DGP पंजाब द्वारा पटियाला किन्नर डेरा डकैती कांड की निष्पक्ष जांच के आदेश । क्या पीड़ित पूनम महंत को न्याय मिलेगा?

पटियाला के बहुचर्चित जाट वाला चौतरा डकैती कांड में डीजीपी पंजाब ने 2021 की एफआईआर नंबर 234 और अन्य मामलों की निष्पक्ष जांच आईपीएस अधिकारियों से कराने के आदेश जारी किए हैं।  जांच इससे पहले पंजाब ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन की पीपीएस अधिकारी सुरिंदरजीत कौर और नए भर्ती हुए इंस्पेक्टर ने की थी। सुर्खियों में आई इस डकैती की घटना की शिकार किन्नर गुरु पूनम महंत ने डीजीपी पंजाब को शिकायत दर्ज कराई थी कि सुरिंदरजीत कौर ने उनके साथ घोर बेइंसाफी करते हुए डकैती में शामिल लोगों को बचाने के लिए पटियाला पुलिस द्वारा डकैतों के खिलाफ की गई सही कार्रवाई को गलत ठहराते हुए उन्हें न्याय देने की बजाय पीड़ित को ही झूठे मुकदमे में फंसाने की सिफारिश कर डाली। पूनम महंत के पास इस हथियारबंद डकैती की लाइव तस्वीरें मौजूद हैं लेकिन पूरन महंत के मुताबिक एसपी सुरिंदरजीत कौर ने उनके सबूत लेने से इनकार कर दिया और डकैतों से समझौता करने के लिए दबाव डाला । sp सुरिंदरजीत कौर द्वारा पूनम महंत द्वारा पेश किए गए सबूतों और सीसीटीवी वीडियो फुटेज को नजरअंदाज करते हुए डकैती के आरोपियों को बचाने के लिए, तथ्यों और कानूनी प्रावधानों और अदालती कार्रवाई को गलत ठहराने की मनमानी करते हुए एसएसपी पटियाला को एक मनगढ़ंत रिपोर्ट भेजी गई, जिसमें पटियाला पुलिस के जांच अधिकारी जो मामले की जांच कर रहे थे उनके ही खिलाफ टिप्पणी करते हुए तथ्यों के आधार पर निष्पक्ष तरीके से काम कर रही पटियाला पुलिस को ही दोषी करार दिया गया।पूनम महंत द्वारा लगाए गए गंभीर आरोपों पर संज्ञान लेते हुए डीजीपी कार्यालय ने निदेशक पीबीआई को लिखित रूप से कहा है कि इस मामले में लगाए गए आपराधिक आरोपों की जांच किसी अन्य अधिकारी को स्थानांतरित कर दी जाए और वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों द्वारा इस गंभीर घटना की निष्पक्ष जांच की जाए और यह सख्ती के साथ सुनिश्चित किया जाए कि कानून और तथ्य के मद्देनजर ही बिना किसी पूर्वाग्रह के इस लूट और डकैती कांड की निष्पक्ष जांच की जाए। पीड़िता पूनम महंत ने पत्रकारों को इस सनसनीखेज लूट का वीडियो फुटेज दिखाते हुए बताया है कि इस मामले की विजिलेंस जांच को लेकर कानूनी कार्रवाई भी की गई है. यहां बताना जरूरी है कि 2021 में पूनम महंत द्वारा खरीदे गए जट्टा वाला चौतरा के डेरे पर जानलेवा हमला करते हुए करोड़ों रुपए की नकदी और सोना लूटते हुए डकैती को अंजाम दिया गया था। इस कांड का सरगना फरार हो गया था लेकिन पटियाला पुलिस ने उसके कुछ साथियों को ग्रिफ्तार करके उनसे से लूटे गए काफी पैसे और सोने के गहने भी बरामद किए थे, लेकिन पीड़ित पूनम महंत का कहना है कि इन सभी सबूतों को नजरअंदाज करते हुए पंजाब ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन के उक्त अधिकारी ने डकैती आरोपियों को बचाने की कोशिश की है, जिसके संबंध में डीजीपी पंजाब श्री गौरव यादव के कार्यालय ने पंजाब ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन के वरिष्ठ अधिकारियों को स्पष्ट रूप से लिखा है और कहा है कि न्याय होना चाहिए इस मामले की पूरी जांच साक्ष्यों के आधार पर करके पीड़िता को राहत दी जाए । पीड़िता पूनम महंत ने इस संबंध में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग में भी मामला दर्ज कराया है तथा उनके अधिवक्ता इस मामले से सबंधित अहम खुलासे दिल्ली में करेंगे।

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