Chaitra Navratri 2021: 13 अप्रैल से शुरू हो रहे हैं चैत्र नवरात्रि, जानें शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और इसके महत्व

नई दिल्ली: इस बार चैत्र नवरात्रि 13 अप्रैल मंगलवार से शुरू होने जा रहे हैं. नवरात्रि में हिन्दू धर्म के अनुसार मां नव दुर्गा के नौ स्वरूपों की विधि-विधान के साथ पूजा-अर्चना की जाती है. इस पावन पर्व की शुरूआत घटस्थापना के साथ की जाती है, जिसका हिन्दू धर्म में विशेष महत्व माना जाता है.
हिन्दू धर्म के अनुसार, नवरात्रि के पहले दिन शुभ मुहूर्त के अनुसार ही घटस्थापना करने के बाद मां शैलपुत्री की आराधना करने का विधान है. पहले दिन के अलावा चैत्र नवरात्रि में षष्टी, महा सप्तमी, महा अष्टमी, महा नवमी का विशेष महत्व रहता है.
तो चलिए जानते हैं. इस बार के चैत्र नवरात्रि के घटस्थापना का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व. चैत्र नवरात्रि में घटस्थापना के नियम और मुहूर्त का समय.
घटस्थापना शुभ मुहूर्तः-
घटस्थापना मुहूर्त- सुबह 5:58 से 10:14 तक
अवधि- 4 घण्टे 16 मिनट
घटस्थापना का अभिजीत मुहूर्त- सुबह 11:56 से 12:47 बजे तक
अवधि- 1 घण्टे 51 मिनट
घटस्थापना मुहूर्त प्रतिपदा तिथि पर है
प्रतिपदा तिथि प्रारम्भ- अप्रैल 12, 2021 को 8:00 बजे तक
प्रतिपदा तिथि समाप्त- अप्रैल 13, 2021 को 10:16 बजे तक
घटस्थापना का महत्व
नवरात्रि में घटनास्थापना, जिसे कलश स्थापना भी कहा जाता हैं जिसका काफी विशेष महत्व माना जाता है. यह नवरात्रि को पहला दिन होता है और इसी दिन से नवरात्रि पर्व का आरंभ हो जाता है. इसी के साथ सनातन धर्म की मानें तो, किसी भी शुभ कार्य रे लिए कलश स्थापना करना काफी शुभ माना जाता है.
कहते हैं कि कलश को शास्त्रों में भगवान गणेश की संज्ञा दी गई है और इसी लिए हर पूजा और मंगल कार्य से पहले गणेश भगवान की वंदना की जाती है, जिसमें कलश की स्थापना पूरे विधि-विधान के बाद कोई भी शुभ कार्य शुरू किया जाता है.
कैसे करें कलश स्थापना व देवी आराधना
चैत्र नवरात्रि के नौ दिन तक नौ माताओं की पूजा-अर्चना, अखंड दीप साधना, व्रत उपवास, दुर्गा सप्तशती व नवार्ण मंत्र का जाप करें. अष्टमी को हवन व नवमी को नौ कन्याओं का पूजन करें. वैश्विक महामारी कोरोना के चलते अपनी और दूसरों की सुरक्षा का ख्याल जरूर रखें.