कुछ खास खबर विस्तार से नमो टी वी नेट पर
मुक्त भारत अभियान में पंजाब भाजपा डाल रही अड़ंगा
2014 में लोकसभा चुनावों में भाजपा का देशभर में प्रदर्शन लाजवाब रहा, जिसके बाद भाजपा ने लगातार महाराष्ट्र, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, गुजरात और हिमाचल प्रदेश का चुनाव जीता, लेकिन पंजाब में भाजपा के बेहद निराशाजनक प्रदर्शन को लेकर अब कई प्रकार की चर्चाएं आरंभ हो गई हैं। लोकसभा चुनावों में भी पंजाब में भाजपा की हालत खस्ता रही। उसके बाद पंजाब में विधानसभा चुनाव, फिर अमृतसर व गुरदासपुर उप चुनाव और अब निकाय चुनावों में भी भाजपा की हालत खस्ता रही।
पंजाब में लोकसभा चुनावों में भाजपा केवल होशियारपुर तथा गुरदासपुर सीट ही जीत सकी। दिलचस्प है कि गुरदासपुर सीट पर विनोद खन्ना के निधन के बाद हुए उप चुनाव में भाजपा की बुरी दुर्गत हुई। स्व. विनोद खन्ना ने जो सीट 1.36 लाख के करीब मतों से जीती थी, भाजपा वही सीट उप चुनाव में 1.93 लाख मतों से हार गई। भाजपा ने यही परम्परा कायम रखी और पंजाब की तीनों नगर निगमों में कांग्रेस के हाथ दे दिए। भाजपा की बुरी हालत के लिए कहीं न कहीं भाजपा के आला नेता ही जिम्मेदार हैं। भाजपा नेताओं ने पार्टी की हालत सुधारने की कोशिश ही नहीं की। पार्टी ने गुरदासपुर चुनाव हारने के बाद पार्टी में कोई संगठनात्मक बदलाव करने की अपेक्षा उसी टीम को आगे निकाय चुनावों की कमान दे दी गई, इसका खमियाजा पहले की तरह ही पंजाब भाजपा ने भुगता।
पंजाब में मौजूदा संगठनात्मक टीम के तहत लगातार जो भी चुनाव हुए उसमें हार ही मिली, लेकिन इसके बाद भी केंद्रीय हाईकमान ने कोई बदलाव नहीं किया। इसके चलते पंजाब में पार्टी की हालत लगातार खराब हो रही है। देश में इस समय कांग्रेस की चार राज्यों में सरकार है जिसमें एक पंजाब भी है। कांग्रेस ने पंजाब में बड़े स्तर पर कमबैक किया, लेकिन भाजपा को इससे कोई सबक नहीं मिल रहा है। हिमाचल से लेकर अन्य राज्यों से कांग्रेस को खदेडऩे के लिए जहां केंद्र में बैठे भाजपा के नेता जोर लगा रहे हैं वहीं पंजाब भाजपा पूरी तरह से उनकी कोशिशों पर पानी फेर रही है। भाजपा का केंद्रीय हाईकमान कांग्रेस मुक्त भारत का अभियान चला रहा है लेकिन यह पंजाब भाजपा ही है जो इस अभियान को सफल होने में लगातार अड़ंगा डाल रही है।अगर निकाय चुनावों को स्थानीय मसलों के साथ जोड़ कर ही देखा जाए तो हाल ही में उत्तर प्रदेश में निकाय चुानवों में भाजपा को भारी सफलता मिली, जबकि पंजाब में निकाय चुनावों में भाजपा कोई
[12/19, 10:40 PM] राजू पत्रकार: प्रधानमंत्री मोदी के पास अगर डा. मनमोहन सिंह के खिलाफ सबूत हैं तो केस दर्ज
पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पूर्व प्रधानमंत्री डा. मनमोहन सिंह के खिलाफ की गई टिप्पणियों के लिए माफी मांगनी चाहिए। उन्होंने लोकसभा से बाहर आते समय पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि अगर प्रधानमंत्री के पास डा. मनमोहन सिंह के विरुद्ध कोई सबूत हैं तो उन्हें उनके विरुद्ध केस दर्ज करवा लेना चाहिए। अगर केवल गुजरात चुनावों के कारण डा. मनमोहन सिंह के खिलाफ टिप्पणियां की गई हैं तो उन्हें इसके लिए माफी मांगनी चाहिए।
जाखड़ ने कहा कि स्वतंत्रता संग्राम में पंजाबियों ने सर्वाधिक योगदान डाला। मोदी ने एक पंजाबी नेता डा. मनमोहन सिंह के खिलाफ बयानबाजी करके पंजाबियों का अपमान किया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री को सदन के अंदर इस बारे में स्पष्टीकरण देने की जरूरत है। वास्तव में मोदी ने प्रधानमंत्री पद की मर्यादा को तोड़ा है। सियासी बयानबाजी या लाभ के लिए भी कभी डा. मनमोहन सिंह ने अपने विरोधियों के विरुद्ध ऐसी बयानबाजी नहीं की थी।
उन्होंने कहा कि लोकसभा में किसानी तथा नौजवानों से जुड़े मसलों पर चर्चा करने की जरूरत है पर सरकार के अडिय़ल रवैये के कारण इन पर चर्चा नहीं हो पा रही है। कांग्रेसी नेता ने कहा कि पंजाब सहित देश में नशीले पदार्थों की तस्करी के मामले में ई.डी. की जांच चल रही है। ई.डी. जांच को समयबद्ध ढंग से पूरा करने की जरूरत है। उन्होंने केंद्र सरकार से मांग की कि विदेशी दूल्हों द्वारा पंजाबी लड़कियों से विवाह करके उनसे धोखा करने के मामलों का सख्त नोटिस लेते हुए इन पर कानून बनाने की जरूरत है।
गुजरात चुनाव परिणामों पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि चाहे भाजपा जीती परन्तु कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस ने भाजपा को गुजरात में कड़ी टक्कर देकर बता दिया है कि 2019 में होने वाले चुनावों में आसान मुकाबले नहीं होंगे। उन्होंने कहा कि गुजरात में कांग्रेस की वास्तव में जीत हुई है। जाखड़ ने कहा कि लोकसभा में कांग्रेस द्वारा बहस की जानी है परन्तु केंद्र विपक्ष
[12/19, 10:41 PM] राजू पत्रकार: हाईकोर्ट के पूर्व न्यायाधीश कर्णन कल होंगे जेल से रिहा, अवमानना मामले में SC सुनाई
कोलकाता: कलकत्ता उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश सीएस कर्णन छह महीने जेल की सजा काटने के बाद कल रिहा होने वाले हैं। अवमानना के लिए सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें यह सजा सुनाई थी। पुलिस से एक महीने तक बचते रहे कर्णन को 20 जून को तमिलनाडु में कोयंबतूर से गिरफ्तार किया गया था।
चेन्नई में रहने वाली उनकी पत्नी, सरस्वती कर्णन के अपने बड़े बेटे के साथ आज शाम शहर में आने की उम्मीद है। सरस्वती कर्णन ने सूत्रों को बताया, ‘‘उनकी कल रिहाई होने वाली है। उनको चेन्नई ले जाने के लिए मैं कोलकाता आ रही हूं।’’ चेन्नई के एक कॉलेज में अर्थशास्त्र की प्रोफेसर सरस्वती ने कहा कि वह करीब डेढ़ महीने पहले प्रेसिडेंसी सुधार गृह में अपने पति से मिली थीं।
उन्होंने कहा,‘‘मैंने उन्हें उत्साहित देखा और उनकी सेहत ठीक थी।’’ कर्णन उच्च न्यायालय के पहले सेवारत न्यायाधीश हैं जिन्हें जेल की सजा सुनायी गई। अदालत की अवमानना के लिए शीर्ष अदालत ने नौ मई को उन्हें छह महीने जेल की सजा सुनाई थी। उस वक्त कर्णन कलकत्ता उच्च न्यायालय के सेवारत न्यायाधीश थे।
[12/19, 10:43 PM] राजू पत्रकार: सभी रेलवे स्टेशन अप्रैल 2018 तक एलईडी से होंगे रोशन: रेलवे
नई दिल्ली: बिजली खपत कम करने के पर्यावरणानुकूल उपाय के तहत भारतीय रेल ने 31 मार्च, 2018 तक सभी रेलवे स्टेशनों को एलईडी से रोशन करने की योजना बनाई है।
रेलवे ने कहा कि वह सक्रिय तरीके से रेलवे कर्मचारियों की कॉलोनियों, स्टेशनों तथा प्लेटफार्मों की बिजली की जरूरत को शतप्रतिशत एलईडी से पूरा करने का प्रयास कर रही है। बयान में कहा गया है कि रेल मंत्रालय ने चालू वित्त वर्ष के अंत तक सभी रेलवे स्टेशनों को 100 प्रतिशत एलईडी लाइटिंग से रोशन करने का फैसला किया है। बयान में कहा गया है कि इस कदम से न केवल बिजली की खपत कम होगी बल्कि पर्यावरण संरक्षण में भी मदद मिलेगी।
नवंबर 2017 तक देश के 3,500 रेलवे स्टेशनों में एलईडी बल्ब लगाए जा चुके हैं। इनमें 20 लाख एलईडी बल्ब लगाए गए हैं। इसमें कहा गया है कि इससे रेलवे की बिजली खपत में करीब 10 प्रतिशत की बचत होगी। रेलवे ने अपने क्षेत्रीय रेलवे कार्यालयों को निर्देश जारी किया है कि वह आवासीय परिसरों में एलईडी प्रकाश व्यवस्था करे। क्षेत्रीय रेलव ने अक्तूबर 2017 तक रेलवे स्टाफ को 20 लाख एलईडी बल्ब
[12/19, 10:49 PM] राजू पत्रकार: जब विधानसभा सत्र के दौरान विधायक ने कहा- जनता की डांट सुन रहे हैं, पत्नी की भी सुन लेंगे
लखनऊ: यूपी विधानसभा सत्र के दौरान उस समय माहौल खुशनुमा बन गया जब निर्वाचित बसपा के एक विधायक ने पहली बार सदन में अपने अनुभव को लेकर पत्नी के साथ हुई वार्ता के बारे में चर्चा की।
बता दें कि प्रश्नकाल के दौरान विधायक अनिल सिंह ने कहा कि जब उनकी पत्नी ने पूछा कि विधानसभा में जाकर कैसा लग रहा है? तो उन्होंने जवाब दिया कि घटिया अनुभव रहा है। वहां पर गैर मुद्दों पर घंटों चर्चा होती है, लेकिन जरुरी विषयों को कोई सुनने को तैयार नहीं होता। उन्होने कहा कि हमारी नेता मायावती कहती हैं कि सदन के कामकाज में अनावश्यक रूप से बाधा ना पहुंचाई जाए।
विधायक की इस बात पर अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने मुस्कुराते हुए सवाल किया तो आपका अनुभव सुनकर पत्नी ने क्या कहा? इस पर सिंह ने जवाब दिया कि पत्नी मुझसे कहा कि बैठिए और अनुभव हासिल कीजिए। जवाब पर दीक्षित ने कहा कि तब तो टीवी पर सीधा प्रसारण देखने के बाद उनकी की डांट सुननी पड़ेगी? इस पर सिंह ने हंसते हुए कहा कि जनता की डांट सुन रहे हैं, पत्नी की भी सुन लेंगे। उनकी इस बात पर सदन में हंसी का
[12/19, 11:20 PM] राजू पत्रकार: सरकार पेट्रोल-डीजल को GST के तहत लाएगी : जेटली
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज राज्यसभा में कहा कि केंद्र सरकार पेट्रोल-डीजल को वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के दायरे में लाने के पक्ष में है लेकिन इसका फैसला जीएसटी परिषद को करना है। जेटली ने प्रश्नकाल के दौरान बीजू जनता दल के देवेन्द्र गौड़ द्वारा पूछे गए प्रश्न से संबंधित पूरक प्रश्नों का उत्तर देते हुए यह बात कही। उन्होंने कहा कि जीएसटी के लिए जो संविधान संशोधन किया गया था उसमें पेट्रोल को शामिल किया गया था लेकिन उसे लागू करने का फैसला जीएसटी परिषद को करना है। वित्त मंत्री ने राज्य सभा में कहा कि सरकार पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स को जीएसटी के दायरे में लाना चाहती है, उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार इसपर सभी राज्यों की सर्वसम्मति का इंतजार कर रही है और उम्मीद है कि राज्य इसपर जल्द सहमत हो जाएंगे।
उन्होंने कहा कि जीएसटी परिषद में राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों के भी वित्त मंत्री शामिल होते हैं और सबको मिलकर फैसला करना होता है। पूर्व वित्त मंत्री एवं कांग्रेस सदस्य पी चिदंबरम ने पूरक प्रश्न पूछते हुए कहा कि सरकार का क्या इरादा है, क्या वह जीएसटी के दायरे में पेट्रोलियम पदार्थ को लाने के पक्ष में है और वह राज्य सरकारों को इसके लिए तैयार कर रही है क्योंकि 19 राज्यों में भारतीय जनता पार्टी की सरकार है। इस पर जेटली ने कहा कि केंद्र सरकार इसके पक्ष में है और उम्मीद है कि राज्य सरकारें इसके लिए तैयार हो जाएंगी। उन्होंने कहा कि हर महीने जीएसटी परिषद की बैठक होती है और अगली बैठक जनवरी में होगी। उन्होंने कहा कि जीएसटी परिषद में अब तक जितने फैसले लिए गए हैं वे सभी सर्वसम्मति से लिए गए हैं।
ममता सिंह
चीफ बयूरो