बजेगी बीन-9 करोड़ में सांप पकड़ने का ठेका-जांच होगी

Report : Parveen Komal

भारतीय जनता पार्टी ने समाजवादी पार्टी की सरकार की तीन महत्वाकांक्षी परियोजनाओं में हुई कथित धांधली की शिकायतों के बाद ये फैसला लिया है।

सूत्रों के अनुसार सरकारी ऑडिट में कुछ विशेष आरोपों की खास तौर पर जांच की जाएगी। मसलन, जनेश्वर मिश्रा पार्क परियोजना में 20-20 लाख रुपये की नावें खरीदना, 14 करोड़ रुपये घास लगाने और भूविकास पर और पार्क में सांप पकड़ने के लिए नौ करोड़ खर्च करना।

अधिकारियों के अनुसार मुख्यमंत्री ने जनेश्वर मिश्रा पार्क और जय प्रकाश नारायण इंटरनेशनल सेंटर (जेएनआईपीसी) के निर्माण में आई लागत, पुराने लखनऊ के हुसैनाबाद इलाके के विस्तार के खर्च की “विस्तृत ऑडिट” के आदेश दे दिए हैं।

इन तीनों परियोजनाओं का काम सीधे अखिलेश यादव की निगरानी में हुआ था। मुख्यमंत्री रहने के दौरान अखिलेश के पास हाउजिंग विभाग था जिसके तहत ये तीनों काम थे।

लखनऊ के डिविजनल कमिश्नर अनिल गर्ग ने इन तीनों परियोजनाओं की जांच के लिए तीन अलग-अलग कमेटियां बनाईं। हर कमेटी में लोक निर्माण विभाग के एक चीफ इंजीनियर, एक सुपरिटेंडिंग इंजीनियर और दो एग्जिक्यूटिव इंजीनियर और अन्य सदस्य हैं। इन कमेटियों ने अपने रिपोर्ट में पिछले हफ्ते “विशेष ऑडिट” की अनुशंसा की थी।

जांच अधिकारियों के अनुसार जेपीएनआईसी को विकसित करने में 864 करोड़ रुपये खर्च करने के बाद भी उसका काम अधूरा है। जनेश्वर मिश्रा पार्क में विकास कार्य पर 396 करोड़ रुपये खर्च किए गए। हुसैनाबाद विकास कार्य पर 265 करोड़ रुपये। सूत्रों के अनुसार इन तीनों परियोजनाओं के लिए मंजूर की गई प्रारंभिक बजट से ये खर्च करीब दोगुने हैं। इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में अनिल गर्ग ने कमेटी की रिपोर्ट की अनुशंसा बताने से इनकार करते हुए इस बात की पुष्टि की कि जेपीएनआईसी और हुसैनाबाद हेरिटेज जोन प्रोजेक्ट का विशेष ऑडिट कराया जा रहा है।

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