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: यौन उत्पीड़न कानून में संशोधन के खिलाफ जनहित याचिका दायर
नई दिल्ली :
राष्ट्रीय राजधानी में 16 दिसंबर 2012 को हुए सामूहिक दुष्कर्म के बाद यौन उत्पीड़न कानून में किए गए संशोधन को लेकर दायर जनहित याचिका पर हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार से जवाब मांगा है। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल और न्यायमूर्ति सी हरिशकर की पीठ ने छह सप्ताह में कानून व न्याय मंत्रालय को शपथ पत्र दाखिल करने का निर्देश दिया। मामले में अगली सुनवाई 23 अप्रैल को होगी।
शिक्षाविद मधु पूर्णिमा किश्वर व दो आरोपियों की तरफ से दायर याचिका में आरोप लगाया है कि यौन अपराध से संबंधित कानून में संशोधन का दुरुपयोग किया जा रहा है। याचिकाकर्ता ने आपराधिक कानून (संशोधन) अधिनियम 2013 को चुनौती देते हुए कहा कि इस कानून के तहत दुष्कर्म के आरोपी के लिए कम से कम सात साल की सजा का प्रावधान किया गया है और कोर्ट अपने विवेक के आधार पर सजा की अवधि को कम कर सकता है। याची ने आरोप लगाया कि कानून को सही तरीके से नहीं तैयार किया गया है और इसका दुरुपयोग किया जा रहा है। ज्यादातर मामलों में बदला लेने के लिए शिकायत दर्ज कराई गई थी। याची ने आपराधिक कानून (संशोधन) अधिनियम, 2013 के तहत यौन अपराधों से संबंधित कानूनों पर भारतीय दंड संहिता, भारतीय साक्ष्य अधिनियम और आपराधिक प्रक्रिया संहिता में संशोधन के कुछ प्रावधानों को कम करने की माग की।
ज्ञात हो कि 16 दिसंबर, 2012 को वसंत विहार में चलती बस में एक युवती के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया गया था और कुछ दिन बाद युवती की उपचार के दौरान सिंगापुर में मौत हो गई थी। घटना के खिलाफ दिल्ली से लेकर पूरे देश में आंदोलन हुआ था। इसके बाद सेवानिवृत्त सुप्रीम कोर्ट के एक जज की अध्यक्षता में गठित समिति ने यौन उत्पीड़न के मामलों से कड़ाई से निपटने के लिए आपराधिक कानून में संशोधन किए जाने का सुझाव दिया था। जिसके बाद यौन उत्पीड़न के कानून
*मोदी सरकार को झटका, एशियाई विकास बैंक ने देश का जीडीपी अनुमान घटाकर 6.7 फीसदी किया*
एशियाई विकास बैंक (एडीबी) ने बुधवार को देश की जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) वृद्धि दर का अनुमान चालू वित्त वर्ष के लिए घटाकर 6.7 फीसदी कर दिया है। इस गिरावट के लिए बैंक ने पहली छमाही के कमजोर प्रदर्शन, नोटबंदी और जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) के लागू होने के बाद की चुनौतियों का हवाला दिया है। बहुपक्षीय ऋणदाता ने वित्त वर्ष 2018-19 के लिए देश का जीडीपी अनुमान 7.4 फीसदी से घटाकर 7.3 फीसदी कर दिया है, जिसका मुख्य कारण कच्चे तेल की अंतरराष्ट्रीय कीमतों में बढ़ोत्तरी तथा देश में स्थिर निजी निवेश को बताया है।
एडीबी ने एशियाई विकास परिदृश्य रपट में कहा है, "वित्त वर्ष 2017-18 की पहली छमाही में उत्साहविहीन विकास दर, साल 2016 के नवंबर में की गई नोटबंदी के असर, नई कर प्रणाली को लागू करने में आनेवाली शुरुआती चुनौतियों, 2017 में अपूर्ण मानसून के कारण कृषि क्षेत्र पर होनेवाले असर को देखते हुए अनुमान है कि भारत की अर्थव्यवस्था अब 6.7 फीसदी की दर से बढ़ेगी, जबकि पहले के अनुमानों में इसके सात फीसदी रहने की बात कही गई थी।
अपने सितंबर के अपडेट में एडीबी ने भारत के विकास दर अनुमान को चालू वित्त वर्ष के लिए घटाकर सात फीसदी कर दिया था, तथा अगले वित्त वर्ष के लिए इसे 7.6 फीसदी से घटाकर 7.4 फीसदी किया था। बता दें कि हाल ही में आए दूसरी तिमाही (जुलाई से सितंबर) के आंकड़ों के मुताबिक जीडीपी दर बढ़कर 6.3 फीसदी पर पहुंच गई। इससे पहले अप्रैल से जून के बीच पहली तिमाही की जीडीपी दर 5.7 फीसदी रही थी। तब मोदी सरकार की खूब आलोचना हुई थी।
*विपक्ष की घेराबंदी में यूपी विधानमंडल का शीतकालीन सत्र हंगामी होने के आसार*
*लखनऊ*
गुरुवार से आरंभ हो रहे विधानमंडल के शीतकालीन सत्र मेेंं हंगामे के आसार हैं। सरकार की घेराबंदी के लिए जहां विपक्ष पूरी तैयारी में है, वहीं सत्ता पक्ष भी जवाब देने को तैयार है। 22 दिसंबर तक चलने वाले सत्र में अनुपूरक बजट के अलावा यूपीकोका जैसे विधेयक भी पारित होंगे। बिजली दर वृद्धि, बिगड़ी कानून व्यवस्था, किसान कर्ज माफी, नगर निकाय चुनाव में गड़बड़ी व महंगाई आदि मुद्दों को विपक्ष पहले ही दिन उठाएगा। उधर सदन की कार्यवाही सुचारू रूप से चलाने के लिए विधानसभा अध्यक्ष हृृदय नारायण दीक्षित से सर्वदलीय बैठक में सभी दलों से सहयोग मांगा। उन्होंने कहा, वाणी व व्यवहार के स्तर पर कार्यवाही मर्यादित और लोकतांत्रिक वातारण में संचालित हो। मुख्यमंत्री व नेता सदन योगी आदित्यनाथ ने व्यक्तिगत आरोप प्रत्यारोप से बचने की सलाह दी। वहीं, नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी ने सदन चलाने में पूरी मदद का आश्वासन देते हुए कहा कि सत्ता पक्ष भी विपक्ष को आईने की तरह देखें।
बुधवार को विधानभवन स्थित सभाकक्ष में आयोजित बैठक में पिछले सत्र में विपक्ष के बहिष्कार की चिंता भी नजर आयी परंतु विपक्षी नेताओं ने भरोसा दिलाया कि सदन चलाने में भरपूर सहयोग किया जाएगा और पूर्ववर्ती सत्र जैसे हालात उत्पन्न नहीं होंगे। विधानसभा अध्यक्ष हृृदयनारायण दीक्षित ने कहा कि जनतंत्र को मजबूत करने की सत्ता व विपक्ष दोनों की जिम्मेदारी होती है। दोनों ही प्रदेश की 22 करोड़ जनता के हितों और भावनाओं के संरक्षक है। वाद-विवाद होने की स्थिति में सदस्यों को संयमित व्यवहार रखना चाहिए।
नेता सदन योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सरकार अधिक से अधिक सदन चलाने व रचनात्मक बहस की पक्षधर है। समस्याओं के निराकरण को शालीनता व सौम्य ढंग से अपनी बात रखनी चाहिए। ऐसा आचरण न हो जिससे सदन की गरिमा गिरे। लोकतंत्र की मजबूती और जनकल्याण को उन्होंने हरसंभव सहयोग का आश्वासन दिया।
बैठक में संसदीय कार्यमंत्री सुरेश खन्ना, नेता विरोधी दल रामगोविंद चौधरी, बसपा के दल नेता लालजी वर्मा, कांग्रेस विधान मंडल दल नेता अजय कुमार लल्लू, अपना दल नेता नीलरतन पटेल, सुहेलदेव राष्ट्रीय समाज पार्टी के ओमप्रकाश राजभर मौजूद रहे।
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चीफ बयूरो
ममता सिंह