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🌠BREAKING NEWS*

*गणतंत्र दिवस पर राष्ट्र ध्वज फहराने से पहले हो जाएं सावधान, 3 साल की हो सकती है सजा*

नई दिल्ली, पीटीआइ। गणतंत्र दिवस से पूर्व सरकार ने देशवासियों से आग्रह किया है कि वे प्लास्टिक से बने राष्ट्र ध्वज का इस्तेमाल न करें। साथ ही केंद्रीय गृह मंत्रालय ने एडवाइजरी जारी कर सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से ध्वज संहिता का सख्ती से पालन सुनिश्चित करने के लिए कहा है।

मंत्रालय के मुताबिक, संज्ञान में लाया गया है कि महत्वपूर्ण आयोजनों के दौरान कागज की बजाय प्लास्टिक के बने राष्ट्र ध्वजों का प्रयोग किया जा रहा है। चूंकि प्लास्टिक के बने राष्ट्र ध्वज बॉयोडिग्रेबिल नहीं होते इसलिए ये लंबे समय तक नष्ट नहीं होते। लिहाजा प्लास्टिक के बने राष्ट्र ध्वजों को सम्मानीय तरीके नष्ट करना एक व्यवहारिक दिक्कत है।
एडवाइजरी के मुताबिक, महत्वपूर्ण राष्ट्रीय, सांस्कृतिक और खेल आयोजनों में लोगों को ‘भारतीय ध्वज संहिता-2002’ के मुताबिक, सिर्फ कागज के बने राष्ट्र ध्वजों का इस्तेमाल करना चाहिए। साथ ही आयोजन के बाद उन्हें ऐसे ही इधर-उधर या जमीन पर नहीं फेंकना चाहिए। ऐसे ध्वजों को एकांत में पूरे सम्मान के साथ नष्ट किया जाना चाहिए।

बता दें कि ‘दि प्रिवेंशन ऑफ इंसल्ट्स टू नेशनल ऑनर एक्ट-1971’ की धारा 2 के मुताबिक, सार्वजनिक स्थल या किसी अन्य स्थल (जो लोगों की नजर में हो) पर कोई भी अगर भारतीय राष्ट्रीय ध्वज को जलाता, काटता, विकृत करता, गंदा करता, स्वरूप बिगाड़ता, नष्ट करता, पैरों से रौंदता या किसी अन्य तरीके से अनादर करता है तो उसे तीन साल तक की सजा, या जुर्माना या दोनों हो सकते हैं।

BREAKING NEWS*

*लाउडस्पीकर पर कानून से ऊपर नहीं साधु और मौलवी : साक्षी महाराज*

कन्नौज- भारतीय जनता पार्टी के फायरब्रांड नेता तथा उन्नाव से पार्टी के सांसद साक्षी महाराज कानून का बहुत सम्मान करते हैं। उन्नाव जाते समय आज इत्रनगरी कन्नौज में रुके साक्षी महाराज ने साफ कहा कि साधू हों या फिर कोई मौलवी, कोई भी कानून से ऊपर नहीं है।
कन्नौज के सौरिख में भाजपा सांसद साक्षी महाराज का काफिला आज शाम को निकला। इस दौरान पूर्व जिला उपाध्यक्ष राघव दुबे के आवास पर पत्रकार वार्ता के दौरान लाउडस्पीकर के विरोध पर कहा कि अयोध्या में साधु संत ही विरोध नहीं कर रहे, ऐसे तो मौलवी पूरे देश में विरोध कर रहे लेकिन कानून से ऊपर कोई नही

*यूपी बोर्ड में पढ़ाई जाएगी उप्र के स्थानीय महापुरुषों की गौरवशाली गाथा*

इलाहाबाद- चंद दिन पहले लखनऊ में राज्यपाल रामनाईक और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ ही महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फणनवीस ने समवेत स्वर में यूपी की जिस महिमा का गौरव गान किया, वह जल्द ही किताब का आकार लेने जा रहा है। इतिहास विषय के विशेषज्ञों के निर्देशन में तैयार होने वाली यह किताब यूपी बोर्ड की कक्षा 12 में इतिहास विषय के साथ पढ़ाई जाएगी। सरकार इसके लिए एनसीईआरटी के पाठ्यक्रम में परिवर्तन न करके इतिहास विषय में इसे बुकलेट के रूप में जोड़ेगी।
गौरतलब है कि माध्यमिक कालेजों में नए सत्र से एनसीईआरटी का पाठ्यक्रम लागू हो रहा है। सत्र शुरू होने से पहले बाजार में किताबें उपलब्ध कराने की तैयारी है।
*15 जनवरी तक ध्वनि विस्तारक यंत्र की अनुमति लेना अनिवार्य है, बिना अनुमति शादी में नही बजेगा डी.जे. – डीएम*

जौनपुर- प्रमुख सचिव के गृह अरविन्द कुमार के पत्र दिनांक 4 जनवरी 2018 के अनुपालन में जिलाधिकारी अरविन्द मलप्पा बंगारी ने मंगलवार देर सायं कलेक्टेªट सभागार में जिले के समस्त उपजिला मजिस्टेªट एवं समस्त क्षेत्राधिकारी के साथ बैठक किया। उन्होंने बताया कि शासन द्वारा प्रेषित पत्र में मा0 उच्च न्यायालय लखनऊ द्वारा जनहित याचिका मोती लाल यादव बनाम स्टेट ऑफ यू0पी0 में पारित आदेश 20 दिसम्बर 2017 में ध्वनि प्रदूषण (विनियमन और नियंत्रण) नियम 2000 यथा संशोधित के प्राविधानों के अनुपालन में लाउडस्पीकर एवं लोक सम्बोधन प्रणाली के प्रयोग हेतु प्राधिकारी द्वारा प्रदत्त अनुमति तथा बिना अनुमति प्राप्त किये हुये प्रयुक्त लाउडस्पीकर एवं लोक संबोधन प्रणाली को हटाये जाने के सम्बन्ध में की गयी कार्यवाही का विवरण तथा अत्यधिक ध्वनिजनित करने वाले समारोहो के विरूद्ध की गयी कार्यवाही का विवरण प्रस्तुत किये जाने के निर्देश दिये। उन्होने बताया कि जनपद में स्थित ऐसे सभी धार्मिक स्थलो तथा सार्वाजनिक स्थलो जहा स्थाई रूप से लाउडस्पीकर लोक सम्बोधन प्रणाली या अन्य किसी प्रकार ध्वनि प्रसारण यंत्र का प्रयोग किया जाता है, का चिन्हिकरण राजस्व एवं पुलिस अधिकारियों की टीम बनाकर किया जाय। चिन्हिकरण के समय जो टीम इन स्थलो पर जायेगी वह यह ज्ञात करेगी कि इनमें से कितने धार्मिक स्थल, सार्वजनिक स्थल पर ध्वनि विस्तारक यंत्र बिना अनुमति के प्रयोग में लाये जा रहे है। इस टीम द्वारा ऐसे सभी धार्मिक, सार्वजनिक स्थल के प्रबन्धकों को 15 जनवरी 2018 से पूर्व अनुमति प्राप्त करना अनिवार्य है।
*दोहरा वाले की दुकान पर पड़ा छापा, भारी मात्रा में दोहरा बरामद*

जौनपुर। खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम ने आज लाईनबाजार तिराहे पर स्थित एक दुकान में जबदस्त छापेमारी करके भारी मात्रा में प्रतिबंधित दोहरा बरामद किया है। छापेमारी से दोहरा करोबारियो में हड़कंप मच गया है। टीम दोहरा को कब्जे लेकर जांच के लिए भेजने के बाद दुकानदार के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की कार्यवाही शुरू कर दिया है।
मालूम हो कि आजादी से पूर्व जौनपुर नगर व आसपास के इलाके में बनाकर बेचे जाना वाला मादक प्रदार्थ दोहरा माउथ कैंसर की जननी बन चुकी है। अब तक इसके आगोश में आने से सैकड़ो लोग काल के गाल में समा चुके है। हजारो लोग देश विभिन्न अस्पतालों में जीवन और मौत के बीच जुझ रहे है।

*भांसाली के मुंह पर मारेंगे चांदी का जूता: करणी सेना*

देहरादून- राजपूत करणी सेना के राष्ट्रीय संरक्षक लोकेंद्र सिंह कालवी ने कहा कि भंसाली के मुंह पर चांदी का जूता मारेंगे, यानी आर्थिक नुकसान करेंगे। इतना ही नहीं उनका ये भी कहना है कि अब पद्मावत फिल्म को बैन करने से कुछ भी कम मंजूर नहीं है। 25 जनवरी को फिल्म रिलीज करने की बात कही जा रही है। अगर ऐसा हुआ तो कर्फ्यू लगा दिया जाएगा। उनका कहना है कि प्रधानमंत्री और सेंसर बोर्ड गंभीरता से इस बात को समझे। ये जौहर की ज्वाला है, बहुत कुछ जल जाएगा।

लोकेंद्र सिंह कालवी ने कहा कि नोटबंदी के दौरान फिल्म बननी शुरू हुई थी। सवाल तो ये भी है कि इतना पैसा कहां से आया। उन्होंने ये भी बताया कि उन्हें पाकिस्तान से धमकी भी मिली है। ये धमकी कराची में उस लोकेशन के आसपास से मिली, जहां दाऊद के होने की बात कही जाती है। आखिर पाकिस्तान की इसमें क्या दिलचस्पी है।

प्रेस क्लब में पत्रकारों से वार्ता से पहले उन्होंने सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत से भी वार्ता की और फिल्म को उत्तराखंड में बैन करने की मांग की। जिसपर सीएम ने उन्हें उचित कार्रवार्इ का भरोसा दिया। वहीं उन्होंने पत्रकारों को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि पहले चार पत्रकारों ने फिल्म देखी थी और ढोल बजाया था कि इसमें कुछ भी गलत नहीं। अब तीन सदस्यीय प्रिव्यू कमेटी ने फिल्म देखी और कहा कि ये रिलीज नहीं होनी चाहिए। जबकि फिल्म से घूमर नृत्य हटा दिया गया।
उन्होंने कहा कि सवाल ये भी है कि जिन चार पत्रकारों ने ढोल पीटा था, क्या उन्हें माफी नहीं मांगनी चाहिए। आपको बता दें कि लोकेंद्र सिंह कालवी महाराणा प्रताप के 24वीं और रानी पद्मावती के 37वीं पीढ़ी के वंशज हैं।

*आतंकवाद को बढ़ावा दे रहे मदरसे: वसीम रिजवी ने की मदरसा शिक्षा खत्म करने की वकालत*

लखनऊ- शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिजवी ने मदरसों पर बड़ा हमला बोलते हुए कहा कि मदरसे आतंकवाद को बढ़ावा दे रहे हैं। इसमें पढऩे वाले बच्चे राष्ट्र की मुख्यधारा से कट जाते हैं। धीरे-धीरे इनका रुझान आतंकवाद की तरफ हो जाता है। वसीम रिजवी ने पीएम नरेंद्र मोदी, कैबिनेट सेक्रेटरी, सीएम योगी के साथ ही कई राज्यों को पत्र भेजकर मदरसा शिक्षा को खत्म करने की वकालत की है। मदरसों को सीबीएसई, आईसीएसई या फिर राज्य बोर्ड से पंजीकृत कर यहां मुस्लिम छात्रों के साथ ही दूसरे धर्म के छात्रों की भी पढ़ाई कराने की मांग की। इनमें इस्लामिक शिक्षा की पढ़ाई वैकल्पिक होनी चाहिए।

वसीम रिजवी ने कहा कि देश में करीब एक लाख से ज्यादा मदरसे गैर पंजीकृत हैं। यह मदरसे मुल्लाओं का खास बिजनेस हैं और जकात यानी चंदे के पैसों से चलते हैं। मदरसों के बच्चों में कट्टरवाद बचपन से ही पैदा कर दिया जाता है। मदरसे खत्म करके कॉमन एजुकेशन पॉलिसी लागू करनी चाहिए।
*मदरसों ने इंजीनियर-डॉक्टर नहीं आतंकी जरूर पैदा किए*

वसीम रिजवी ने कहा कि कितने मदरसों ने इंजीनियर, डॉक्टर व आइएएस अफसर पैदा किए? इक्का-दुक्का जो सफल हुए उन्होंने मदरसे के बाद आधुनिक शिक्षा प्राप्त की, जबकि मदरसों से निकलने वाले आतंकियों की संख्या कहीं अधिक है। इसमें कोई संदेह नहीं कि मदरसों के संचालन के लिए जकात बांग्लादेश व पाकिस्तान जैसे देशों से आ रही है। यहां तक की कुछ आतंकवादी संगठन भी ऐसे अपंजीकृत मदरसों को पैसे देकर मदद कर रहे हैं।
*गैर मान्यता प्राप्त मदरसे बंद करने के आदेश*

शिया वक्फ बोर्ड ने वक्फ की संपत्तियों पर चल रहे गैर मान्यता प्राप्त मदरसों को बंद करने के आदेश दिए हैं। वसीम रिजवी ने सभी मुतवल्ली, प्रबंध कमेटी व प्रशासक को ऐसे मदरसों को 31 जनवरी तक बंद करने के लिए कहा है। उन्होंने कहा कि यदि इसके बाद भी मदरसा चलता हुआ पाया गया तो संबंधित के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
नमो टी वी
ममता सिंह

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