9 January, 2018 17:06

: राजीव गांधी हत्या मामला: श्रीलंका के नागरिक ने किया पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी हत्या मामले में आजीवन कारावास की सजा भुगत रहे श्रीलंका के नागरिक रविचंद्रन ने अपनी पुस्तक में बड़ा खुलासा किया है। रविचंद्रन ने दावा किया है पूर्व प्रधानमंत्री की हत्या के लिए उपयोग में लाया गया ‘बेल्ट बम’भारत में ही बनाया गया था
रविचंद्रन ने अपने वकील लजापति राज और टी थीरुमुरुगन के माध्यम से ‘सिवरासन टॉप सीक्रेट’ नामक पुस्तक लिखी है जिसमें उसने यह बड़ा खुलासा किया है। वरिष्ठ पत्रकार पी ईकालाइवन ने इस पुस्तक का संकलन किया है। इस पुस्तक का विमोचन चेन्नई में बुधवार को किया जाएगा।
राजीव गांधी हत्याकांड मामले में रविचंद्रन को आरोपी नंबर 16 कहा जाता है। उसने हत्याकांड के मुख्य दोषियों को तकनीकी सहायता पहुंचाई थी। पुस्तक में रविचंद्रन ने खुलासा किया है कि तमिलनाडु के श्रीपेरम्बदूर में 21 मई 1991 को चुनावी जनसभा के दौरान राजीव गांधी की हत्या के लिए इस्तेमाल में लाए गए ‘बेल्ट बम’ का निर्माण भारत में किया गया था तथा सेंट्रल इंटेलीजेंस एजेंसी के नियंत्रण वाले बैंक के माध्यम से आरोपी सिवरासन और तांत्रिक चंद्रास्वामी को बहुत बड़ी रकम भेजी गई थी।
रविचंद्रन के अनुसार बेल्ट बम बनाने में आरडीएक्स सहित चार विभिन्न विस्फोटक सामग्री इस्तेमाल की गईं थी। राजीव गांधी हत्याकांड से जुड़ी यह चौथी पुस्तक है। रविचंद्रन इन दिनों मदुरै के कारागार में बंद है। उसकी मृत्युदंंड की सजा को उच्चतम न्यायालय ने आजीवन कारावास में तब्दील कर दिया था।

: मदरसों में बेहतर शिक्षा के लिए अच्छे शिक्षकों की होगी नियुक्ति: चौधरी
उत्तर प्रदेश के डेयरी, अल्पसंख्यक कल्याण, संस्कृति, वक्फ एवं हज मंत्री लक्ष्मीनारायण चौधरी ने कहा कि प्रदेश में मदरसों की शिक्षा में गुणात्मक परिवर्तन लाने के लिए अच्छे शिक्षकों की नियुक्ति को सुनिश्चित किया जा रहा है।
चौधरी ने आज यहां संवाददाओं को बताया कि अब मदरसों से लेकर अल्पसंख्यक डिग्री कालेजों में शिक्षकों की नियुक्ति के लिए बनाई गई चयन समिति में एक सदस्य रजिस्ट्रार मदरसा का भी होगा जो अच्छे शिक्षक की नियुक्ति को सुनिश्चित करेगा। उनका कहना था कि नये शिक्षक की नियुक्ति का अनुमोदन भी रजिस्ट्रार ही करेगा।
उन्होंने कहा कि मदरसों की शिक्षा को और बेहतर बनाने के लिए विज्ञान और गणित के शिक्षण की व्यवस्था भी मदरसों में की जा रही है। इन विषयों की किताबें उर्दू भाषा में छप चुकी हैं तथा अगले सत्र से विद्यार्थियों को यह उपलब्ध हो सकेगी। इन किताबों का स्तर सीबीएसई/आईसीएसई की किताबों के जैसा होगा। उनका कहना था कि सरकार की मंशा है कि अब मदरसों में भी ऐसी शिक्षा दी जाय कि इससे पढ़े बच्चे डाक्टर, इंजीनियर आदि बन सकें।
उनका कहना था कि मदरसों की शिक्षा के मामले में पिछली सरकारों ने केवल राजनीतिक लाभ ही लिया बल्कि शिक्षा की गुणवत्ता पर कोई ध्यान नही दिया गया जिससे इस पर खर्च की गई राशि का अधिकांश भाग का दुरूपयोग हुआ। जब सरकार ने मदरसों की सही या और उनमें पढऩे वाले विद्यार्थियों की या को जानने की कोशिश की तो 2800 मदरसे ही गायब हो गए और सवा लाख छात्रों का पता नही है।

यूपी के भिखारियों ने एक रुपये के सिक्के को लेने से किया इंकार, जानिए क्यों?
उत्तर प्रदेश: एक रुपये के सिक्के के आकार से नाखुश उत्तर प्रदेश के रामपुर के भिखारियों के एक समूह ने तय किया है कि वह भीख में एक रूपए का सिक्का नहीं लेंगे।
एक भिखारी शुक्र मनि ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 500 और 1,000 रुपये के नोटों को चलन से बाहर किया था, अब हम एक रुपये के सिक्के को चलन से बाहर कर रहे हैं क्योंकि इसका आकार 50 पैसे के सिक्के जैसा है।
भिखारियों ने आरोप लगाया कि दुकानदार और रिक्शा वाले भी सिक्के का आकार छोटा होने के कारण उनसे यह सिक्का नहीं लेते हैं।

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