सड़कों पर लोग कांग्रेस को पाकिस्तानी एजेंट कहने लगे-कहते ही अस्तीफा दिया कांग्रेस के जंबो प्रवक्ता ने

Embedded videoआगामी लोकसभा चुनाव से पहले बिहार कांग्रेस के प्रवक्ता विनोद शर्मा ने इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने कहा कि लोग हमें और पार्टी को पाकिस्तान का एजेंट कहने लगे थे। विनोद शर्मा ने कहा, “कांग्रेस पार्टी सेना से पाकिस्तान के बालाकोट में मारे गए आतंकियों की सूची मांगती रही। यह निश्चित रूप से किसी भी देश के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है कि कोई भी राजनीतिक पार्टी ऐसी बात करे। यह तय है कि सेना ने जो बम गिराए हैं, उससे 70 फीट गहरे गड्ढे होते हैं। 70 फीट गड्ढा और वहां आग का जो गोला था, ऐसे में कोई आतंकी कैसे बचेगा? यह सोचने वाली बात है। लेकिन बार-बार इस तरह की बातें उठाकर राजनीति करना, मुझे पसंद नहीं आया। मैं पिछले 30 वर्षों से पार्टी में काम कर रहा था। इस वजह से काफी दुखी मन से मैंने पार्टी से इस्तीफा दे दिया। पार्टीहित से ज्यादा राष्ट्रहित जरूरी है, इसलिए मैंने ऐसा किया।” कांग्रेस प्रवक्ता के इस्तीफे के बाद भाजपा ने तंज किया है।

कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा, “मैंने इस्तीफा देने से पहले कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को चिट्ठी भी लिखी और उन्हें सच्चाई से अवगत कराया। इससे पहले भी दर्जनों पत्र भेजकर यह कहा कि आम जनता की भावना को समझना चाहिए। पार्टी के कार्यकर्ताओं की भावना को समझना चाहिए। पार्टी के कार्यकर्ता भी चाहते थे कि कांग्रेस इस तरह की बयानबाजी न करे। वजह ये है कि हमें सड़कों पर रहना पड़ता है। आम लोगों की बातों को सुनना पड़ता है। आम लोग चाह रहे थे कि पूरे देश के लोगों को सेना के साथ खड़ा रहना चाहिए। सभी राजनीतिक पार्टियों को सेना का साथ देना चाहिए। लेकिन दुर्भाग्यवश कांग्रेस जैसे भी हो, कहीं न कहीं गलत कदम उठा रही थी। सेना का मनोबल तोड़ने का काम कर रही थी।”

विनोद शर्मा ने कहा, “हमलोगों को लगा कि देश सबसे सर्वोपरि है। राष्ट्र सर्वोपरि है। कांग्रेस अपने पथ से भटक रही है। आज हम इंदिरा जी का 47 वर्षों से नाम लेते हैं कि उन्होंने पाकिस्तान के दो टुकड़े किए। ऐसा क्यों? उस समय वाजपेयी जी ने भी इंदिरा जी की सराहना की थी। लेकिन आज दुर्भाग्य ये है कि हमारे नेता राहुल गांधी आम लोगों की भावना को नहीं समझ रहे हैं। सेना के पराक्रम और शौर्य को नीचा करने का काम कर रहे थे। ऐसी स्थिति में काफी दुखी मन से कांग्रेस पार्टी छोड़ना पड़ रहा है।”

किसी और पार्टी में शामिल होने के सवाल पर विनोद शर्मा ने कहा, “अभी तक किसी पार्टी से बात नहीं हुई है। लेकिन जो पार्टी देश हित में बात करेगी, पार्टी से पहले देश को तवज्जो देगी, उसके साथ जाने पर विचार कर सकते हैं। मैं देश की जनता की भावना को ध्यान में रखते हुए आम आदमी के लिए काम करूंगा। हमारे पुराने नेता नेहरू जी, इंदिरा जी ने जो काम किया, उससे आज के नेता भटक रहे हैं। देश की भावना को नहीं समझ पा रहे हैं। हमलोगों को सड़कों पर लोग पाकिस्तानी एजेंट कहने लगे थे।”

 गौर हो कि विनोद शर्मा पिछले तीस वर्षों से कांग्रेस से जुड़े रहे थे और वो छात्र कांग्रेस के अध्यक्ष पद पर भी रहे. पार्टी में महासचिव के तौर पर भी उन्होंने काम किया और लगातार प्रवक्ता के पद पर भी रहे. उनको हाल में ही कांग्रेस की जम्बो कमिटी में प्रवक्ता पद पर फिर से लाया गया था. विनोद शर्मा ने एयर स्ट्राइक का सबूत मांगने को न केवल गलत बताया बल्कि पार्टी से भी इस्तीफा दे दिया. शर्मा ने राहुल गांधी को इस्तीफा भेजते हुए लिखा कि मुझे कांग्रेसी कहलाने में शर्म आ रही है. उन्होंने चिट्ठी में कांग्रेस पर भी गंभीर सवाल खड़े किये और एयर स्ट्राइक का सबूत मांगना शर्मनाक बताया.

पूर्व कांग्रेस नेता ने कहा, “हमारा मन काफी द्रवित हुआ कि अगर हम भारत में हैं और कोई हमें ही पाकिस्तानी एजेंट कहे, कांग्रेस पार्टी के लोग को कहने लगे, तो हमारी अंतरात्मा से आवाज उठी। मैंने इस्तीफा देने का निर्णय लिया। हमारे प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा जी भी काफी आहत हैं। उन्हें भी लगता है कि राहुल गांधी को ऐसा नहीं बोलना चाहिए। लेकिन प्रदेश अध्यक्ष होने की वजह से वे खुलकर नहीं बोल रहे हैं।” कांग्रेस प्रवक्ता के इस्तीफे के बाद भाजपा ने ट्वीट कर कहा, “एयर स्ट्राइक पर सबूत मांगने वाली कांग्रेस के बिहार प्रदेश प्रवक्ता विनोद शर्मा ने पद और पार्टी से दिया त्यागपत्र। कहा पाकिस्तान का एजेंट के रूप में कांग्रेस को लोग देखने लगे हैं… ऐसे में इस पार्टी में रहना मुश्किल।”

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