें ड्रोन को एक ट्यूब या कैनिस्टर से लॉन्च किया जाता है. ये सिस्टम मोबाइल ग्राउंड वाहनों या नौसैनिक प्लेटफॉर्म्स पर लगाए जा सकते हैं, जिससे इन्हें अलग-अलग इलाकों में तैनात करना आसान होता है. ये ड्रोन आमतौर पर लॉइटरिंग म्यूनिशन्स या टैक्टिकल यूएवी होते हैं, जो सटीक हमले, निगरानी या इलेक्ट्रॉनिक युद्ध के लिए डिजाइन किए जाते हैं.

क्या भारत के पास वैसा सिस्टम है?

हां, भारत के पास ट्यूब-लॉन्च ड्रोन सिस्टम मौजूद हैं, जैसे कि हारोप ड्रोन और न्यूस्पेस के स्वार्म यूएवी सिस्टम. ये सिस्टम न केवल पाकिस्तान के समान हैं, बल्कि तकनीकी रूप से अधिक उन्नत हैं, खासकर स्वार्म ड्रोन और एकीकृत डिफेंस सिस्टम के मामले में. भारत का ड्रोन उद्योग तेजी से बढ़ रहा है, और सरकार की ‘आत्मनिर्भर भारत’ नीति इसे और मजबूत कर रही है.

भारत का ट्यूब-लॉन्च ड्रोन सिस्टम

ट्यूब-लॉन्च ड्रोन सिस्टम में भारत किसी से कम नहीं है. भारतीय अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) ने ड्रोन तकनीक में महत्वपूर्ण प्रगति की है और भारत के पास ट्यूब-लॉन्च सिस्टम मौजूद हैं, जो सैन्य और रणनीतिक मकसद से यूज किए जा सकते हैं.

हारोप ड्रोन (Harop Drone)

रिपोर्ट्स के अनुसार, भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में इजरायली मूल के हारोप (Harop) ड्रोन्स का इस्तेमाल किया, जो ट्यूब-लॉन्च सिस्टम से तैनात किए जाते हैं. ये लॉइटरिंग म्यूनिशन्स रडार-सीकिंग क्षमताओं के साथ हाई-वैल्यू टारगेट्स, जैसे पाकिस्तान के लाहौर में एयर डिफेंस सिस्टम, को नष्ट करने में सक्षम हैं. हारोप 6 घंटे तक टारगेट क्षेत्र में मंडरा सकता है और GNSS जैमिंग से सुरक्षित है. 135 किलोग्राम वजनी इस ड्रोन की रेंज 1000 किलोमीटर तक है.

हेटेरोजेनियस स्वार्म यूएवी सिस्टम (Heterogeneous Swarm UAV System)

भारत का डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गनाइजेशन (DRDO) और निजी क्षेत्र की कंपनियां, जैसे न्यूस्पेस रिसर्च एंड टेक्नोलॉजीज, स्वदेशी ड्रोन सिस्टम विकसित कर रही हैं. फरवरी 2023 में, भारतीय सेना ने न्यूस्पेस द्वारा विकसित हेटेरोजेनियस स्वार्म यूएवी सिस्टम को शामिल किया, जो ट्यूब-लॉन्च सिस्टम से ऑपरेट हो सकता है.

स्वार्म ड्रोन टेक्निक

भारत की स्वार्म ड्रोन टेक्निक, जिसमें कई ड्रोन एक साथ समन्वित रूप से काम करते हैं. ड्रोन को रणनीति के तहत एक झुंड में फैलाया जाता है, जिसे स्वार्म ड्रोन तकनीक कहते हैं. ये ड्रोन न केवल हल्के वजन वाले और कम लागत वाले हैं बल्कि ये हाई टेक आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (AI) से भी लैस है जो इन्हें भविष्य के युद्ध के लिए खास बनाती है. यह रडार या एयर डिफेंस सिस्टम को धोखा देने में सक्षम है. स्वार्म ड्रोन 50 किलोमीटर तक उड़ सकता है और महज 500 मीटर की दूरी से दुश्मन के क्षेत्र में निशाना

साध सकता है.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Copy Protected by Chetan's WP-Copyprotect.