3 बहनों ने रक्षाबंधन पर भाईयों को दिया जीवनदान

नई दिल्ली: भाई-बहन के प्रेम के प्रतीक रक्षाबंधन के दिन भाई अपनी बहन की रक्षा का वचन लेते हैं और उन्हें उपहार देते हैं. लेकिन देश के तीन शहर दिल्ली, आगरा और रायपुर में इसके उलट 3 ऐसे मामले को देखने को मिले जहां बहनों ने भाई को उपहार में अपनी किडनी देकर उन्हें जीवन दान दिया है.
दिल्ली: किडनी लोगे तो ही बांधूंगी राखी
दो साल पहले दिल्लीके नजफगढ़ के झाड़ौदा कलां में रहने वाले श्यामलाल को टाइफाइड हुआ. जिसके चलते उनकी दोनों किडनियां खराब गईं. कई बड़े अस्पतालों में इलाज चला लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ. कोई डोनर भी नहीं मिला. उनकी अविवाहित बहन सुशीला इस बात से काफी दु:खी थीं इसके बाद उन्होंने अपने भाई को किडनी डोनेट करने की ठान ली.
सुशीला अपनी किडनी भाई को देना चाहती थीं इसके लिए उन्होंने बिना किसी को बताए खुद अस्पताल में किडनी डोनेट टेस्ट करवा लिया. जब रिपोर्ट पॉजीटिव आई तो उन्होंने घर के सदस्यों के सामने भाई को किडनी देने की इच्छा जताई, लेकिन परिवार इसके विरोध में था. सुशीला अपनी बात पर अड़ गईं कि वे भाई को रक्षाबंधन पर राखी तभी बांधेंगी जब भाई किडनी ट्रांसप्लांट कराएंगे. इसके बाद जून में सुशीला ने अपने भाई को फरीदाबाद के सेक्टर-21 ए में स्थित एशियन अस्पताल में किडनी दी.
केंद्रीय सुरक्षा बल (सीआरपीएफ) में हवलदार श्यामलाल कहते हैं कि उनकी बहन ने उन्हें रक्षाबंधन पर नई जिंदगी दी है. इसके आगे मैं उसे कोई भी तोहफा दूं तो वो छोटा होगा. उन्होंने कहा कि उनकी बहन लाखों में एक है. वहीं उनकी सुशीला का कहना है कि वे चाहती थीं कि जब रक्षाबंधन पर वे अपने भाई को राखी बांधें तो उनके चेहरे पर खुशी हो.
आगरा: घरेलू जिम्मेदारियों के बावजूद भाई को दी किडनी
आगरा जिला अदालत में 38 वर्षीय सीनियर एडवोकेट विवेक साराभॉय की बीमारी की वजह से दोनों किडनियां खराब हो चुकी थीं. वे ऐम्स, सफदरजंग, लखनई पीजीआई, वेदांता, अपोलो सहित कई बड़े हॉस्पिटल्स में गए लेकिन कोई डोनर नहीं मिला. हालत गंभीर होती जा रही थी और समय भी कम ही बचा था. ऐसे में उनकी बड़ी बहन वंदना चंद्रा आगे आईं और अपनी किडनी देकर उन्हें दूसरी जिंदगी दी है.
वंदना शादी शुदा हैं. उनकी 12 साल की एक बेटी भी है. घरेलू जिम्मेदारियां होने के बावजूद उन्होंने अपने भाई को किडनी देकर प्रेम की एक मिसाल पेश की है. उन्होंने कहा कि उनका भाई हर मुश्किल के समय में उनके साथ खड़ा रहा. ऐसे में उसकी जिंदगी बचाना मेरा पहला कर्तव्य है. विवेक का सफलता पूर्वक किडनी ट्रांसप्लांट अपोलो दिल्ली हॉस्पिटल पूर्ण हुआ और उन्हें डिस्चार्ज कर दिया गया है.
रायपुर: डॉ. बहन, आईपीएस भाई को देगी किडनी
बस्तर आईजी कल्लूरी को तो आप जानते ही होंगे जिन पर मानवाधिकार हनन के आरोप लगे थे. उनकी दोनों किडनी खराब हो जाने के बाद उनकी बहन डॉ अनुराधा ने उन्हें किडनी डोनेट करने का फैसला लिया है. दरअसल पिछले साल उन्हें सीने में दर्द की समस्या के चलते विशाखापट्टनम लाया गया था. यहां इलाज के दौरान हार्ट की सर्जरी के अलावा उनकी किडनी का भी इलाज किया गया था. कुछ समय तक वे ठीक थे लेकिन बाद में समस्या फिर शुरु हो गई जिसमें सामने आया कि उनकी दोनों भी किडनियां खराब हो चुकी हैं.
शनिवार को दिल्ली के मेदांता हॉस्पिटल में टेस्ट की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है. 9 अगस्त को कमेटी ट्रांसप्लांट के बारे में निर्णय लेगी. इसके बाद 13 को किडनी ट्रांसप्लांट की प्रक्रिया शुरु होगी. इसके बाद 3 महीने तक कल्लूरी यहां डॉक्टरों की देखरेख में रहेंगे
