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[Gujarat Election 2017: दूसरे चरण का मतदान खत्म, EVM में कैद उम्मीदवारों की किस्मतPublish Date:Thu, 14 Dec 2017 06:13 PM (IST)आखिरी चरण की 93 सीटों पर सुबह 8 बजे से शाम 5 बजे तक मतदान हुआ। चुनाव आयोग के मुताबिक, दोपहर 4 बजे तक 62.24 फीसद मतदान रिकॉर्ड किया जा चुका है।…

अहमदाबाद । गुजरात विधानसभा चुनाव के लिए दूसरे चरण का मतदान खत्म हो गया है। आखिरी चरण की 93 सीटों पर सुबह 8 बजे से शाम 5 बजे तक मतदान हुआ। मतदान खत्म होने के साथ ही 851 उम्मीदवारों की किस्मत ईवीएम में कैद हो गई है। गुरुवार के दिन भी मतदाताओं ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। प्रधानमंत्री मोदी और भाजपा नेता आडवाणी समेत कई दिग्‍गज नेताओं ने मतदान किया। चुनाव आयोग के मुताबिक, दोपहर 4 बजे तक 62.24 फीसद मतदान रिकॉर्ड किया जा चुका है।
मोदी, आडवाणी समेत कई दिग्गजों ने भी डाला वोट
मतदान के लिए कई राजनीतिक दिग्‍गज भी कतार में लगे। इस क्रम में जहां साबरमती के राणिप बूथ पर वोट डालने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाइन में लगकर अपनी बारी का इंतजार किया वहीं अहमदाबाद जिले के जमालपुर खडिया में भाजपा के वरिष्‍ठ नेता लाल कृष्‍ण आडवाणी ने भी वोट डाला। वोट डालने के बाद पीएम ने वहां मौजूद लोगों से मुलाकात भी की। उन्होंने अपने बड़े भाई सोम मोदी के पैर छूकर आशीर्वाद भी लिया। इस दौरान वहां मौजूद लोगों में खासा उत्साह देखने को मिला। मतदान के बाद पीएम मोदी ने उंगली में लगी वोटिंग की स्याही भी लोगों को दिखाई। इसके बाद पीएम मोदी अपनी गाड़ी सवार होकर वहां से रवाना हो गए।
आचार संहिता का उल्‍लंघन: गहलोत
वहीं कांग्रेस के अशोक गहलोत ने पीएम का रोड शो करार देते हुए इसे आचार संहिता का उल्‍लंघन बताया है। उन्‍होंने कहा, ऐसा लग रहा है कि चुनाव आयोग पर प्रधानमंत्री का दबाव है।
इससे पहले गुजरात के मुख्य निर्वाचन अधिकारी समेत पीएम मोदी की मां हीरा बेन, पूर्व मुख्यमंत्री आनंदी बेन पटेल, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह, वित्त मंत्री अरुण जेटली, उप मुख्‍यमंत्री नितिन 
EVM को ब्‍लूटूथ से कनेक्ट करने की शिकायत
गुजरात के मुख्‍य चुनाव अधिकारी बीबी स्‍वैन ने कहा, ‘पहले चरण की तुलना में दूसरे चरण के मतदान के दौरान इवीएम खराब होने के 50 फीसद से भी कम मामले सामने आए हैं। हमारा लक्ष्‍य है कि जल्‍द से जल्‍द खराब इवीएम को बदला जाए।‘ उन्‍होंने कहा, घाटलोडिया और मेहसाणा में पोलिंग बूथों पर ब्‍लूटूथ की मौजूदगी के बारे में दो शिकायतें मिली जिसके बाद हमने अपने पर्यवेक्षकों को मौके पर भेजा।
बता दें कि भाजपा ने सभी 93, कांग्रेस ने 91, राकांपा 28, बसपा 75, आप 8, शिवसेना 17 और जदयू ने 14 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे। इसके अलावा, 350 निर्दलीय तथा गैर मान्यता प्राप्त दलों के 170 उम्मीदवारों ने भी चुनाव में हिस्सा लिया।
मतदान की कतार में दिग्‍गज भी शामिल
पूर्व क्रिकेटर नयन मोंगिया ने वडोडरा के अकोटा में वोट डाला। कांग्रेस के राज्य प्रमुख भरत सिंह सोलंकी ने आनंद में वोट डाला।  गुजरात के मुख्य निर्वाचन अधिकारी बीबी स्‍वैन ने गांधीनगर में अपना वोट डाला। उप मुख्‍यमंत्री नितिन पटेल ने मेहसाणा के काडी में मतदान किया। वे कांग्रेस के जीवभाई पटेल के खिलाफ भाजपा की ओर से चुनाव लड़ रहे हैं।
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने अहमदाबाद के वेजलपुर में मतदान किया। गांधीनगर में 97 वर्षीय पीएम मोदी की मां हीराबेन ने वोट डाला और कहा, ‘हे राम, गुजरात का भला करें।‘ वहीं भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने भी लोगों से मतदान की अपील की।
इसके अलावा वोट डालने पहुंचे वाघेला ने राहुल की तारीफ की और बताया कि राहुल अच्छे इंसान हैं। उन्‍होंने कहा, कांग्रेस ने जो एक महीने में किया वो 6 महीने पहले करना था। वीरमगाम में पाटीदार नेता हार्दिक पटेल ने भी अपनी मां ऊषा पटेल और पिता भरत पटेल के साथ मतदान किया और कहा कि 100 सीटों पर कांग्रेस की जीत होगी। हार्दिक पटेल ने कहा, चुनाव लड़ने का फैसला ढाई साल बाद लेंगे। पटेल ने कहा कि उन्‍हें चुनाव के परिणाम का डर नहीं है। चुनाव के वक्‍त लोग आरोप लगाते हैं, गुजरात के 6 करोड़ लोगों की जीत होगी और बदलाव की लहर आएगी।
ईवीएम में खराबी की शिकायत
इस बीच कई जगहों से इवीएम में खराबी की भी खबर मिली। पोलिंग ऑफिसर गौरांग राणा ने बताया की सानखेडा के सोधालिया गांव में छोटा उदयपुर के इवीएम की खराबी को ठीक किया गया। इस वजह से पूरे 50 मिनट तक वोटिंग की प्रक्रिया बाधित रही। इससे पहले पालनपुर के एक बूथ पर इवीएम के खराब होने से लोगों में नाराजगी की खबर थी। वहीं पाटन के दो मतदान केंद्रों पर भी 
सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम
चुनाव आयोग ने 25,575 बूथ पर मतदान के लिए सवा लाख कर्मचारियों को नियुक्त किया। वहीं अर्द्धसैनिक बलों की कंपनियां तैनात की गईं। अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक मोहन झा ने बताया कि चुनाव के दौरान सुरक्षा व्यवस्था के लिए राज्य में 38 हजार पुलिस के जवान, 35 हजार होमगार्ड, सैकडों की संख्या में अर्द्धसैनिक बलों की कंपनियां, 12 आरएएफ, अहमदाबाद में एसआरपी की 25 कंपनी कानून व्यवस्था की बहाली के लिए व अन्य 50 कंपनी राज्य के विविध शहरों में नियुक्त हैं।
मतदाताओं के आंकड़े
गुजरात चुनाव में शामिल 18 से 25 आयु वर्ग के मतदाताओं की कुल संख्या 37,37,450 है। इसमें 21,20,421 पुरुष महिला मतदाता शामिल हैं, जबकि 16,16,880 महिला मतदाता हैं। इसमें 149 अन्य मतदाता शामिल हैं। वहीं 26 से 40 आयु वर्ग के मतदाताओं की संख्या 80,91,737 है। इसमें 41,99,901 पुरुष और 38,91,655 महिला मतदाता शामिल हैं, जबकि अन्य 181 हैं। 41 से 60 आयु वर्ग के लोगों की संख्या 74,15,727 है। इसमें 37,80,873 पुरुष और 36,34,757 महिला मतदाता है, जबकि 97 अन्य शामिल हैं। वहीं 60 वर्ष से आयु ज्यादा उम्र के मतदाताओं की संख्या 30,51,953 है। इसमें पुरुष मतदाताओं की संख्या 14,46,240 और महिला मतदाताओं की संख्या 16,05,685 है जबकि 28 अन्य शामिल हैं। 
दूसरे चरण में कुल 851 उम्मीदवार
दूसरे चरण में कुल 851 उम्मीदवारों की किस्मत ईवीएम में कैद हो गई है। इसमें 782 पुरुष उम्मीदवार हैं, जबकि 69 महिला उम्मीदवार शामिल हैं। सबसे ज्यादा उम्मीदवार सूबे की मेहसाना विधानसभा सीट पर चुनाव लड़ रहे हैं। इस सीट पर कुल 34 उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं। जबकि सबसे कम उम्मीदवार जलोड विधानसभा सीट पर है। यहां मात्र दो उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं। 
गौरतलब है कि प्रथम चरण का मतदान राज्य में पूरी तरह शांतिपूर्ण माहौल में संपन्न हुआ लेकिन दूसरे चरण में उत्तर गुजरात विशेषकर पाटीदार आरक्षण आंदोलन प्रभावित क्षेत्र में शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस व जवान पूरी तरह मुस्तैद हैं। पुलिस व कर्मचारियों को लाने ले जाने के लिए 4 हजार एसटी बसेलगाई है। 
दूसरे चरण की प्रमुख बातें
सीटें – 93
मतदान केन्द्र 25,575
मतदाता 2 करोड 22 लाख
प्रत्याशी 852
प्रमुख दल
भाजपा, कांग्रेस, एनसीपी, जनविकल्प – आलइंडिया हिनदुस्तान कांग्रेस, शिवसेना, जदयू, भारतीय ट्राइबल पार्टी, समाजवादी पार्टी, माकपा, भाकपा, जनशक्ति पार्टी आदि। 
जिले 14 
अहमदाबाद, गांधीनगर, मेहसाणा, पाटण, साबरकांठा, बनासकांठा, अरावली, महीसागर, पंचमहल, दाहोद, छोटा उदयपुर, वडोदरा, आणंद, खेडा। 
[12/14, 10:00 PM] mamtasingh45ju: जानिए क्यों और कैसे खुलने लगी है एक्जिट पोल्स की पोल
एक्जिट पोल इस धारणा के तहत किए जाते हैं कि व्यक्ति जब वोट देकर निकलता है तो वह सही बोलता है। एक समय तो यह धारणा एक हद तक सही थी, लेकिन समय के साथ लोगों का रुख-रवैया बदला है।…

पोल के नतीजे चाहे जितनी दिलचस्पी जगाते हों और चर्चा का विषय बनते हों, वे अब मुश्किल से ही सटीक साबित होते हैं। पिछले कुछ समय से वे गलत साबित होने के लिए अभिशप्त से हैं। इसी वर्ष के प्रारंभ में हुए उत्तर प्रदेश के चुनाव में कोई एजेंसी यह भांपने में नाकाम रही थी कि भाजपा को 325 सीटें मिल सकती हैं। सीएसडीएस का एक्जिट पोल तो सपा-कांग्रेस के गठबंधन को भाजपा से कहीं आगे बता रहा था।
केवल टुडे चाणक्य ने भाजपा को 285 के आसपास सीटें मिलने का अनुमान लगाया था। इसी टुडे चाणक्य ने पंजाब के बारे में यह अनुमान लगाया था कि कांग्रेस और आम आदमी पार्टी, दोनों को 54 सीटों के आसपास सीटें मिलेंगी, लेकिन केजरीवाल की पार्टी को केवल 20 सीटें ही मिल पाईं। इसी के बाद से वह ईवीएम को अपने निशाने पर लिए हुए है। यही रवैया उत्तर प्रदेश में बहन जी की पार्टी- बसपा ने अपना दिखाया, जब उसके खाते में केवल 19 सीटें ही आईं।

एक तरह से असफल एक्जिट पोल हार से खिसियाए हुए राजनीतिक दलों को ईवीएम विरोध की राजनीति करने का मौका देने का काम कर रहे हैं। ऐसे राजनितक दल आम तौर पर इन तर्कों की आड़ लेते हैं कि हमारी सभाओं में भारी भीड़ उमड़ रही थी और एक्जिट पोल भी हमारी मजबूती बयान कर रहे थे। ध्यान रहे कि बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान मोदी की रैलियों में भारी भीड़ देखकर ऐसा लगता था कि भाजपा पहली बार सत्ता में आ सकती है, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।

एक्जिट पोल इस धारणा के तहत किए जाते हैं कि व्यक्ति जब वोट देकर निकलता है तो वह सही बोलता है। एक समय तो यह धारणा एक हद तक सही थी, लेकिन समय के साथ लोगों का रुख-रवैया बदला है। वोटर समझदार हो गए हैं। वे मुश्किल से ही सच बयान करते हैं। कई बार तो वे पूछने वाले की मंशा के हिसाब से ऐसे जवाब दे देते हैं कि यहां तो इनकी हवा थी, इसलिए इन्हें ही वोट दे दिया। वोटर इस हिचक के चलते भी सही नहीं बताते कि अगर उन्होंने यह बता दिया कि वोट किसे दिया और वह प्रत्याशी या पार्टी चुनाव नहीं जीती तो वह गलत साबित होगा। आज कोई भी खुद को या फिर अपनी राजनीतिक समझ को औरों की निगाह में गलत साबित होते हुए नहीं देखना चाहता।

एक्जिट पोल की सफलता सैंपल साइज की संख्या और उनकी गुणवत्ता पर निर्भर करती है। ज्यादा सैंपल साइज वाले एक्जिट पोल के सही होने की ज्यादा संभावना होती है। इसी के साथ इसका भी महत्व होता है कि जो मतदान केंद्र सैंपल के लिए चुने गए वे मिश्रित आबादी के हिसाब से आदर्श हैं या नहीं? इसके अलावा एक्जिट पोल करने वालों की भी एक भूमिका होती है। अगर यह काम करने वाले केवल खानापूर्ति करने की फिराक में रहते हैं तो फिर नतीजा एक्जिट पोल की पोल खोलने वाला ही रहता है।
[12/14, 10:00 PM] mamtasingh45ju: देश की सबसे बड़ी मस्जिद की मीनारों में दरार, शाही इमाम ने PM से मांगी तारिक बुखारी ने बताया है कि मीनारों की दरारों से बरसात के दिनों में पानी अंदर आता है।…

नई दिल्ली (जेएनएन)। देश की सबसे बड़ी मस्जिद में शुमार जामा मस्जिद मीनारों में कई जगहों पर दरार आ गई है। आरोप है कि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) और दिल्ली वक्फ बोर्ड की लापरवाही और अनदेखी के चलते मस्जिद के ऐसे हालात हुए हैं।

यहां पर बता दें कि लाल किले से महज 500 मीटर की दूरी पर जामा मस्जिद को भारत की सबसे बड़ी मस्जिद माना जाता है। इसका निर्माण सन् 1656 में सम्राट शाहजहां ने किया था।

इस बारे में मस्जिद के शाही इमाम सैय्यद अहमद बुखारी का कहना है कि उन्होंने साल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखकर इसकी फौरन मरम्मत करने की मदद मांगी थी। साथ ही, आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (एएसआई) से कई बार अपील कर कहा गया है कि स्थिति तेज़ी से खराब होती जा रही है।

बताया जा रहा है कि पूरी इमारत में कई जगहों पर दरारें आ गई हैं। इतना ही नहीं, मस्जिद का अंदरूनी प्लास्टर भी कई जगहों से उखड़ रहा है।

मौजूद जामा मस्जिद सलाहकार समिति के तारिक बुखारी के मुताबिक, मीनारों की मरम्मत जल्द से जल्द कराए जाने की आवश्यकता है। तारिक बुखारी ने बताया है कि मीनारों की दरारों से बरसात के दिनों में पानी अंदर आता है।

उनके मुताबिक, 361 साल पुरानी इस आलीशान ‘मुगलिया’ मस्जिद के केंद्रीय गुंबद की हालत इतनी खराब है कि उसके अंदर का प्लास्टर उखड़ रहा है और उसमें दरारें पड़ गई हैं। बता दें कि केंद्रीय गुंबद के नीचे खड़े होकर शाही इमाम अपना खुतबा देते हैं और नमाज पढ़ाते हैं।

कहा जा रहा है कि बारिश के दौरान बरसात का पानी बाहर की गुंबद से अंदर की गुंबद पर टपकता है और अंदर की गुंबद से वह मस्जिद की छत पर पहुंच जाता है। इसकी वजह से छत में सीलन पड़ गई है।

जामा मस्जिद दिल्‍ली दुनिया की सबसे बड़ी और संभवतया सबसे अधिक भव्‍य मस्जिद है। यह लाल क़िले के समाने वाली सड़क पर है। पुरानी दिल्ली की यह विशाल मस्जिद मुग़ल शासक शाहजहां के उत्‍कृष्‍ट वास्‍तुकलात्‍मक सौंदर्य बोध का नमूना है, जिसमें एक साथ 25,000 लोग बैठ कर प्रार्थना कर सकते हैं।

इस मस्जिद का माप 65 मीटर लंबा और 35 मीटर चौड़ा है, इसके आंगन में 100 वर्ग मीटर का स्‍थान है। 1656 में निर्मित यह मुग़ल धार्मिक श्रद्धा का एक विशिष्‍ट पुन: स्‍मारक है। इसके विशाल आंगन में हजारों भक्‍त एक साथ आकर प्रार्थना करते हैं। जामा मस्जिद लाल क़िले से 500 मीटर की दूरी पर स्थित है।

बताया जाता है कि इसे बादशाह शाहजहां ने एक प्रधान मस्जिद के रूप में बनवाया था। एक सुंदर झरोखेनुमा दीवार इसे मुख्‍य सड़क से अलग करती है।

पुरानी दिल्‍ली के प्राचीन कस्‍बे में स्थित यह स्‍मारक 5000 शिल्‍पकारों द्वारा बनाया गया था। यह भव्‍य संरचना भौ झाला पर टिकी है जो शाहजहांना बाद में मुग़ल राजधानी की दो पहाड़ियों में से एक है। इसके पूर्व में यह स्‍मारक लाल क़िले की ओर स्थि‍त है और इसके चार प्रवेश द्वार हैं,
[12/14, 10:00 PM] mamtasingh45ju: दिल्ली के लाखों लोगों को लगने वाला है जोर का झटका, जानें इसकी
फीस बढ़ाने के मद्देनजर कई स्कूलों ने अभिभावकों को सूचना भेजना भी शुरू कर दिया है।…

नई दिल्ली । राजधानी के निजी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के अभिभावकों को नए साल से अपनी जेब ढीली करनी पड़ सकती है। फीस बढ़ाने व एरियर वसूलने के लिए निजी स्कूलों ने तैयारियां शुरू कर दी है। इसके तहत कई स्कूलों ने अभिभावकों को सूचना भेजना भी शुरू कर दिया है।

दिल्ली के निजी स्कूलों में सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू की जानी है, जिसके तहत स्कूल के कर्मचारियों को एक जनवरी 2016 से बढ़ा हुआ वेतन दिया जाएगा। इसके लिए शिक्षा निदेशालय ने निजी स्कूलों के लिए 15 फीसद तक ट्यूशन फीस बढ़ाने व बकाया वसूलने का विकल्प खुला रखा है।

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निदेशालय के इन्हीं निर्देशों के अनुरूप निजी स्कूलों ने भी नए साल से ट्यूशन फीस में व 23 महीने तक का एरियर वसूलने की तैयारी शुरू कर दी है।

शेख सराय स्थित एपीजे स्कूल समेत कई निजी स्कूलों ने अभिभावकों को बढ़ी हुई फीस व एरियर के बारे में अवगत भी करा दिया है।

एपीजे स्कूल ने प्रत्येक महीने करीब नौ सौ रुपये ट्यूशन फीस बढ़ाने का फैसला लिया है, जबकि 23 महीने के एरियर के रूप में तकरीबन 17 हजार रुपये वसूले जाने हैं।

स्कूल द्वारा अभिभावकों को भेजे गए पत्र के मुताबिक एरियर दो भागों में फरवरी तक वसूला जाएगा। मथुरा रोड स्थित दिल्ली पब्लिक स्कूल (डीपीएस) के प्रधानाचार्य मनोहर लाल का कहना है कि डीपीएस पिछले साल दिवाली से ही अपने कर्मियों को सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के अनुरूप वेतन दे रहा है।

वहीं, हाल ही में फीस में मामूली बढ़ोतरी की गई है तो इस प्रक्रिया के तहत डीपीएस की किसी भी शाखा में अपने बच्चों को पढ़ा रहे अभिभावकों को अतिरिक्त बोझ
[12/14, 10:00 PM] mamtasingh45ju: क्या हुआ जब आजम खां ने पकड़ लिया

लखनऊ, सपा नेता आजम खान को आप ने हमेशा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर शब्द बाण चलाते हुए देखा और सुना हेागा। लेकिन गुरुवार को विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान जिसने भी योगी और आजम को देखा सन्न रह गया। दोनों एक एक दूसरे का हाथ पकड़ कर सदन में पहुंचे।

शीतकालीन सत्र की शुरूआत
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने गुरुवार 14 दिसंबर को 17वीं विधानसभा के पहले शीतकालीन सत्र का आयोजन किया था, जिसके तहत राजधानी लखनऊ स्थित विधानसभा में शीतकालीन सत्र की कार्यवाही शुरू हुई थी। हालांकि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को सर्वदलीय बैठक का आयोजन किया था, जिसमें विपक्ष सहित सभी दलों के नेताओं को आमंत्रित किया गया था और सदन चलाने के लिए आपसी सहमती पर विचार किया गया।

विपक्ष ने पहले कर ली बैठक
योगी द्वारा सर्वदलीय बैठक करने के पहले विपक्ष दलों ने भी अपनी बैठक कर विचार विमर्श किया। जिसमें शीतकालीन सत्र में सरकार को कई मुद्दों पर घेरने की रूपरेखा तैयार की गयी थी। गौरतलब है कि, सपा नेता आजम खान अक्सर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को लेकर निशाना साधते रहते हैं, लेकिन गुरुवार को विधानसभा में एक हैरान करने वाला वाक्या हुआ।

आजम योगी ने पकड़ा हाथ
गुरुवार को जिसने भी विधानसभा में योगी और आजम को देखा वो हैरान रह गया। सामान्य मुदृदों पर एक दूसरे का विरोध करने वाले नेता एक साथ दिखे। शीतकालीन सत्र के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सरकार का नेतृत्व करने के लिए सदन जा रहे थे। जैसे ही वो विधानसभा की गैलरी में पहुंचे, उसी वक्त समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान भी गैलरी में पहुंच गए। जिसके बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और आजम खान एक-दूसरे से मिले और साथ ही विधानसभा के लिए जाने लगे। इस दौरान सपा नेता आजम खान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एक-दूसरे का हाथ भी पकड़े रहे।

हंगामे के बीच सदन की कार्यवाही कल तक के लिए स्थगित
गुरुवार से शीतकालीन सत्र के तहत विधानसभा की कार्यवाही शुरू की गयी थी, लेकिन विपक्षी दल सुबह से ही लगातार हंगामे पर हंगामा कर रहे थे। गौरतलब है कि, यह हंगामा दोनों ही सदनों में जारी था। जिसके तहत विधानसभा अध्यक्ष ने दोनों सदनों की कार्यवाही को शुक्रवार तक के लिए स्थगित कर दिया है।

योगी सरकार के दो विधेयक
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने गुरुवार को 17वीं विधानसभा के पहले शीतकालीन सत्र का आयोजन किया था। जिसके तहत विपक्ष के हंगामे और 15 मिनट के स्थगन के बाद विधानसभा की कार्यवाही को दोबारा शुरू किया गया था। जिसके बाद योगी सरकार ने सदन में विधेयकों को पेश किया। योगी सरकार ने हंगामे के बीच विधानसभा के पटल पर दो विधेयक रखे। जिनमें से एक विधेयक प्रयागराज मेला प्राधिकरण अध्यादेश और सहकारी समिति संशोधन अध्यादेश को पटल पर रखा गया।

स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह के बयान
विपक्ष सदन को चलने नही दे रहे हैं। सुबह से ही दोनों सदन में हंगामा कर रहे हैं, जबकि भाजपा का हर नेता सकारात्मक जवाब देना चाहते है पर उनका नकरात्मक रवैया है।’यूपीकोका’ से कानून के हाथ मजबूत होंगे, विपक्ष ने इसको ढंग से पढ़ा नही है इससे अपराधियों पर लगाम लगेगी। यूपीकोका का वही लोग विरोध कर रहे है, जिन्होंने उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था को चरमराया है।

नेता विरोधी दल राम गोविंद चौधरी का बयान
देश कृषि प्रधान देश है और अपने प्रदेश की स्थिति भी वही है। किसान कर्जे की माफ़ी की बात कही गई थी, लेकिन सिर्फ लघु किसान के कर्जे भी आधे ही माफ किये गए आज प्रदेश में बिजली के दामो में बढोत्तरी कर दी गई जिससे किसानों की कमर टूट गई आलू के किसान परेशान है उनके आलू नही खरीदे जा रहे है हमारी मांग है कि तत्काल बिजली के बढ़े दाम वापस लिए जाए।

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