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लखनऊ
आईपीएस एसोसिएशन की आज आपात बैठक
भारी दबाव के चलते आज मीटिंग बुलाई गई
मुख्य सचिव के आदेश के विरोध में मीटिंग
यूपी में पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू करने की मांग
प्रवीण सिंह पर अध्यक्ष पद छोड़ने का दबाव
आईपीएस अफसरों में नए आदेश का बड़ा विरोध है
मुख्यमंत्री से मुलाकात का समय मांग सकता है
पीछे नहीं हटेंगे आईपीएस अफसर-सूत्र
सेंट्रल आईपीएस एसोसिएशन ने भी ट्वीट किया था
आईपीएस संघ कमिश्नर प्रणाली की मांग में जुटेगा।

*झारखंड*

*कोयला घोटाला : मधु कोड़ा सहित चार दोषी करार, कल होगा सजा का ऐलान*

*नई दिल्ली: सीबीआई की विशेष अदालत ने कोयला घोटाले के मामले में झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा, पूर्व कोयला सचिव एचसी गुप्ता, झारखण्ड के पूर्वचीफ सेक्टरी अशोक कुमार बसु और एक अन्य को साजिश और आपराधिक षडयंत्र रचने का दोषी पाया गया है। अदालत दोषी की सजा पर फैसला गुरुवार को करेगी। सीबीआई की विशेष अदालत के न्यायाधीश भरत पराशर ने बुधवार को सभी आरोपियों को फैसला सुनाया है। यह मामला झारखंड में राजहरा नॉर्थ कोयला ब्लॉक को कोलकाता की विनी आयरन एंड स्टील उद्योग लिमिटेड (वीआईएसयूएल) को आवंटित करने में कथित अनियमिताओं से संबंधित है।*

सीबीआई की विशेष अदालत के न्यायाधीश भरत पराशर ने बुधवार को सभी आरोपियों को फैसला सुनाए वक्त अदालत में मौजूद रहने का आदेश दिया था। यह मामला झारखंड में राजहरा नॉर्थ कोयला ब्लॉक को कोलकाता की विनी आयरन एंड स्टील उद्योग लिमिटेड (वीआईएसयूएल) को आवंटित करने में कथित अनियमिताओं से संबंधित है।
कोड़ा, गुप्ता और कंपनी के अलावा, मामले में अन्य आरोपी झारखंड के पूर्व मुख्य सचिव ए के बसु, दो लोक सेवक -बसंत कुमार भट्टाचार्य, बिपिन बिहारी सिंह, वीआईएसयूएल के निदेशक वैभव तुलस्यान, कोड़ा के कथित करीबी सहयोगी विजय जोशी और चार्टर्ड अकाउंटेंट नवीन कुमार तुलस्यान शामिल हैं।
*नई दिल्ली*

*सुप्रीम कोर्ट ने दिया आदेश, छह हफ्ते में इंटरनेट से हटाई जाए सेक्स निर्धारण संबंधी सामग्री*

लिंग निर्धारण परीक्षण और उससे जुड़ी सामग्री के इंटरनेट सहित अन्य माध्यमों पर प्रकाशन पर सुप्रीम कोर्ट ने कड़ा रुख अख्तियार कर लिया है। सुप्रीम कोर्ट ने इस केंद्र सरकार की नोडल एजेंसी को आदेश दिया है कि इंटरनेट कंपनियों गूगल, याहू और माइक्रोसॉफ्ट के साथ ही तमाम हित धारकों की बैठक बुलाकर छह हफ्ते के अंदर सेक्स निर्धारण संबंधी सामग्री का प्रकाशन वहां हटा दिया जाए।

बता दें कि इससे पहले देश की शीर्ष अदालत ने फरवरी माह में भी गूगल, याहू और माइक्रोसॉफ्ट को आदेश दिया था कि वह विशेषज्ञों की समिति गठित करके यह तय करें कि प्रसव पूर्व लिंग परीक्षण से संबंधित तमाम सामग्री को अपने माध्यम से हटा लें। जिससे प्रसव पूर्व लिंग परीक्षण पर बने भारतीय कानूनों का उल्लंघन न हो।

*इससे पूर्व 19 सितंबर 2006 को भी सुप्रीम कोर्ट ने इस संबंध में गूगल, याहू और माइक्रोसॉफ्ट को अपनी साइट्स से ऐसी कंटेट हटाने का आदेश दिया था, जिससे पीसीपीएनडीटी अधिनियम 1994 के प्रावधान-22 का उल्लंघन होता हो। कोर्ट ने उस समय इंटरनेट पर दिखने वाले ऐसे शब्दों या की वर्ड को भी हटाने का आदेश दिया था जिससे प्रसव पूर्व लिंग परीक्षण संबंधी कंटेट का पता चलता हो। इस मामले में गूगल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, याहू इंडिया और माइक्रोसॉफ्ट कॉरपोरेशन इंडिया को वादी बनाया गया है।*

*ये था मामला*

असल में गूगल, याहू और माइक्रोसॉफ्ट जैसे सर्च इंजनों पर प्रसव पूर्व लिंग परीक्षण से संबंधित विज्ञापन दिखाए जाने से जुड़ा है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इन सर्च इंजनों पर इस तरह के तमाम विज्ञापन मौजूद हैं, जिससे लिंग परीक्षण को बढ़ावा मिलता है। जबकि भारत में प्रसव पूर्व लिंग परीक्षण अपराध है और इसके लिए पीसीपीएनडीटी अधिनियम लागू किया गया था।

साल 2008 में डॉ. साबू जॉर्ज ने इस संबंध में याचिका दायर कर आरोप लगाया था कि गूगल और याहू जैसे सर्च इंजन प्रसव पूर्व लिंग परीक्षण सं संबं‌धित सामग्री प्रकाशित कर पीसीपीएनडीटी अधिनियम के प्रावधानों का उल्लंघन कर रही हैं।
[ *Breaking news(information)*

*अहिबरन पुर डालीगंज उपखण्ड अधिकारी नजमुल हुदा का तालिबानी फरमान।*                
*अब मंदिर की भी काटी बिजली।।*
लखनऊ लेसा।अफसरशाही पर नकेल कसने के लिये जहाँ एक और उत्तर प्रदेश की योगी सरकार बार बार अपने मातहतों को आगाह करती चली आ रही है,वही दूसरी ओर छोटे से छोटा और बड़े से बड़ा अफसर अपनी मनमानी करने से बाज़ नहीं आ रहे हैं।मामला विद्युत विभाग से जुड़ा हुआ है।लखनऊ लेसा ट्रांस गोमती छेत्र में आने वाले डालीगंज अहिबरन पुर उपखंड नियुक्त उपखंड अधिकारी नजमुल हुदा अपनी तानाशाही कार्य शैली के चलते उपभोगताओं के लिए सर का दर्द बने हुए है।छेत्रिय उपभोगताओं का कहना है उपखंड अधिकारी उनको अपना पक्ष रखे बिना ही अपना तालिबानी फरमान सुना देते है,हद तो तब हो जब डाली गंज क्रॉसिंग सिंघल मार्केट स्थित दो दशक पुराने मंदिर बिजली मंदिर के पुजारी की बात सुने बिना ही बिजली काटने का फरमान जारी कर दिया।चूँकि मामला धार्मिक भावनाओं से जुड़ा हुआ है तो स्थानीय लोगों ने इसका विरोध किया मगर उपखं अधिकारी ने स्थानीय लोगो की बात को नजर अंदाज कर दिया।इस प्रकरण में जब हमारे संवादाता ने उपखंड अधिकारी से संपर्क करना चाहा तो सम्बंधित अधिकारी ने कोई सकारात्मक जवाब नहीं दिया जबकि उपखंड अधिकारी कृपा दृष्टि रसूखदार उपभोगताओं पर हमेशा बनी रहती है।अब ऐसे में सवाल यह उठता है कि क्या प्रदेश की योगी सरकार ऐसे तालिबानी अफसरों पर लगाम लगा पायेगी जबकि आगामी वर्ष लोकसभा चुनाव होने है जिसमे प्रदेश के मुखिया की साख दाव पर लगी हुई है।
 *राजधानी लखनऊ*
*यूपी कैबिनेट में अहम फैसले, संगठित अपराधियों पर नकेल कसने के ‌लिए यूपी कोका को मंजूरी*
*योगी सरकार की कैबिनेट ने विधानमंडल का शीतकालीन सत्र शुरू होने के एक दिन पहले गुरुवार को अहम बैठक बुलाकर 16 बिंदुओं को मंजूरी दे दी है। बैठक में यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ समेत अन्य मंत्रियों ने चर्चा कर कई अहम फैसले लिए।*
*ये हैं अहम फैसले*
– संगठित अपराधियों पर नियंत्रण के लिए यूपी कोका को मंजूरी
– नई आईटी पॉलिसी में निवेशकों को भारी छूट
– यूपी राजस्व संहिता 2006में वर्णित तहसील स्तरीय समेकित गांव के गठन के संबंध में प्रस्ताव पास
– एसडीएम को होगा समेकित गांवों के लिए अब तहसील स्तर पर 15 फीसदी बजट खर्च करने का अधिकार
– FSDA (खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन) सेवा नियमावली 2017 को मंजूरी
– up electronics and manufacturing नीति को मंजूरी
– गन्ना खरीद विसंगतियों के निराकरण संबंधी प्रस्ताव
– वक्फ अधिग्रहण रामपुर समाप्त
– वक्फ अधिग्रहण लखनऊ का होगा गठन
*ये हैं अहम फैसले*
– स्टार्ट अप कॉपर्स फंड को 100 करोड़ से बढ़ाकर100 करोड़ किया गया
– 75 फीसदी अनुदान सीधे किसानों के खाते में जाएगा
– बायोमीट्रिक अटेंडेंस सभी दफ्तरों में होगा लागू
– सचिवायलय में भी बायोमीट्रिक प्रणाली होगी लागू
– सभी राजस्व ग्रामों में कंपोस्ट यूनिटबनाया जाएगा
– बर्मी कंपोस्ट यूनिट के निर्माण के प्रस्ताव को मंजूरी
– केजीएमयू के शताब्दी फेज 1 के थर्ड फ्लोर पर ऑगर्न ट्रांसप्लांट यूनिट में मॉड्यूलर आईसीयू बनाने का प्रस्ताव पास
[12/13, 3:11 PM] Asffak Khan J JA: *यू पी आगरा*

*देखिए ‘स्मार्ट सिटी’ आगरा की पॉश कालोनियों की हालत, अधिकारी सुन रहे न नेता*

*ताजनगरी आगरा को स्मार्ट सिटी बनाने के प्रयास हो रहे हैं। लेकिन, इसी शहर की पॉश कालोनियों में जलभराव बड़ी समस्या बन गया है। स्‍थानीय लोग दफ्तर-दफ्तर जाकर परेशान हैं लेकिन समाधान न अधिकारी कर रहे हैं और न नेता।*
हालिया मामला आगरा में दयालबाग स्थित मधुवन एंक्लेव का है। यहां के निवासी सीवर उफनने की समस्या से परेशान हैं।
तस्वीर यह है कि सुबह-शाम जलभराव ने जीवन को नारकीय बना दिया है।
सड़कों पर गंदा पानी भर जाने से मच्छरों की भी समस्या हो गई है। स्‍थानीय लोगों ने बताया कि इस बारे में कई बार ‌अधिकारियों से शिकायत की लेकिन किसी के कान पर जूं नहीं रेंगी।
कभी-कभी रात के समय सीवर उफनने से तस्वीर भयावह हो जाती है। हादसे का भय तो है। बच्चों का स्कूल और महिला एवं पुरुषों का आफिस जाना तक दूभर हो गया है।

*उपलब्धियां बताने में मोदी सरकार ने खर्च कर दिए 3755 करोड़ रुपये!*

मोदी सरकार जितना काम कर रही है, उतना ही लोगों के बीच उसका प्रचार भी कर रही है. सरकार प्रचार में दिल खोलकर खर्च भी कर रही है. पिछले साढ़े तीन साल में मोदी सरकार ने इस वर्ष अक्टूबर तक विज्ञापनों पर लगभग 3,755 करोड़ रुपये खर्च किए हैं.

सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने एक आरटीआई के जवाब में बताया कि इलेक्ट्रॉनिक, प्रिंट मीडिया और बाहरी (आउटडोर) विज्ञापनों पर अप्रैल 2014 से अक्टूबर 2017 तक खर्च की गई राशि लगभग 3,755 करोड़ रुपये है. समाचार एजेंसी आईएएनएस के मुताबिक यह आरटीआई नोएडा के एक आरटीआई कार्यकर्ता रामवीर तंवर ने दाखिल की थी.

केंद्र सरकार ने सामुदायिक रेडियो, डिजिटल सिनेमा, दूरदर्शन, इंटरनेट, एसएमएस व टीवी समेत इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में विज्ञापन पर करीब 1,656 करोड़ रुपये खर्च किए. प्रिंट मीडिया के लिए, सरकार ने 1,698 करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च किए. आरटीआई से पता चला है कि सरकार ने बाहरी विज्ञापनों, जिसमें होर्डिग, पोस्टर, बुकलेट्स व कैलेंडर शामिल हैं, पर 399 करोड़ रुपये से अधिक खर्च किए.

वर्ष 2016 में तंवर द्वारा दाखिल आरटीआई से खुलासा हुआ था कि केंद्र ने एक जून, 2014 से 31 अगस्त, 2016 के बीच ऐसे विज्ञापनों पर 11,00 करोड़ रुपये खर्च किए, जिनमें प्रधानमंत्री मोदी को दिखाया गया था. मंत्रालय ने विज्ञापन खर्च पर जो आंकड़े दिए हैं, उसके अनुसार, एक जून, 2014 से 31 मार्च, 2015 के बीच 448 करोड़ रुपये खर्च किए गए. वहीं एक अप्रैल, 2015 से 31 मार्च, 2016 तक 542 करोड़ रुपये और एक अप्रैल, 2016 से 31 अगस्त, 2016 तक 120 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं.
ये तो सिर्फ टेलीविजन, इंटरनेट व अन्य इलेक्ट्रॉनिक माध्यमों पर खर्च किए गए आंकड़े हैं, जिसमें बाहरी व प्रिंट विज्ञापन पर किया गया खर्च शामिल नहीं है. वर्ष 2015 में एक आरटीआई से खुलासा हुआ था कि केंद्र ने जुलाई 2015 तक प्रधानमंत्री के मासिक कार्यक्रम ‘मन की बात’ के लिए अखबारों में करीब 8.5 करोड़ रुपये के विज्ञापन दिए थे. भाजपा और कांग्रेस दोनों ने आम आदमी पार्टी की वर्ष 2015 में उनकी उपलब्धि को दर्शाते विज्ञापन पर 526 करोड़ रुपये खर्च करने पर पार्टी की काफी आलोचना की थी.
ममता सिंह
चीफ बयूरो
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