क्यूँ किया पीएम मोदी ने एक IAS ऑफिसर को रात 10 बजे फोन

2016_8image_17_43_025682756narindermodi-llरात के 10 बजे त्रिपुरा में तैनात एक आईएएस ऑफिसर को पीएमओ से फोन आता है कि क्या पीएम आपसे बात कर सकते हैं. उस आईएएस ऑफिसर के हां कहते ही अगली आवाज खुद पीएम नरेंद्र मोदी की थी. मोदी ने सबसे पहले तो उस आईएएस ऑफिसर से इतनी रात में कॉल करने के लिए माफी मांगी और फिर कॉल करने की वजह बताई.

सिक्किम मणिपाल यूनिवर्सिटी के छात्र पुष्पक चक्रवर्ती ने इस घटना का जिक्र कोरा (quora) बेवसाइट पर किया है. चक्रवर्ती की ये पोस्ट वायरल हो गई है अब तक इसे 260000 से ज्यादा बार देखा जा चुका है. चक्रवर्ती ने पीएम द्वारा त्रिपुरा को बाकी देश से जोड़ने वाले नेशनल हाइवे 208 की मरम्मत के लिए वहां के एक आईएएस ऑफिसर को रात 10 बजे कॉल करने की घटना का जिक्र कोरा पर डाली गई एक पोस्ट में किया है.
चक्रवर्ती के मुताबिक पीएम मोदी ने बातचीत शुरू करने से पहले उस आईएएस ऑफिसर से इतनी देर रात कॉल करने के लिए माफी मांगी और फिर बात शुरू की. उस आईएएस ऑफिसर को उस पूरी रात नींद नहीं आई और उसके कानों में पीएम की बात गूंजती रही. अगले ही दिन वह हाईवे के मरम्मत वाली जगह पहुंचा. वहां मोदी के कहे अनुसार पहले से ही जेसीबी मशीने और ट्रक तैनात थे. युद्धस्तर पर काम शुरू हुआ और चार दिनों के अंदर ही नेशनल हाईवे 208 का पूरी तरह बनकर तैयार हो गया.

चक्रवर्ती द्वारा कोरा पर लिखी पूरी पोस्ट कुछ इस तरह है-

’21 जुलाई को रात 10 बजे उत्तरी त्रिपुरा में तैनात मेरे पिता के एक अच्छे जानने वाले आईएएस ऑफिसर को फोन आया. इतनी देर रात फोन आने से वह आईएएस ऑफिसर हैरान थे.

दूसरी तरफ से एक युवा आदमी की आवाज आई और उसने इतनी देर रात कॉल करने के लिए माफी मांगते हुए पूछा कि क्या उनके पास थोड़ा समय है, प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी उनसे बात करना चाहते हैं.

उस आईएएस ऑफिसर का दिमाग थोड़ी देर के लिए सुन्न हो गया और उन्हें अपने पैर कांपते से महसूस हुए. वह बहुत ही धीमी आवाज में हां कह पाए. कॉल ट्रांसफर की गई और अगली आवाज खुद पीएम मोदी की थी. एक बार फिर से मोदी ने इतनी देर रात कॉल करने के लिए उस ऑफिसर से माफी मांगी. पीएम ने कहा कि उन्होंने अभी तुरंत ही नितिन गडकरी के साथ मीटिंग खत्म की है और त्रिपुरा को बाकी देश से जोड़ने वाले नेशनल हाईवे 208-A की मरम्मत के लिए उन्हें उनकी (IAS ऑफिसर) मदद चाहिए.

उस ऑफिसर का कहना है कि उन्हें यह भी नहीं याद कि उन्होंने पीएम को क्या जवाब दिया. उन्हें सिर्फ इतना याद है कि पीएम ने उनसे कहा कि भारत सरकार ने असम और त्रिपुरा दोनों सरकारों से बात कर ली है और उन्हें इस प्रोजेक्ट से संबंधित सारी जरूरी मदद उपलब्ध करा दी जाएगी. वह ऑफिसर उस पूरी रात सो नहीं सके. मोदी की आवाज उनके दिमाग में गूंजती रही और उन्हें यकीन नहीं हो रहा था कि ये सब हुआ है. उन्होंने इसकी वजह समझने की बहुत कोशिश की लेकिन कुछ समझ नहीं सके.

अगले दिन जब वह ऑफिस पहुंचे तो उन्हें त्रिपुरा सरकार, असम सरकार और भारत सरकार से संदेश मिला. हाईवे के 15 किलोमीटर की मरम्मत के लिए उन्हें फंड्स दे दिया गया था. वह तुरंत ही अपने स्टाफ को लेकर मरम्मत स्थल पहुंचे. वहां पहुंचकर उन्होंने देखा कि असम सरकार द्वारा उपलब्ध कराई गईं 6 जेसीबी मशीनें खड़ी हैं.

अगले चार दिनों तक, 300 से ज्यादा ट्रकें मरम्मत के सामानों के साथ पहुंचती रहीं और स्थानीय वर्कर्स और असम और त्रिपुरा के पीडब्ल्यूडी अधिकारियों के साथ मिलकर उन्होंने वाहनों के त्रिपुरा में आवागमन के लिए हाईवे को खोलने में सफलता हासिल कर ली. श्री नितिन गडकरी ने उन्हें फोन करके उनके शानदार प्रयासों के लिए उन्हें शुक्रिया कहा और एनएच-44 के मरम्मत का काम भी युद्धस्तर पर करने का वादा किया. साथ ही उन्होंने कहा कि वह जब भी दिल्ली आएं तो पीएमओ भी आएं.

पुष्पक ने इस घटना की प्रामणिकता पर सवाल उठाने वालों के लिए लिखा है कि अगर आपको बांग्ला भाषा आती हो तो वे 26 अगस्त को त्रिपुरा के सबसे बड़े अखबार दैनिक संबाद में छपी इस घटना के बारे में पढ़ सकते हैं. चक्रवर्ती ने लिखा है कि इस अखबार में छपी इस घटना की की पुष्टि खुद संबंधित डीएम ने भी की है और उन्होंने इसके लिए सोशल मीडिया का धन्यवाद भी किया है.

 

 

 

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