11 December, 2017 18:11

*युवराज बने कांग्रेस के महाराज*
पोलिटिकल एडिटर्
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी सोमवार को कांग्रेस के अध्यक्ष चुने गए। चुनाव अधिकारी मुल्लाप्पल्ली रामचंद्रन ने यहां इसकी घोषणा की। दोपहर तीन बजे नामांकन वापस लेने का समय खत्म हो गया। पार्टी के इस शीर्ष पद के लिए केवल राहुल ने ही नामांकन किया था। राहुल के सभी 89 नामांकन पत्र सही पाए गए। उन्होंने बताया कि राहुल गांधी 16 दिसंबर को पूर्वांन्ह 11 बजे प्राधिकरण से अध्यक्ष निर्वाचित होने का प्रमणपत्र लेने के लिये यहां 24 अकबर रोड स्थित कांग्रेस मुख्यालय आयेंगे। कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता अजय माकन ने संवाददाताओं को बताया कि 16 दिसंबर को ही राहुल गांधी अध्यक्ष पद का दायित्व संभालेंगे।

राहुल के अध्यक्ष निर्वाचित होते ही कांग्रेस कार्यकर्ता खुशी में झूम उठे और दिल्ली स्थित कांग्रेस मुख्यालय के बाहर पार्टी कार्यकर्ताओं ने पटाखे फोड़े। कहीं ढोल-नगाड़े बजे तो कहीं राहुल के समर्थन में जोरदार नारेबाजी हुई। गुजरात विधानसभा चुनाव के लिए दूसरे चरण की वोटिंग से ठीक पहले ये खबर कांग्रेस कार्यकर्ताओं के लिए किसी खुशखबरी से कम नहीं है।

नेहरू-गांधी परिवार से 132 साल पुरानी कांग्रेस पार्टी का अध्यक्ष बनने वाले राहुल गांधी छठे व्यक्ति हैं। सोनिया गांधी 19 साल से कांग्रेस पार्टी की अध्यक्ष हैं। गौरतलब है कि नामांकन के दौरान राहुल के साथ पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह समेत कई कांग्रेसी दिग्गज शामिल हुए थे। हालांकि, सोनिया गांधी-प्रियंका गांधी शामिल नहीं हुई थीं। राहुल ने नामांकन से पहले सोनिया से उनके घर जा मुलाकात की थी।

राहुल गांधी को अध्यक्ष घोषित किए जाने के बाद राज्यसभा में कांग्रेस के नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा, ‘पूरे देश को राहुल गांधी से बेहद उम्मीदें हैं। अध्यक्ष बनने से पहले ही उन्होंने अपनी क्षमता दिखा दी है और वो अपनी जिम्मेदारियों को बखूबी समझते हैं।’
*हार के डर से बौखलाए पीएम, हमें न सिखाएं राष्ट्रीयता
पोलिटिकल एडिटर्
नई दिल्ली। भारत की राजनीति में पाकिस्तानी विवाद बढ़ता ही जा रहा है। गुजरात विधानसभा चुनावों में पीएम मोदी की ओर से पाकिस्तानी नेताओं के साथ कांग्रेस नेताओं की बैठक की बात कहने के बाद अब काउंटर अटैक हुआ है। पीएम मोदी के आरोपों पर पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने चुप्पी तोड़ी है। मोदी पर पलटवार करते हुए सिंह ने कहा कि गुजारत चुनाव में हार को देखकर मोदी बौखला गए हैं।

*ओछी राजनीति कर रहे मोदी*
पूर्व पीएम मनमोहन सिंह के जारी बयान में कहा गया है कि इस आधारहीन मुद्दे पर पीएम नरेंद्र मोदी ओछी राजनीति कर रहे हैं। जिस वजह से मैं काफी आहत महसूस कर रहा हूं। सिंह ने आगे कहा कि मोदी को गुजरात विधानसभा चुनाव में हार की आशंका है, इस वजह से वो इस तरह के हथकंडे अपना रहे हैं।

*मोदी हमें न सीखए राष्ट्रीयता*
मनमोहन सिंह ने आगे कहा है कि कांग्रेस पार्टी को पीएम मोदी ने राष्ट्रीयता सीखने की जरुरत नहीं है। मैं प्रधानमंत्री जी को याद दिला दूं कि उधमपुर और गुरदासपुर में आतंकी हमले के बाद भी वो बगैर बुलाए पाकिस्तान गए थे। इसके साथ ही उन्हे इस बात का भी जवाब देना चाहिए कि पठानकोट हमले की जांच के लिए पाकिस्तानी की आईएसआई को एयरबेस में क्यों बुलाया गया था? क्या इसके लिए उन्हें देश से माफी नहीं मांगनी चाहिए।

*डिनर में गुजरात चुनाव का कोई जिक्र नहीं*
मणिशंकर अय्यर द्वारा आयोजित डिनर पार्टी को लेकर मोदी द्वारा खुद पर लगाए गए आरोपों पर भी मनमोहन सिंह ने करारा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि अय्यर द्वारा आयोजित डिनर में मैंने किसी के साथ भी गुजरात चुनाव पर चर्चा नहीं की थी। यह मुद्द किसी अन्य के द्वारा भी नहीं उठाया गया था। डिनर पर चर्चा भारत और पाकिस्तान के रिश्तों पर हुई थी। मुझे उम्मीद है कि पीएम मोदी इस मुद्दे पर माफी मांगेंगे और गंभीरता दिखाएंगे।

*डिनर में मौजूद थे ये 19 लोग*
सिंह ने उस रात डिनर में मौजूद लोगों ने नाम भी अपने बयान में लिखा है। उसमें मणिशंकर अय्यर, उनकी पत्नी, खुर्सीद कसूरी, हामिद अंसारी, मनमोहन सिंह, के. नटवर सिंह, केएस वायपेयी, अजय शुक्ला, शरद सभरवाल, जनरल दीपक कूपर, टीएस राघवन, सती लांबाह, पाकिस्तानी उच्चायुक्त, एमके भद्रकुमार, सीआर घरेखान, प्रेम शंकर झा, सलमान हैदर, राहुल
वक्त आ गया है कि अस्पतालों में इलाज के रेट तय करे सरकार: डॉ. दलाल

। चिकित्सक को भगवान का दूसरा रूप कहा जाता है। यह ऐसे ही नहीं है। इसके पीछे लोगों की अनुभूति रही है। पीड़ा झेल रहे मरीज को आधी राहत तो डॉक्टर के पास आते ही मिल जाती है। दिल्ली के मैक्स तथा गुरुग्राम के फोर्टिस व पार्क जैसे अस्पताल प्रबंधन पर जिस तरह के आरोप लग रहे हैं, उससे चिकित्सक बिरादरी को अपने अंदर झांकने का वक्त आ गया है। मामला तूल पकड़ने पर सरकार कदम तो उठा रही पर हरियाणा स्वास्थ्य सेवा से जुड़े पूर्व अधिकारी और सख्त इसी मसले पर हरियाणा स्वास्थ्य विभाग के निदेशक (रिटायर) एसएस दलाल से बातचीत की। पेश हैं उसके मुख्य अंश।

सवाल- आज हर तरफ से आवाज आ रही है, प्राइवेट अस्पतालों पर नकेल कसी जाए। मगर क्या अस्पताल का लाइसेंस रद करना सही कदम है?

जवाब- हमारी परेशानी यह है कि हम हादसा होने के बाद बहुत देरी से जागते हैं और आज भी पूरी तरह से जागे नहीं हैं। किसी अस्पताल का लाइसेंस रद करने, जैसा कि दिल्ली के मैक्स अस्पताल का किया गया है, करने से आप हजारों लोगों को इलाज से दूर रख रहे हैं। इससे सुधार नहीं होगा। सरकार के पास ऐसे साधन नहीं हैं जिससे लोगों को प्राइवेट अस्पतालों में जाना ही नहीं पड़े। समस्या की जड़ तक कोई नहीं पहुंचना चाहता है। अस्पताल का महंगा बिल लोगों को मार रहा है उस पर कंट्रोल होना चाहिए। उसे कोई रोकना नहीं चाहता। अगर बिल सही तरीके से लिया जाएगा तो लोगों की बड़ी समस्या हल हो जाएगी। सरकार को हर चीज का रेट तय करना होगा।

सवाल- आरोप लग रहे हैं कि कई कुछ अस्पतालों के चिकित्सक फर्ज से अधिक कमाई पर जोर दे रहे हैं। इस पर आपकी क्या राय है?

जवाब- जाहिर सी बात है कि कई प्राइवेट अस्पताल डॉक्टरों को ज्यादा तनख्वाह दे रहे हैं तो डॉक्टरो को अस्पताल की आमदनी कराने का टारगेट भी देते होंगे। मेरी अपनी राय है कि कुछ प्राइवेट अस्पताल इलाज करने का स्थान नहीं हैं, बल्कि एक बड़े उद्योग बन चुके हैं। हमें इसे उद्योग बनने से रोकना चाहिए था और यह हुआ कि हम रोक नहीं पाए। हर अस्पताल के अपने नियम व फीस हैं। आज मरीज मजबूरी में प्राइवेट अस्पताल में जा रहा है ओर वो लाखों रुपये देकर मर भी रहा है। अगर आप को अच्छे डॉक्टर चाहिए तो सरकार को पहल करनी चाहिए। मैं इतना ही कहना चाहूंगा कि मेडिकल लाइन को राजनीतिक स्वार्थ में खराब किया गया है। भारत में सिर्फ अच्छे डॉक्टर तैयार होते थे। इसी कारण पूरे विश्व भारत के डॉक्टरों का लोहा मानता है लेकिन ऐसे ही चलता रहा तो हम जल्द बहुत खराब हालात में होगे।

सवाल- क्या वजह है कि सरकारी अस्पतालों में अच्छे डॉक्टर नहीं आ रहे हैं?

जवाब- वैसे इसके कई कारण हैं। मुझे बोलने पर मजबूर किया है तो बस इतना ही कहना चाहता हूं कि सरकारी अस्पतालों में जब अच्छे डॉक्टर आएंगे जब योग्यता के बल पर अच्छे वेतन के साथ उनकी नियुक्ति होगी। विदेश से डिग्री लेकर आने वाले कभी भी अच्छे डॉक्टर नहीं बन सकते।

सवाल- चारों तरफ मांग है, और खासकर हरियाणा में मांग है कि क्लीनिकल इस्टेब्लिशमेंट एक्ट लागू किया जाए। क्या यह एक्ट लागू होने के बाद सुधार होगा?

जवाब- बिल्कुल सुधार होगा। लेकिन (क्लीनिकल इस्टेब्लिशमेंट एक्ट) में कुछ सुधार करने की जरूरत है। यह एक्ट कई वर्ष पहले ही लागू होना चाहिए था। मैंने पहले भी कहा है कि जो दवा 5 रुपये की है वो 10 रुपये में मिल रही है और बेड चार्ज, आइसीयू चार्ज, वेंटिलेटर आदि चार्ज बहुत ज्यादा हैं। अगर इस तरह चार्ज कम होगा तो मरीजों को परेशानी नहीं होगी।

सवाल- लोगों का कहना है कि डॉक्टर ने लापरवाही की है। यह कौन तय करे, कि डॉक्टर की लापरवाही थी या नहीं। अगर लापरवाही थी तो क्या सजा होनी चाहिए?

जवाब- देखिए सजा तय करने का मेरा काम नहीं है लेकिन सजा तय होनी चाहिए। डॉक्टर की लापरवाही रही या नहीं रही। यह तय करने में ज्यादा कोई मुश्किल नहीं है। लेकिन यह निर्भर करता है उस जांच टीम पर की वो ईमानदारी से जांच करे।

सवाल- बात प्राइवेट अस्पतालों तक नहीं रही। आज सरकारी अस्पतालों में भी ऐसे डॉक्टर हैं, जिन्हें काम नहीं आता। सीनियर ही कहते हैं पता नहीं कैसे डॉक्टर बन गए।

जवाब- (हंसते हुए) सच जानिए अब मेडिकल में डिग्री बिकने लगी है। अब कोई भी पैसे वाला अपने बेटे-बेटी को डॉक्टर बना सकता है। अभी आपको अस्पताल में एक-दो झोला छाप दिख रहा। एक ऐसा समय भी आएगा कि जब कुशल डॉक्टर सरकारी अस्पतालो में नहीं रह जाएंगे। अब ज्यादातर अच्छे डॉक्टर स्वास्थ्य विभाग में नही आ रहे हैं और सरकार इस पर ध्यान नहीं दे रही है। आप देखें कि जिन डॉक्टरों की 20 वर्ष सेवाएं हो रही हैं, वो नौकरी छोड़ रहे हैं। और जो नए आ रहे हैं वो कहां और कैसे दाखिले में पढ़े यह देखना होगा। आप डॉक्टरों की संख्या पूरी करने के चक्कर में किनके हाथों में लोगों की जान बचाने की जिम्मेदारी दे रहे हैं यह देखना चाहिए।

नाम : एसएस दलाल
वर्ष 1973 रोहतक मेडिकल कॉलेज एमबीबीएस किया
ज्वाइंनिग: हरियाणा मेडिकल सर्विसिज : वर्ष 1976
एमडी: वर्ष 1987 रोहतक मेडिकल कॉलेज
सेवानिवृत्ति: 2010, स्वास्थ्य निदेशक पद से

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..इस वजह से जन्म के बाद मां ने नहीं देखा नवजात शिशु का चेहरा, नाम पड़ा ‘कन्हैया’

गाजियाबाद । द्वापर युग में जन्मे कन्हैया को देवकी ने जन्म दिया था और यशोदा ने उनका पालन पोषण किया था। इसीलिए उनसे पूछा जाता है कि देवकी और यशोदा में से वह किसको अपनी माता कहकर पुकारेंगे। मगर कलयुग का कन्हैया किसको मां कहेगा, क्योंकि उसके पास तो अभी पालन-पोषण करने वाली मां भी नहीं है। जन्म देने वाली मां ने उसे छोड़ दिया है और वह अब महिला अस्पताल में बिना मां के दूध के ही पल रहा है।

बच्चे को चाइल्ड होम में शिफ्ट किया जाएगा

अस्पताल से भी उसे किसी चाइल्ड होम में ट्रांसफर करने की मांग की जा रही है। ऐसे में सवाल यह है कि यह बच्चा किसको गोद मिलेगा, जिसे यह अपनी मां कह सकेगा। सीएमएस ने इस संबंध में जिला प्रोबेशन अधिकारी (डीपीओ) को पत्र लिखा है। डीपीओ नीलेश मिश्रा ने बताया कि सीडब्ल्यूसी की टीम जाकर बच्चे के स्वास्थ्य की जांच करेगी। इसके बाद ही बच्चे को किसी चाइल्ड होम में शिफ्ट किया जाएगा।

जन्म देकर मां ने छोड़ दिया

दिसंबर-2016 में नशीला पदार्थ मिलाकर साहिबाबाद निवासी एक 14 वर्षीय किशोरी का अपहरण कर लिया गया था। पुलिस की लापरवाही के चलते तीन माह तक उससे दुष्कर्म किया गया। इसी दौरान वह गर्भवती हो गई। 9 मार्च 2017 को पुलिस ने किशोरी को बरामद किया। तब तीन माह का भ्रूण उसके गर्भ में पल रहा था।

चेहरा भी नहीं देखा

सुप्रीम कोर्ट की गाइड लाइन्स के मुताबिक उसका गर्भपात नहीं हो सका। इसी दौरान किशोरी ने 15 साल पूरे कर लिए और छह सितंबर को महिला अस्पताल में उसने एक लड़के को जन्म दिया। जन्म के बाद किशोरी ने अपने पुत्र का चेहरा भी नहीं देखा। इस हादसे ने किशोरी की पढ़ाई ठप करा दी और उसके साथ परिवार की भी जिंदगी भी पूरी तरह बदल गई।

बच्चे से कोई सरोकार नहीं

माता-पिता ने डर से छोटी बेटी की भी पढ़ाई छुड़वा दी। सीडब्ल्यूसी (चाइल्ड वेलफेयर कमेटी) और आशा ज्योति केंद्र की सदस्यों ने उसकी काउंसिलिंग की। परिजनों ने सीडब्ल्यूसी और अस्पताल को लिखकर दे दिया था कि उन्हें इस बच्चे से कोई सरोकार नहीं है और न ही इसे वे अपने घर ले जाएंगे।

नर्स पुकारती हैं कन्हैया

परिजनों के जाने के बाद बच्चे को जरूरी पोषण देने और उचित देखभाल के लिए अस्पताल में स्थित एसएनसीयू (सिक न्यूबॉर्न केयर यूनिट) में भर्ती करा दिया गया। यहां नर्सों ने उसे कन्हैया कहकर पुकारना शुरू कर दिया। अस्पताल की मैनेजर तृषा ने बताया कि कन्हैया बेहद ही प्यारा है और अस्पताल का सभी स्टाफ उससे दिन में एक बार मिलने जरूर जाता है। अस्पताल की सीएमएस डा. दीपा त्यागी ने बताया कि बच्चे की उचित देखभाल की गई है। तीन माह की उम्र होने के बाद डीपीओ को इस बारे में अवगत करा दिया गया है।
मैक्स प्रकरण-अस्पतालों में होती

हमेशा अपने कारनामों के चलते चर्चा में रहने वाले दिल्ली विधानसभा में विपक्ष के नेता विजेंद्र गुप्ता ने मैक्स अस्पताल मामले पर एक बार फिर से विवादित बयान देते हुए कहा कि अस्पतालों में आए दिन ही ऐसी घटनाएं होती रहती है तो क्या उनको भी बंद कर दिया जाएगा। यह बयान आज उन्होंने पंजाब के ज़िला फाजिल्का के विधानसभा हल्का अबोहर से भाजपा विधायक अरुण नारंग के निवास पर पत्रकारों से मुखातिब होते हुए दिया। वह अबोहर में अपने एक निजी काम के सिलसिले में आए थे।

दिल्ली विधानसभा में प्रतिपक्ष भाजपा नेता विजेंद्र गुप्ता ने अरविंद केजरीवाल की तारीफ करते हुए कहा कि वह राजनीति कर सकते है लेकिन वही उन्होंने उनके ऊपर टिप्पणी करते हुए कहा कि केजरीवाल प्रशासन नहीं चला सकते और ना ही जनता को सुशासन दे सकते है। यही कारण है कि ‘आप’ ने जिस तेज़ी से सियासत की सीढ़ी चढ़ी थी उससे भी तेज़ी के साथ वह अर्श से फर्श पर गिरी है। दिल्ली के रास्ते उन्होंने पंजाब में अपनी पकड़ को मजबूत तो बनाया पर लोगों ने उनकी कथनी और करनी में बड़ा अंतर देखने के बाद उसका सूपड़ा ही साफ कर दिया है। आज दिल्ली में सत्ता संभाले हुए 3 साल गुज़र चुके है लेकिन जिन सवालों को खड़ा करके ‘आप’ सत्ता में आई आज उन्हीं सवालों में वह ख़ुद घिर चुकी है और जवाब वह ख़ुद भी नहीं दे पा रहे है। विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि मैक्स अस्पताल मामले में अरविंद केजरीवाल सस्ती लोकप्रियता हासिल करना चाहते है। उन्होंने कहा कि अस्पतालों में आए दिन ही ऐसी घटनाएं होती है तो क्या उन अस्पतालों को भी बंद कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि दिल्ली में सेहत सुविधाएं चौपट हो चुकी है। पंजाब की राजनीति पर उन्होंने कहा की देश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जादू कायम है परन्तु पंजाब में अकाली-भाजपा की हार पंजाब के अंदरूनी मामलों के चलते हुई है जिसमें ‘आप’ की बड़ी भूमिका रही है। उन्होंने कहा कि आज पंजाब में सत्ताधारी कांग्रेस बदले की राजनीति कर रही है। देश में केंद्र सरकार की विरोधी पार्टियां देश के विकास में होने वाले काम में रोड़ा अटका रही हैं और देश को विकास के रास्ते से डी-रेल करना चाहती हैं। लेकिन प्रधानमंत्री द्वारा देश के प्रति जो लक्ष्य साधा गया है वह उसको पूरा करेंगे इसके लिए भाजपा पूरी तरह संगठित और मजबूत है। इस मौके पर भाजपा विधायक अरुण नारंग सहित अकाली दल के वरिष्ट नेता अशोक आहूजा, लायू जाखड, हरचरण सिंह पप्पू, अशोक छाबड़ा आदि अकाली-भाजपा नेता उपस्थित
Namo TV Mamta singh
Chief beuro up

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