जमुई जिले में नक्सली गतिविधियों ने जिले के लोगों की धड़कनें बढ़ा दी
जमुई जिले में अचानक बड़ी नक्सली गतिविधियों ने एक बार फिर जिले के लोगों की धड़कनें बढ़ा दी है. किसी बड़े नक्सली घटना की आशंका से एक बार फिर लोग सहम गये. लगातार नक्सलियों के खिलाफ अभियान चलाए जाने के बाद भी जिले में पूरी तरह से नक्सली घटनाओं पर अंजाम लगा पाना सफल नहीं हो रहा है. हालांकि इसमें काफी स्तर तक रोक लगा दी गई है. लेकिन अब भी नक्सली किसी न किसी तरह कोई घटना को अंजाम देकर अपनी उपस्थिति दर्ज कराने की फिराक में लगे हैं और इसी उद्देश्य से बीती रात नक्सलियों के जुटान ने लोगों को भयभीत कर दिया.
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जिला के चरकापत्थर और खैरा थाना क्षेत्र के सीमा पर स्थित पंजिया गांव में बीते गुरुवार देर रात नक्सलियों का जुटान हुआ. हालांकि इस दस्ते का नेतृत्व किस नक्सली नेता के द्वारा किया जा रहा था इसकी कोई जानकारी नहीं मिल पायी है. लेकिन सूत्रों ने बताया कि नक्सली करीब 50 की संख्या में थे और स्थानीय नहर के किनारे जुटान हुआ था. इस दौरान उन्होंने वहां खाना खाया, रणनीतियां बनायी और देर रात ही झारखंड की ओर रवाना हो गये. गौरतलब है कि हार्डकोर नक्सली सिद्धू कोड़ा की मौत के बाद अरविंद यादव उर्फ अविनाश दा, पिंटू राणा और करुणा जी जैसे बड़े नक्सली नेताओं के हाथ में पूरे जिले के नक्सल गतिविधियों की कमान दी गयी है.
हालांकि सूत्र बताते हैं कि वर्तमान समय में सभी नक्सली नेताओं की मौजूदगी जमुई-लखीसराय-मुंगेर के सीमावर्ती इलाकों में है. ऐसे में बिहार-झारखंड के सीमावर्ती इलाके स्थित गिद्धेश्वर के हिल रेंज में अचानक नक्सली गतिविधि बढ़ने से लोगों के साथ-साथ पुलिस महकमा भी सकते में है.
आशंका यह भी जतायी जा रही है कि नक्सली सिद्धू कोड़ा की मौत के बाद दस्ते के लोग लगातार बदला लेने का प्रयास कर रहा है. हालांकि सुरक्षा बलों के द्वारा लगातार अभियान चलाये जाते रहने के बाद नक्सली मंसूबे कामयाब तो नहीं हो पा रहा है, पर अचानक इतनी बड़ी संख्या में नक्सलियों का जुटान होना इस ओर इशारा करता है कि कहीं नक्सली कोई बड़ी योजना तो नहीं बना रहे.
नक्सली जमावड़े की सूचना मिली थी. इलाके में छानबीन की जा रही है. फिलहाल नक्सलियों के जमा होने के कोई स्पष्ट ट्रेस नहीं मिल पाया है. सुधांशु कुमार, एएसपी (अभियान)