संत गुरमीत राम रहीम सिंह इंसा के एक समर्थक ने जेल में खुदकुशी कर ली

संत गुरमीत राम रहीम सिंह इंसा के एक समर्थक ने जेल में खुदकुशी कर ली

संत गुरमीत राम रहीम सिंह इंसा के एक समर्थक ने जेल में खुदकुशी कर लीसंत गुरमीत राम रहीम सिंह इंसा के एक समर्थक ने जेल में खुदकुशी कर ली

डॉक्टर संत गुरमीत राम रहीम सिंह इंसा के एक समर्थक ने जेल में खुदकुशी कर ली है.

अभी उसकी आत्‍महत्‍या के कारणों का खुलासा नहीं हो सका है.

पुलिस के मुताबिक, हरियाणा में अंबाला की केंद्रीय जेल में बंद

एक डेरा समर्थक रविंद्र कुमार (27) ने फांसी लगाकर की खुदकुशी कर ली है.

25 अगस्त को जैसे ही सीबीआई कोर्ट ने डेरा सच्चा सौदा प्रमुख राम रहीम सिंह को रेप केस में दोषी करार दिया

वैसे ही हरियाणा और पंजाब के कई शहरों में हिंसा भड़क गई.

ऐसी ही हिंसा जब पंचकुला में अंजाम दी जा रही थी

तब पुलिस ने पंचकूला से रविंद्र को गिरफ्तार किया था.

इस हिंसा में 38 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई.

वहीं, हिंसा में मारे गए लोगों के शव के पोस्टमार्टम के दौरान

उनके अंदर से इंसास और एसएलआर रायफल से चली बुलेट निकली थी.

सच्चा सौदा झूठे चैनल 

जानकारी के मुताबिक, हिंसा के दौरान उपद्रवियों को उनकी पीठ, सिर और सीने पर गोली मारी गई थी.

इंसास रायफल अर्धसैनिक बल और एसएलआर हरियाणा पुलिस इस्तेमाल करती है.

पंचकूला में हुई हिंसा में मारे गए 20 लोगों के शव को सिविल अस्पताल पहुंचाया गया था.

अंबाला के रहने वाले विनीत (26) को पीठ पर, संगरुर के रहने वाले रणजीत सिंह (27) को कई गोलियां मारी गई थीं.

ऐसा प्रतीत हो रहा है कि भागते समय इन लोगों को गोली मारी गई है.

सच्चा सौदा सफाई

25 अगस्त को जैसे ही सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ने राम रहीम को दोषी करार दिया

हरियाणा, पंजाब, दिल्ली-एनसीआर और जम्मू के कुछ हिस्सों में हिंसा शुरू हो गई.

इस दौरान हरियाणा के पंचकूला, सिरसा, रोहतक,

अंबाला, मनसा और पंजाब के संगरुर सहित कई शहरों में हिंसा की आग भड़क उठी.

लोगों ने कई वाहनों को आग के हवाले कर दिया.

पंचकूला में डेरा समर्थक रिहाइशी इलाकों में घुस गए.

इसके बाद अर्धसैनिक बलों और पुलिस के जवानों ने जवाबी कार्रवाई शुरू कर दी.

डेरा के हिंसक समर्थकों को काबू में करने के लिए आंसू गैस के गोले, हवाई फायरिंग के साथ ही पुलिस बल ने उऩ पर गोलियां भी चलाई.

इस हिंसा में करीब 38 डेरा समर्थकों की मौत हो गई.

300 से ज्यादा लोग घायल हो गए. सबसे ज्यादा मौत पंचकूला और चंडीगढ़ में हुई थी.

इस हिंसा के मद्देनजर केंद्र और सरकार ने सजा के ऐलान से पहले अपनी कमर कस ली.

पहले से ही अर्धसैनिक बलों की 200 कंपनिया, पुलिस के साथ सेना के जवानों को मुस्तैद कर दिया गया था.

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