पंजाब से कुछ खास खबर
: नाबालिगा को भगाने के मामले में 3 लोग नामजद
पंजाब जिला फाजिलका एक 13 वर्षीय नाबालिग लड़की को कथित तौर पर बहला फुसला कर घर से भगा ले जाने के आरोप में पुलिस ने एक युवक सहित उसके मां-बाप के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया है। पुलिस का कहना है कि वह लड़की की तलाश कर रहे हैं और जल्द ही लड़की तथा आरोपियों को तलाश लिया जाएगा। मिली जानकारी अनुसार सदर थाना जलालाबाद के अधीन गांव चक्क खडूज वासी हरमीत कौर (बदला हुआ नाम) ने पुलिस को बताया कि उसकी 13 वर्षीया बेटी रचना (काल्पनिक नाम) दोपहर घर में अकेली थी। जब वह घर पहुंची तो देखा कि घर खुला हुआ था, लेकिन उसकी बेटी घर पर नहीं थी। आस-पड़ोस में तलाश की गई लेकिन वह नहीं मिली, तो उन्होंने अपने रिश्तेदारों के यहां भी पूछताछ की। लेकिन उसका कोई पता नहीं चला। इसके बाद उसने पुलिस को सूचना दी और उसे मालूम हुआ कि जब उसकी लड़की घर पर अकेली थी तब कुलविंदर सिंह तथा उसका पिता जगीर सिंह और उसकी मां प्रीतो बाई वासी माडिया वाली घर पर आए थे और उसकी नाबालिग बेटी को बहला-फुसला कर अपने साथ ले गए। पुलिस ने शिकायत के आधार पर लड़के सहित उसके मां-बाप के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है। पुलिस का कहना है कि वह इस मामले की जांच कर रहे हैं तथा आरोपियों की तलाश कर रहे हैं।
[12/26, 9:57 PM] राजू पत्रकार: पंजाब में 838 लड़कियों से रेप,छोटी उम्र में आसानी से हर चीज का एक्सेस
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( एन.सी.आर.बी.) की रिपोर्ट चौंकाने वाली है। पंजाब को लेकर आंकड़े गवाह हैं कि 2016 में 838 लड़कियों से रेप की वारदात हुईं और 95 से दरिंदगी का प्रयास किया गया। इनमें 73.13% घटनाओं में पीड़िताओं से उनके अपनों ने ही दरिंदगी की जबकि 26.61% केसों में पड़ोसियों ने हैवानियत की। ज्यादा शिकार 18 से 30 साल की युवतियां बनीं। हालांकि पिछले साल से 2.3% कम घटनाएं हुईं। फिर भी दुष्कर्म मामले में पंजाब देश में 18वें नंबर पर है।
2015 में 886 लड़कियों से रेप और 128 से रेप का प्रयास हुआ था। यानी 2015-2016 में सूबे की 1724 लड़कियां शिकार बनीं और 223 से रेप का प्रयास हुआ। औसतन हर दिन 2 लड़कियां रेप की शिकार हो रही हैं। 2016 में 6 साल तक की 15 बच्चियों, 6-12 साल की 33, 12-16 साल की 175, 16-18 साल की 187 युवतियों, 18-30 साल की 281, 30-45 की 139 महिलाओं, 45-60 साल की 9 महिलाओं और 60 से ऊपर की 1 महिला से रेप की घटना हुई। 2016 में महिलाओं से रेप और अन्य तरह के कुल 5105 केस हुए। इनमें 278 केसों पर सबूत नहीं मिले। 896 झूठे और 220 केसों में पुलिस को गलत जानकारी दी गई।
मध्यप्रदेश जैसा कानून बने तो अपराध घटेगा
सुकेशकालिया, चेयरमैन, पंजाब स्टेट कमीशन फार प्रोटेक्शन आफ चाइल्ड राइट्स ने कहा कि मध्यप्रदेश सरकार ने गैंगरेप के दोषी को फांसी की सजा की मंजूरी दे दी है। पंजाब में भी मप्र जैसा कानून बनने तो अपराध यहां भी कम होगा। हमने मध्यप्रदेश की चाइल्ड राइट्स कमीशन से डाक्यूमेंट मंगाया है। इसके बाद पंजाब सरकार को भी एमपी जैसा कानून बनाने को लिखेंगे।
पंजाब के डीजीपी अरोड़ा ने कहा कि 2015 की अपेक्षा 2016 में घटनाएं कम हुई हैं। ऐसी एक भी घटना दुखद है। पंजाब का चार्ज संभालते ही इन्वेस्टीगेशन पक्की हो, गवाह मुकर सके और आरोपी को सजा हो इसका ध्यान रखा है। रेप केस की जांच डीएसपी लेबल के अधिकारी से ही करते हैं। जब तक केस की जांच पूरी नहीं होती उसे दूसरा केस नहीं दिया जाता।
डाक्टर अजय पाल सिंह संधू, चीफ कसल्टेंट साइक्रेटिक डिपार्टमेंट, फोर्टिस का कहना है कि पोर्नोग्राफीकी इजी एक्सेस, फिल्मों की अश्लीलता, हिंसक गेम्स ड्रग्स युवाओं में सैक्स डिजायर बढ़ाती हैं। छोटी उम्र में आसानी से हर चीज के एक्सेस से सेल्फ कंट्रोल खत्म हो रहा है। नशा एक्साइटमेंट बढ़ता है और दिमाग का कंट्रोल खत्म कर देता है। इससे ऐसी घटनाएं बढ़ती हैं।