श्री काली माता का दोषी नकली निहंग पटियाला पुलिस ने दबोच लिया



7 दिन तक बिल्ली-चूहे का खेल खेलने के बाद आखिरकार पटियाला पुलिस ने काली माता के आरोपित तथाकथित निहंग को पकड़ लिया
पटियाला पुलिस के सीआईए स्टाफ ने पूरी जांच के बाद नकली निहंग रविंदर सिंह कुपुत्र हुकमा को गिरफ्तार कर लिया है.सूत्रों के मुताबिक यह शख्स काफी चालाक था और नाम व भेष बदलकर छिपता रहा. उसने अपना नाम रविंदर सिंह अमरीक सिंह उर्फ मीका उर्फ रंजीत सिंह उर्फ काकू उर्फ काका राम रखा हुआ था। 29 मई को पटियाला के श्री काली माता मंदिर पर हुए हमले के दौरान उस व्यक्ति ने श्री काली माता जी के बारे में माहौल खराब करने के लिए बहुत ही अभद्र और असहनीय अपमानजनक भाषा का प्रयोग किया और उसके बाद वह आदमी पकड़े जाने के डर से भाग गया था। इस व्यक्ति का नाम और पता कोई नहीं जानता था क्योंकि वह माहौल खराब करने के लिए भेष बदलकर पटियाला आया था। यह शख्स पिछले कुछ समय से बठिंडा में भी रहा है। इस व्यक्ति द्वारा श्री काली माता जी के विरुद्ध प्रयुक्त अश्लील शब्दों के कारण माता के लाखों भक्तों के मन में क्रोध और बेचैनी का वातावरण निर्मित हो रहा था। इस असामाजिक शैतान के खिलाफ 1 मई 2019 को थाना सिविल लाइन पटियाला में धारा 295ए और 153ए के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी तथा इसके बाद पटियाला के आईजी मुखविंदर सिंह छीना, के आदेशानुसार डॉ. मेहताब सिंह आईपीएस, एस पी इन्वेस्टिगेशन एवं श्री वजीर सिंह पीपीएस, एस पी सिटी पटियाला, श्री अजयपाल सिंह पीपीएस डी एस पी डिटेक्टिव पटियाला, श्री कृष्ण कुमार पैंथे पीपीएस, डी एस पी सिटी वन पटियाला, श्री जसविंदर सिंह टिवाना पीपीएस, डी एस पी सब डिवीजन, घनौर इंस्पेक्टर शमिन्दर सिंह प्रभारी सीआईए स्टाफ पटियाला पर आधारित टीम का गठन किया गया और पंजाब पुलिस की विभिन्न इकाइयों की मदद से इस पेचीदा ऑपरेशन को अंजाम दिया गया. इस मामले में सबसे कठिन बात यह थी कि यह आदमी भेष बदलने में माहिर था और उसने अपना नाम बदल लिया और उसका कोई पता नहीं था। पटियाला पुलिस ने शनदार तरीके से इस चालाक शरारती, बदमाश को बेनकाब करने और नियंत्रित करने में बड़ी सफलता हासिल की, क्योंकि इस आदमी की मुक्त आवाजाही से पंजाब के धार्मिक हालत दिन-ब-दिन खराब होते जा रहे थे।

घटना के दिन से ही वह व्यक्ति विभिन्न राज्यों में छिपता फिर रहा था। पटियाला के एसएसपी दीपक पारिख ने कहा कि सीआईए स्टाफ की दो अलग-अलग टीमों ने इस मामले में इस शरारती शख्स को गिरफ्तार करने के लिए महाराष्ट्र, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश समेत विभिन्न राज्यों में छापेमारी की. सीआईए स्टाफ ने लगातार सात दिनों तक उसका पीछा किया. लेकिन यह चतुर आदमी बार-बार अपना भेष बदलकर पुलिस को चकमा दे रहा था।
समाचार सूत्रों के अनुसार उनके मन में डर का भाव भी पैदा हो गया था इसलिए यह शरारती अपराधी चूहे की तरह बिलों में छिपकर भाग रहा था लेकिन अंत में पटियाला की तेज रफ्तार पुलिस उसे पकड़ने में कामयाब रही। अंत में वह आदमी अपने अंतिम छिपने के स्थान, पांवटा साहिब पहुँच गया। इसके बाद यह आदमी पांवटा साहिब से हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में भाग गया और इसका सीआईए स्टाफ द्वारा पीछा किया गया तथा पटियाला सी आई ए प्रभारी इंस्पेक्टर शमिन्दर सिंह ने अपनी टीम के साथ उस व्यक्ति को मंडी जिले के गांव रंधाडा से गिरफ्तार कर लिया। मानसा जिले के कुछ सूत्रों ने यह भी कहा कि वह एक मलंग किस्म का व्यक्ति था और निहंग का वेश बनाकर गांव के पास लुच गडुचियां किया करता था। इसलिए इसके कभी-कभी जूते भी पड़े थे।
जब इस शैतानी आत्मा रविंदर उर्फ अमरीक उर्फ मीका उर्फ रंजीत उर्फ काकू उर्फ काका राम ने पुलिस को देखा और मौके से भागने की कोशिश की लेकिन झोले में फंस कर सिर के बल गिर गया जिसके बाद पुलिस पार्टी तुरंत बाज की तरह कूद गई और उसे दबोच लिया। गिरफ्तारी के वक्त वह शख्स बार-बार मिन्नत तरला करते हुए अपने गुनाह को माफ करने की गुहार लगा रहा था। यह भी अफवाह है कि इसके कपड़ों में ही इसका मलमूत्र भी निकल गया था। भारतवर्ष के काली माता भक्तों ने पटियाला पुलिस द्वारा दिखाई गई तत्परता की सराहना की है और डीजीपी वीरेश कुमार भावरा को धन्यवाद दिया है और मुख्यमंत्री भगवंत मान से अपील की कि वह इस नाजायज व्यक्ति को नँगा करें जिसने हिंदुओं और सिखों के बीच दरार पैदा की है। पंजाब के माहौल को बिगड़ने से बचाने के लिए पटियाला पुलिस को सम्मान दिया जाए और डीजीपी डिस्क भी प्रदान की जाए। मीडिया यह पता लगाने की कोशिश कर रहा है कि इस व्यक्ति के पास से और क्या क्या सामान या उपकरण बरामद हुए हैं और किसने उसे पंजाब का माहौल खराब करने का निर्देश दिया है। जमीनी स्तर पर ऐसे सभी समाज विरोधी तत्वों को का ऑपरेशन किया जाना चाहिए ताकि किसी भी धर्म का अपमान न हो सके।