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*यू पी आगरा*
*पर्यटन-संस्कृति मंत्रालय के निर्देश: ताजमहल में लगेंगे टर्न स्टाइल गेट, जानिए- कैसे करेंगे ये काम*
ताजमहल में अब टर्न स्टाइल गेट लगाने पर विचार हो रहा है। इस पर पर्यटन एवं संस्कृति मंत्रालय ने भी अपनी सहमति दे दी है। अब शासनादेश जारी होना है। इस व्यवस्था से टिकटों की रीसेलिंग पर रोक लगेगी। टिकट पर अंकित बार कोड को रीड करने के बाद ही गेट खुलेगा। उसके बाद सैलानी प्रवेश कर सकेगा। इससे सैलानियों के तीन घंटे ताज में ठहरने और बाहर निकलने की भी व्यवस्था बन जाएगी।
गत दिवस केंद्रीय संस्कृति सचिव रवींद्र सिंह के सामने तमाम प्रस्ताव रखे गए थे। जब ये चर्चा हुई कि सैलानियों के ताजमहल में विजिट करने का समय तीन घंटे रहेगा तो बात उठी कि ये संभव कैसे होगा। इस पर टर्न स्टाइल गेट लगाने पर विचार किया गया। टर्न स्टाइल गेट लगने के बाद सैलानी अपनी मर्जी से न ताज में प्रवेश कर सकेगा और न ही बाहर निकल सकेगा। प्रवेश करने के लिए सैलानी को अपने टिकट पर अंकित बार कोड को गेट के पास लगे सिस्टम पर रखना होगा। उस बार कोड को सिस्टम रीड कर लेगा। उसके बाद गेट खुल जाएगा। सैलानी जब ताजमहल देखकर बाहर निकलेगा तो उसे फिर से बार कोड को रीड कराना होगा। उसके बाद ही गेट खुलेगा और वह बाहर निकल सकेगा। यदि तीन घंटे से ज्यादा का समय हो जाता है तो बार कोड रीड नहीं करेगा और न ही गेट खुलेगा। इस स्थिति में उसे दूसरी टिकट लेनी होगी। ये टिकट अंदर से ही मिल जाएगी। ऐसी व्यवस्था करने पर विचार किया गया। सैलानी द्वारा दूसरी टिकट के बार कोड को रीड कराने के बाद गेट खुलेगा और वह बाहर निकल सकेगा।
क्या है टर्न स्टाइल गेट
मेट्रो स्टेशन की तरह टर्न स्टाइल गेट होगा। इसमें लगे सिस्टम में ताज की टिकट को रीड कराना होगा। बिना बार कोड को रीड कराए कोई भी न अंदर प्रवेश कर सकेगा और न ही बाहर निकल सकेगा। यह प्रयोग ताजमहल के पूर्वी और पश्चिमी गेटों पर होगा। किसी स्मारक पर यह पहला प्रयोग होगा
*राजधानी लखनऊ*
*यूपी: 2018 में दो लाख से ज्यादा शिक्षक भर्तियां, प्राइमेरी स्कूलों में भरे जाएंगे 1.5 लाख से ज्यादा पद*
यूपी में शिक्षक बनने का ख्वाब रखने वाले युवाओं के लिए वर्ष 2018 की झोली में बहुत कुछ है। इस वर्ष 2 लाख से भी ज्यादा शिक्षकों की भर्ती होंगी। इन भर्तियों में बीटीसी (डीएड) और बीएड दोनों ही डिग्रीधारकों को मौका मिलेगा।
सरकारी प्राइमरी स्कूलों के लिए 68,500 सहायक अध्यापकों की भर्ती की तैयारियां चल रही हैं, वहीं इतने ही पद और रिक्त हैं। पहले चरण में 68,500 शिक्षक भर्ती की लिखित परीक्षा यूपी बोर्ड परीक्षाओं से पहले होनी है। वहीं दूसरे चरण में इतनी संख्या में ही शिक्षकों की भर्ती इस वर्ष के अंत तक हो सकती हैं। बेसिक शिक्षा विभाग ने शिक्षामित्रों का समायोजन रद्द होने के बाद रिक्त पदों के आकलन में पाया कि 1.37 लाख पद खाली हैं। लिहाजा इनमें से आधे यानी 68,500 पदों पर भर्तियों की कार्रवाई शुरू हो चुकी है। बाकी बचे हुए पद पर भर्ती इन भर्तियों के पूरे होने के बाद होंगी।
वहीं 32,000 अनुदेशकों के पदों पर भी भर्तियां इस वर्ष होंगी। ये पद संविदा के आधार पर भरे जाएंगे। शिक्षा का अधिकार कानून के तहत जूनियर हाईस्कूल में अनुदेशकों की तैनाती की जा रही है। इसके अलावा 12,460 सहायक अध्यापक और 4000 उर्दू शिक्षक के पद पर भी काउंसिलिंग की शुरुआत इसी वर्ष होगी। इन पदों पर आवेदन लिए जा चुके हैं लेकिन काउंसिलिंग नहीं हुई हैं। वहीं 10000 और 16448 सहायक अध्यापक और 29334 जूनियर शिक्षक भर्ती में भी लगभग 6-7 हजार पद खाली रह गए थे। इन पदों पर भी काउंसिलिंग शुरू की जा रही है। सरकारी प्राइमरी स्कूलों में केवल बीटीसी की डिग्री रखने वाले युवाओं को ही मौका दिया जाएगा।
माध्यमिक शिक्षा में भी मौका
बीएड की डिग्री रखने वालों के लिए माध्यमिक शिक्षा विभाग भर्तियां खोलेगा। लोक सेवा आयोग ने इसकी लिखित परीक्षा की तारीख 6 मई घोषित कर दी है। इन पदों पर माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड के गठन के बाद भर्तियां होंगी।
सरकारी प्राइमरी स्कूलों में होगी इन पदों पर भर्तियां-
68500 सहायक अध्यापक
12460 सहायक अध्यापक
4000 सहायक अध्यापक
68000 सहायक अध्यापक
32000 अनुदेशक
माध्यमिक शिक्षा विभाग
9668 एलटी ग्रेड राजकीय इंटर कॉलेज
10,000 सहायक अध्यापक, (सहायता प्राप्त इंटर कॉलेज)
*यू पी कानपुर*
*लीड पांच डिग्री पहुंचा पारा, शीतलहर से कांपे लोग*
सर्दी ने कहर बरपाना शुरू कर दिया है। बुधवार को पारा लुढ़कर कर पांच डिग्री रह गया और पूरे दिन धूप के दर्शन न होने से आम लोग क ांप उठे। सर्दी का सितम ऐसा रहा कि दिन भर बाजारों में सन्नाटा पसरा रहा और आग के सहारे लोग सर्दी से पिंड छुटाते हुए दिखाई दिए। अधिकांश लोग घरों में दुबके रहते है तो कुछ लोग आग के सामने बैठकर दिन गुजार रहे है। दूसरी तरफ सर्दी की वजह से गरीब, बेसहारों का भी हाल बेहाल रहा।
जनवरी माह के पहले दिन से ही शुरू हुआ सर्दी का असर सितम ढा रहा है। अभी तक सर्दी न पड़ने से मायूस दिख रहे किसानों के चेहरों पर खुशी है तो गरीबों की ऐसे मौसम में बन आई है। बेसहाराओं को केवल आग का ही सहारा है। बुधवार को मौसम के तेवर तल्ख रहने से गरीब कराह उठे। सुबह से ही सूर्यदेव के दर्शन न होने से ठंड से ही दिन की शुरूआत हुई और पूरे दिन शीतलहर चलने से लोग घरों से निकलने का साहस नहीं जुटा पाए। सरकारी दफ्तरों में कामकाज कम हुए और कर्मचारी कार्यालयों के बाहर लगे अलावों पर बैठकर धूप सेंकते हुए दिखाई दिए। बाजारों में भी सन्नाटा पसरा रहा। सर्दी के मौसम का असर यह है कि ऊनी कपड़ों की दुकानों पर ग्राहकों की बेतहाशा भीड़ उमड़ रही है और ऐसे में दुकानदार खुश हैं लेकिन गरीबों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। खुले में रात बिताने वालों को केवल अलावों का ही सहारा है लेकिन इंतजाम अभी भी दुरु स्त नहीं हैं। मौसम विशेषज्ञों की मानें तो सर्दी अभी इसी तरह जारी रहेगी ऐसे में लोगों की मुश्किलें बढ़ेंगीं।
[*यू पी आगरा*