कठुआ गैंगरेप
*गैंग रेप केस की तफसील*
*रूह कंपा देनी वाली घटना*
*क्या कहती है क्राइम ब्रांच की रिपोर्ट?*
23 जनवरी को, यानी पीडिता की लाश पाए जाने के छह दिन बाद मुख्यमंत्री महबूबा मुफ़्ती ने मामले की जांच पुलिस की मशहूर क्राइम ब्रांच को सौंपने का एलान किया.
जांचकर्ताओं की विशेष टीम ने हीरानगर थाने के पुलिसवालों से पूछताछ के बाद पाया कि दीपक खजूरिया और दूसरे पुलिस अफ़सर, जो गुज्जर परिवार के साथ पीडिता को तलाश रहे थे, उन्होंने बच्ची के ख़ून और मिट्टी से सने कपड़े, जांच के लिए भेजने से पहले धोए थे.
जांच से पता चला कि बच्ची को नशे की गोलियां देकर उससे बार-बार बलात्कार किया गया था.
जांच के मुताबिक़,सांजी राम ने अपने भतीजे और बेटे के साथ मिलकर ये साज़िश रची थी. उसके बेटे और भतीजे ने दो बार बच्ची से बलात्कार किया था. इसका मक़सद गुज्जरों को डराना था, ताकि वो अपनी ज़मीनें बेचकर वहां से चले जाएं.
क्राइम ब्रांच की रिपोर्ट के मुताबिक़, पीडिता को देने के लिए नशे की गोलियां खजूरिया ख़रीदते थे.
60 साल के सांजी राम, उनके बेटे विशाल और नाबालिग़ भतीजा, पुलिस कर्मी दीपक खजूरिया और सुरेंदर वर्मा, सब-इंस्पेक्टर आनंद दत्ता, हेड कॉन्स्टेबल तिलक राज और एक नागरिक परवेश कुमार को आसिफ़ा केस की चार्जशीट में अभियुक्त बनाया गया है.
क्राइम ब्रांच ने जो स्टेटस रिपोर्ट दाख़िल की है, उसके मुताबिक़, *’बच्ची को मारने से पहले, पुलिसकर्मी खजूरिया ने नाबालिग़ अभियुक्त को रोककर कहा कि उसे एक बार और रेप करना है. बलात्कार के बाद दीपक खजूरिया ने बच्ची का गला अपनी बांयी जांघ पर रखकर उसे अपने हाथ से दबाना शुरू किया. लेकिन वो उसे मार नहीं सके. इसके बाद नाबालिग़ आरोपी ने बच्ची की पीठ को अपने घुटनों से दबाकर उसका गला घोंट दिया. ये सुनिश्चित करने के लिए कि बच्ची की मौत हो गई है, नाबालिग़ ने उसके सिर पर दो बार पत्थर से भी वार किया’.*
जब इस केस में पुलिस अधिकारी गिरफ़्तार हो गए, तो, *सांजी राम ने स्थानीय नेता अंकुर शर्मा के साथ मिलकर हिंदू एकता मंच के बैनर तले विरोध-प्रदर्शन भी आयोजित किया. प्रदर्शनकारियों ने तिरंगा लहराते हुए नारेबाज़ी की. इस विरोध-प्रदर्शन में जम्मू-कश्मीर सरकार के दो मंत्री भी शामिल थे. उन्होंने अभियुक्त पुलिसवालों की रिहाई की मांग की.*
*निर्भया से भी ज़्यादा वीभत्स मामला*
द प्रिंट वेबसाइट के प्रमुख वरिष्ठ पत्रकार शेखर गुप्ता ने एनडीटीवी से कहा कि, ‘अगर बच्ची के केस से भी देश की अंतरात्मा नहीं जागती, तो पता नहीं फिर किस बात पर जागेगी. ये तो निर्भया केस से भी बदतर मामला है’.
*घटना के क़रीब तीन महीने बाद सोमवार को क्राइम ब्रांच की टीम इस मामले की चार्जशीट दाख़िल करने कोर्ट पहुंची. लेकिन कठुआ के वकीलों ने क्राइम ब्रांच की टीम का कड़ा विरोध किया. वो सरकार और क्राइम ब्रांच के ख़िलाफ़ नारेबाज़ी कर रहे थे.