सामने आई ‘आप’ की हेराफेरी, केजरीवाल की ईमानदारी का पर्दाफाश

नई दिल्ली [जेएनएन]। आयकर विभाग ने यह दावा किया है कि आम आदमी पार्टी (आप) ने राजनीतिक चंदे को लेकर जो ऑडिट रिपोर्ट पेश की है उसमें करीब 27 करोड़ रुपये के बारे में गलत जानकारी दी गई है। विभाग ने चुनाव आयोग को सौंपी रिपोर्ट में कहा कि साल 2013-14 और 2014-15 में मिले चंदे को लेकर तैयार की गई रिपोर्ट में ‘तथ्यात्मक अंतर’ है। यह रिकॉर्ड विभिन्न दानदाताओं से मिले दान से मेल नहीं खाते। विभाग एक साल से विभिन्न पार्टियों को मिले चंदे की जांच कर रहा है।
‘आप’ ने अपने चार्टर्ड अकाउंटेंट के साथ मिलकर यह रिपोर्ट तैयार की है और कानून के तहत इसकी एक कॉपी आयकर विभाग को सौंपी है। विभाग के अधिकारियों ने कहा कि चंदे के रिकॉर्ड में 27 करोड़ का अंतर दिख रहा है और पार्टी के कोषाध्यक्ष ‘कुछ त्रुटि’ होने की बात मानी है।
अधिकारी का कहना है कि आईटी की रिपोर्ट के मुताबिक, यह राजनीतिक चंदों से जुड़े टैक्स लॉ का उल्लंघन है। उन्होंने बताया कि इस आधार पर ‘आप’ को आईटी ऐक्ट के तहत कर में मिली छूट वापस ली जा सकती है और साथ ही पार्टी का पंजीयन रद्द कराया जा सकता है, लेकिन यह फैसला लेने का अधिकार चुनाव आयोग के पास है।