तुलसी गैबर्ड

अमेरिका की हिन्दू नेता और अमेरिकी संसद के निचले सदन में सांसद रहीं तुलसी गैबर्ड ने कहा है कि बांग्लादेश में हिन्दुओं और धार्मिक अल्पसंख्यकों को 1971 से लगातार प्रताड़ित किया जाता रहा है और बांग्लादेश में हिन्दू तभी से निशाने पर रहे हैं.

इस विषय पर गैबर्ड ने एक वीडियो ट्वीट किया है, जिसमें वे कहती हैं कि 1971 में पाकिस्तानी सेना ने लाखों बंगाली हिन्दुओं की हत्याएं कीं, बलात्कार किये और उन्हें घरों से बेदखल कर दिया, और यह सब सिर्फ़ धर्म और नस्ल की वजह से किया गया.

उन्होंने भारत के पड़ोसी देश बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिन्दुओं के ख़िलाफ़ हिंसा की घटनाओं की निंदा करते हुए कहा कि पूरी दुनिया को जिहादी-कट्टरपंथी विचारधारा का सामना करने के लिए आगे आना होगा.

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उन्होंने अपने वीडियो में हिंसा की कुछ घटनाओं का ज़िक्र करते हुए कहा, “25 मार्च 1971 को पाकिस्तानी सेना द्वारा बांग्लादेश में हिन्दुओं को व्यवस्थित ढंग से निशाना बनाने की शुरुआत हुई थी. ढाका विश्वविद्यालय में एक हिन्दू छात्रावास था, जहाँ अकेले उस रात पाँच से दस हज़ार लोग मारे गये थे. यह नरसंहार अभियान दस महीने तक जारी रहा, जिसके परिणामस्वरूप क़रीब बीस लाख लोग मारे गये.”

तुलसा ने कहा कि बांग्लादेश की आज़ादी के बाद भी वहाँ हिन्दुओं के उत्पीड़न का सिलसिला रुका नहीं है. इस्लामिक कट्टरपंथियों के अल्पसंख्यक विरोधी अभियान के तहत आज भी लोगों पर हमले हो रहे हैं.

इस वीडियो संदेश में गैबर्ड ने कहा, ”कुछ दिन पहले भी बांग्लादेश में कट्टरपंथियों ने हिन्दू मंदिरों पर हमले किये. उन्होंने ट्रेनों में आगजनी की. सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुँचाया.”

तुलसी गैबर्ड इन हमलों को लेकर चिंता व्यक्त की है.

उन्होंने कहा, “बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के ख़िलाफ़ अपराधों को अंजाम देने वालों को अक्सर सज़ा नहीं दी जाती. यह बांग्लादेश सरकार की ज़िम्मेदारी है कि वो उन लोगों को सज़ा दिलाये जो हिंसा करते हैं और भड़काते हैं.”