बलि का बकरा बनाया गया सचिन वाझे को ?

एंटीलिया मामले में मुंबई पुलिस के निलंबित अधिकारी सचिन वाझे को 3 अप्रैल तक के लिए एनआईए की हिरासत में भेजा गया है.

उन्हें मुंबई की एक स्पेशल एनआईए की कोर्ट में पेश किया गया था.

कोर्ट में सचिन वाझे ने कहा कि उन्हें इस मामले में बलि का बकरा बनाया जा रहा है.

लेकिन कोर्ट ने एनआईए की बात से सहमति जताते हुए उन्हें 3 अप्रैल तक के लिए हिरासत में भेज दिया.

समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक वाझे ने कहा कि उन्होंने इस केस की जांच सिर्फ डेढ़ दिनों के लिए की थी और जांच सही तरीके से की थी.

इसके अलावा उन्होंने कहा कि वो इस केस में अकेले जांच नहीं कर रहे थे, क्राइम ब्रांच और मुंबई पुलिस की टीम भी जांच कर रही थी.

एनआईए ने आरोप लगाया कि वाझे के घर से 62 गोलियां बरामद हुई हैं जिनका कोई रिकॉर्ड मौजूद नहीं मिला है.

एनआईए ने कोर्ट को बताया, “सर्विस रिवॉल्वर के लिए दी गई 30 गोलियों में से सिर्फ 5 बरामद हुई हैं. अभियुक्त ये नहीं बता रहा कि बाकि गोलियां कहां गईं.”

इससे पहले मुंबई के पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह ने आज हाईकोर्ट में याचिका दायर की.

बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने सिंह की याचिका को सुनने से इनकार कर दिया था जिसमें उन्होंने महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए जांच की मांग की थी.

कोर्ट ने कहा था कि मामला गंभीर है और अगर वो स्वतंत्र जांच चाहते हैं तो हाईकोर्ट में अपील कर सकते हैं.

परमबीर सिंह
Image caption: मुंबई पुलिस के पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह

एनआईए ने शनिवार शाम मुंबई पुलिस के अधिकारी सचिन वाझे से 12 घंटे तक पूछताछ करने के बाद उन्हें गिरफ़्तार किया था.

वाझे के ख़िलाफ़ आईपीसी की धाराओं 285, 465, 473, 506(2), 120 B के तहत केस दर्ज किया है.

25 फरवरी को रिलायंस इंडस्ट्रीज़ (आरआईएल) के चेयरमैन मुकेश अंबानी के घर एंटीलिया के पास एक लावारिस एसयूवी (स्कोर्पियो) खड़ी मिली थी. इस एसयूवी में जिलेटिन की छड़ें मिली थीं.

5 मार्च को मनसुख हिरेन की मौत की ख़बर आई. मुंबई पुलिस अपनी जाँच में इस नतीजे पर पहुँची थी कि मनसुख हिरेन ही तब उस स्कोर्पियो के मालिक थे.

हालाँकि बाद में एक थ्योरी ये भी सामने आई कि पैसा ना चुका पाने कि एवज़ में उन्होंने वो गाड़ी एक दूसरे व्यक्ति से ली थी.

8 मार्च को जांच एनआईए को सौंप दी गई थी.

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