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विकासनगर से लगते जौनसार बाबर के चकराता में सन २०१४ अक्टूबर नवंबर माह में सामने आये इस प्रेमी युगल की हत्या और बलात्कार के मामले ने जहां एक ओर पूरे देश को झकझोर कर रख दिया, वहीं दूसरी ओर शांत कहे जाने वाले जौनसार बाबर क्षेत्र को भी शर्मसार कर दिया। बंगाली मूल के चित्रकार मोमिता और अभिजीत दिल्ली से सैलानी बन पहाड़ी वादियों में कुछ सकून भरे पल बिताने चकराता पहुंचे थे, जहां एक रात रुकने के बाद इन लोगों ने आसपास के टाइगर फाल जैसे प्राकृतिक नजारे देखने के लिए चकराता के ही ड्राइवर राजूदास से बात कर उसकी बोलेरो बुक की, लेकिन इसी बीच दोनों कहीं गुम हो गये। जब इन लोगों के परिजनों ने पुलिस में गुमशुदगी का मामला दर्ज करवाया, तब यह दोहरे हत्याकांड और बलात्कार का मामला सामने आया। घटनाक्रम और पुलिस के मुताबिक दिल्ली से सैलानी बनकर घूमने आए मोमिता और अभिजीत टाइगर फाल घूमने निकले तभी बोलेरो ड्राइवर राजूदास ने मोमिता के साथ गलत काम करने के मक़सद से अपने तीन साथियों बबलू, गुड्डू और कुंदन के साथ दोहरे हत्याकांड तक का तानाबाना बून डाला। साथ ही अपनी योजना के मुताबिक इन चारों ने मोमिता से बलात्कार करने के बाद दोनों की हत्या कर उनके शव अलग अलग जगह ठिकाने लगा गुम हो गए। तो वहीं अचानक लापता हुये मोमिता और अभिजीत से उनके परिजनों का लम्बे समय तक संपर्क नहीं हुआ तो मोमिता के पिता ने दिल्ली के साकेत थाने में गुमशुदगी दर्ज करवाई गई। जिसके चलते दिल्ली और विकासनगर पुलिस द्वारा की गई जांच पड़ताल में लापता युगल के मोबाइल को ट्रेस करने हुये पुलिस ड्राइवर राजूदास तक पहुंची, जो पुलिस की सख्त पूछताछ के आगे टूट गया और उसने अपना गुनाह कबूलते हुये अपने साथियों तक पुलिस को पहुंचा दिया। जिसके चलते पुलिस ने चारों आरोपियों से युगल से लुटा गया सामान बरामद किया और १३ नवंबर २०१४ को मोमिता के शव को उत्तरकाशी जिले डामठा क्षेत्र से यमुना नदी से बरामद किया। जबकि अभिजीत का शव नौंगाव पुलिस इस पूरे मामले से अनजान पहले ही लावारिस में अपनी कार्यवाही पूरी कर चुकी थी।

डबल मर्डर मामले में कब क्या हुआ

२२ अक्टूबर २०१४ दिल्ली निवासी सैलानी अभिजित और उसकी प्रेमिका चकराता घूमने आये।

२३ अक्टूबर २०१४ चकराता स्थित टाइगर फाँल घूमने के दौरान दोनों लापता हुये।

२९ अक्टूबर २०१४ युवती के पिता ने दिल्ली के साकेत थाने में गुमशुदगी दर्ज कराई।

३० अक्टूबर २०१४ अभिजीत का शव नौंगाव चौकी क्षेत्र में मिला।

१० नवंबर २०१४ पूछताछ में चालक राजूदास ने अपने साथियों बबलू, गुड्डा और कुंदन के साथ मिलकर हत्या की बात कबूली।

१३ नवंबर २०१४ उत्तरकाशी जिले के डामठा क्षेत्र में यमुना नदी से युवती का शव बरामद हुआ।

२७ मार्च २०१८ कोर्ट ने गवाहों और सबूतों के आधार पर चारों को हत्या का दोषी माना, जबकि प्रयाप्त सबूत न मिलने पर बलात्कार के आरोप से किया बरी।

३० मार्च २०१८ अपर जिला जज

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