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*श्रीलंका ने 13 भारतीय मछुआरों को किया गिरफ्तार*

एजेंसी, रामेश्वरम- श्रीलंकाई नौसेना ने श्रीलंका के नजदीक स्थित नेदुनथीवू के निकट कथित तौर पर मछली पकड़ रहे तमिलनाडु के 13 मछुआरों को रविवार को गिरफ्तार कर लिया है। मत्स्य पालन विभाग के अधिकारियों ने यह जानकारी दी।

मत्स्य पालन विभाग के सहायक निदेशक ए मनीकांदन ने बताया कि, उनकी नौकाओं के साथ मछुआरों को कांगेसंथुरई बदंरगाह ले जाया गया है। विभाग के अधिकारियों ने बताया कि, इस बीच श्रीलंका की अदालत द्वारा रिहा किए गए तमिलनाडु के 69 मछुआरे रविवार देर शाम यहां पहुंच जाएंगे।

नीदुनथीवू के निकट मछली पकड़ने के आरोप में 12 दिसंबर को श्रीलंकाई नौसेना ने राज्य के 27 मछुआरों को गिरफ्तार कर लिया था।
: *आवास देने के नाम पर वसूली करना भारी पङा प्रधान को, आखिर हो ही गया मुकदमा दर्ज*

बलिया ।। प्रधानमंत्री आवास योजना के आवास दिलाने के नाम पर अवैध वसूली करना निकासी के प्रधान प्रतिनिधि को मंहगा पड़ा। उक्त मामले में शिकायत के बाद सीडीओ संतोष कुमार के निर्देश पर बीडीओ उपेन्द्र कुमार पाठक ने प्रधान प्रतिनिधि धनंजय सिंह के विरुद्ध नगरा थाने में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कराया है।
एफआईआर की जानकारी से पूरे ब्लाक में हड़कंप मच गया है। पीएम आवास से संबंधित एक शिकायती पत्र की जांच करने स्वयं मुख्य विकास अधिकारी संतोष कुमार 25 दिसंबर को निकासी गांव पहुंचे थे। वहां पर आवास के लाभार्थी ललिता पत्नी राजू, तूफानी पत्नी बाढ़ू गुड्डी पत्नी राजेश ने प्रति आवास 12-12 हजार रुपए व चौथे लाभार्थी निर्मल पुत्र जगदेव ने 20 हजार की वसूली करने का आरोप प्रधान प्रतिनिधि पर लगाया था। सीडीओ ने अपने स्तर से इसकी जांच कराई तो लाभार्थियों के आरोप सही पाए गए। इसके बाद सीडीओ ने प्रधान प्रतिनिधि के विरूद्ध एफआइआर दर्ज कराने का निर्देश बीडीओ नगरा यूके पाठक को दिया। बीडीओ की तहरीर पर नगरा पुलिस ने प्रधान प्रतिनिधि के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम का मुकदमा दर्ज कर विवेचना में जुट गई है। मुकदमा दर्ज होने के बाबत प्रधान प्रतिनिधि धनंजय सिंह का कहना है कि वह गंवई राजनीति के शिकार हुए हैं। आवास के नाम पर अवैध वसूली करने का आरोप बेबुनियाद है। उन्होंने जोर देकर कहा कि यदि आरोप सही साबित हुआ तो वह त्यागपत्र भी देने के लिए तैयार हैं। बता दें कि इसके पहले पूर्व प्रधान श्रीकांत छात्रवृति गबन के मामले मे जेल की हवा खा चुके हैं।

*दुष्कर्म का विरोध करने पर लड़कियों को पीटता था मदरसा मैनेजर*

लखनऊ- प्रदेश की राजधानी के यासीनगंज में मदरसा जामिया खदीजतुल कुबरा लिलबनात का संचालक तैयब जिया बेहद क्रूर स्वाभाव का है। वह मदरसा में दुष्कर्म का विरोध करने पर छात्राओं को पीटता भी था। उसके खिलाफ लड़कियां बेहद मुखर है।

दुष्कर्म की रिपोर्ट दर्ज कराने वाली बहराइच निवासी छात्रा को आरोपित ने ऑफिस की देखरेख का काम दे रखा था। छात्रा का आरोप है कि मदरसे का संचालक जब उससे दुष्कर्म कर रहा था तो उसने विरोध जताया था, लेकिन आरोपित ने उसकी पिटाई कर दी थी। तैयब जिया पर बहराइच की एक छात्रा ने दुष्कर्म का आरोप भी लगाया है। छात्रा का कहना है कि जिया उसे अपने ऑफिस में बुलाता था। उसने कई बार उसके साथ दुष्कर्म किया है।
एएसपी पश्चिम विकास चंद्र त्रिपाठी के मुताबिक दुष्कर्म का मामला प्रकाश में आने के बाद अब तैयब जिया को रिमांड पर लेने की तैयारी की जा रही है। आरोपित से गहनता से पूछताछ की जाएगी, जिसके बाद कई बातें स्पष्ट हो जाएंगी
*लखनऊ – प्रदेश की सड़कों को गड्ढामुक्त किए जाने को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने असंतोष जाहिर किया है तो इसके पीछे कई वजहे हैं*

*प्रदेश के की जिलों से इस अभियान की गुणवत्ता को लेकर शिकायतें आई हैं। इसके अतिरिक्त कुछ सांसदों और विधायकों ने भी लोक निर्माण विभाग के काम को लेकर नाराजगी जाहिर की है*

*प्रदेश में सरकार बनने के बाद में एक लाख 21 हजार किलोमीटर सड़कों को गड्ढामुक्त करने का अभियान शुरू किया गया था। यह योगी सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं में एक थी। विभागीय मंत्री होने के नाते उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य खुद पूरे अभियान पर नजर रखे थे*

*इसके बावजूद निर्धारित तारीख 15 जून तक 63 फीसद लक्ष्य ही हासिल किया जा सका। हालांकि काम इसके बाद भी जारी रहा और दिसंबर की शुरुआत तक 84 हजार किमी सड़कें गड्ढामुक्त करने के दावे किए जा चुके हैं*

मिंटू शर्मा
[12/31, 8:23 PM] राजू पत्रकार: माघी मेले में सियासी कांफ्रेंस के आयोजन पर पंजाब में राजनीति तेज हो गई है। कांग्रेस द्वारा सियासी कांफ्रेंस का आयोजन न करने के एलान के बाद सुखबीर बादल ने उस पर निशाना साधा है।
मुक्‍तसर साहिब। माघी मेले में सियासी कांफ्रेंस पर शिरोमणि अकाली दल (शिअद) अौर कांग्रेस के बीच घमासान तेज हो गया है। श्री मुक्‍तसर साहिब मेें 14 जनवरी को होेने वाले माघी मेला में इस बार शिअद अकेले सियासी कान्‍फ्रेंस करेगा। कांग्रेस और आम आदमी पार्टी अपने सियासी कान्‍फ्रेंस नहीं करने की ऐलान किया है। इस पर शिअद प्रधान सुखबीर सिंह बादल ने रविवार को कांग्रेस पर निशाना साधा। उन्‍होंने कहा कि जनता का साथ नहीं मिलने से कांग्रेस डर गई।

बता दें कि श्री मुक्‍तसर साहिब में श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के चालीस मुक्तों की याद में 14 जनवरी को माघी मेले का आयोजन होता है। मेले में सभी राजनीतिक पार्टियां अपने कांफ्रेंस करती रही हैं, लेकिन‍ इस बार कांग्रेस और आप इसका आयोजन नहीं कर रही हैं। पिछले दिनों धार्मिक आयोजनों में सियासी कांफ्रेंस करने के विरोध में आवाज उठी थी। इसी के बाद दोनों दलों ने यह फैसला किया है।
दूसरी ओर, शिअद प्रधान सुखबीर बादल ने कहा रविवार को कहा कि उनकी पार्टी की माघी मेले में सियासी कांफ्रेंस हाेगी। उन्‍होंने सियासी कांफ्रेंस आयोजित नहीं करने के लिए कांग्रेस पर निशाना साधा। सुखबीर ने कहा कि कांग्रेस जनता का समर्थन नहीं मिलता देख डर गई और इस आयोजन से कदम खींच लिये। कांग्रेस को लोगों का समर्थन नहीं है और माघी मेले में उसकी कांफ्रेंस फ्लाप हो जाती।
उन्‍होंने कहा कि अब विरो‍धियों के नहीं रहने से सियासी कांफ्रेंस में उतना मजा नहीं आएगा। सियासी कांफ्रेंस में विरोधी दलों के होने पर ही करंट और जोश्‍ा आता है। लेकिन, जो भी हो हम जनता से रुबरू होंगे और अपनी बात उसके समक्ष रखेंगे। इस तरह के मौके लोगों से संवाद स्‍थापित करने के अवसर देते हैं।
पिछले दिनों श्री चमकौर साहिब में हुए शहीदी जोड़ मेला में सियासी कांफ्रेंस के आयोजन का विरोध हुआ था और किसी दल ने वहां अपनी सभा नहीं की। इसके बाद माघी मेले को लेकर भी ऐसा माहौल बना। श्‍ानिवार को कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष सुनील जाखड़ ने घोषणा की,कि उनकी पार्टी मेला माघी में सियासी कांफ्रेंस नहीं करेगी। इसके बाद आम आदमी पार्टी के वरिष्‍ठ नेता एवं विधानसभा में नेता विपक्ष सुखपाल खैहरा ने भी साफ किया कि उनकी पार्टी भी सियासी कांफ्रेंस नहीं करेगी।
बठिंडा में थर्मल प्लांट बंद करने के विरोध में लगाए गए धरने के दौरान खैहरा ने कहा कि आप पहले से ही कहती आई है कि धार्मिक कार्यक्रमों का सियासीकरण नहीं किया जाना चाहिए। अपनी इस विचारधारा पर कायम रहते हुए पार्टी ने माघी मेला में कांफ्रेंस नहीं करेगी।
लोगों का सामना करने से भागे आप और कांग्रेस : बरकंदी
दूसरी ओर, शिअद विधायक रोजी बरकंदी का कहना है कि श्री अकाल तख्त साहिब से ऐसा कोई फरमान जारी नहीं हुआ है। कांग्रेस और आप के पास कोई मुद्दा नहीं है, इसलिए ये दोनों पार्टियां लोगों का सामना करने से भाग रही हैं।

लोग बोले, सियासी कांफ्रेंस न करने का सराहनीय
परमजीत धींगड़ा का कहना है कि शहीदों की शहादत की याद में लगने वाला मेला माघी धार्मिक पर्व है। इसे धार्मिक पर्व ही रहने देना चाहिए। सियासी कांफ्रेंस कर एक-दूसरे पर कीचड़ नहीं उछालना चाहिए।
मुक्तसर विकास मिशन के प्रधान ढोसीवाल का कहना है कि शिअद को भी सियासी कांफ्रेंस से गुरेज करना चाहिए।
: हंस होण्डा के प्रबंधक को उपभोक्ता फोरम से लगा तगड़ा झटका

डा0 संदीप मौर्य को नया माडल दिखाकर दिया गया था पुराना वाहन

जौनपुर। नया कहकर पुराने माडल की गाड़ी बेचने वाले हंस होण्डा सिपाह के प्रबंधक को जिला उपभोक्ता फोरम से तगड़ा झटका लगा है। फोरम ने तत्काल दूसरा वाहन देने का आदेश दिया है। बताया जाता है कि संदीप मौर्य पुत्र रामजीत मौर्य निवासी सुक्खीपुर परगना हवेली ने जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष फोरम में वाद दर्ज कराया कि उनके द्वारा हंस होण्डा सिपाह जिसकी मुख्य शाखा लाजपत नगर मलदहिया वाराणसी है से फोर व्हीलर एमटीआई, टीटीईसी वर्ष 2014 माडल रिप्लेस करके उसके एवज में दूसरी नई गाड़ी माडल 2017 मय वाद व्यय दिलाए जाने हेतु योजित किया है। परिवादी का कथन है कि उसने 15 फरवरी 2017 को हंस होण्डा के यहां से चार पहिया वाहन नगद व फाइनेंस द्वारा क्रय किया। लेकिन विपक्षी ने उक्त वाहन का माडल वर्ष 2017 दिखाकर छल कपट करके गाड़ी माडल संख्या 2014 दे दिया। इस संबंध में विपक्षीगण से मौखिक शिकायत की गयी परन्तु कोई ध्यान नहीं दिया गया। श्री मौर्य ने बताया कि 24 मार्च 2017 को वाहन सर्विस कराने के लिए विपक्षी के सर्विस सेन्टर वाराणसी गया तो शोरूम में नियुक्त वर्कर द्वारा लापरवाही बरतने की वजह से गाड़ी का गेट व फूट रेस्ट क्षतिग्रस्त कर दिया गया और वाहन अपने सर्विस सेन्टर में रख लिया। 18 अप्रैल को विपक्षी संख्या एक ने वाहन को वाराणसी से मंगाकर परिवादी के यहां नियुक्त मैनेजर के हवाले कर दिया। परिवादी ने देखा और पाया कि उपरोक्त वाहन पहले से अधिक क्षतिग्रस्त करके विपक्षी संख्या एक द्वारा दिया गया है। इतना ही नहीं उसके द्वारा न तो सेल लेटर और वाहन का रजिस्ट्रेशन कराकर उसका पंजीयन प्रमाण पत्र भी नहीं दिया गया। इस पर श्री संदीप मौर्य ने 24 मार्च 2017 को होण्डा कम्पनी के आल इंडिया कस्टमर केयर नम्बर पर काल किया गया फिर भी वाहन के संबंध में कोई कार्यवाही नहीं की गयी। सात अप्रैल को पंजीकृत डाक से विधिक नोटिस भी दी गयी जिसका जवाब विपक्षीगण ने नहीं दिया। इसलिए विवश होकर यह परिवाद योजित किया गया। विपक्षीगण को पंजीकृत डाक से नोटिस प्रेषित की गयी। पर्याप्त समय के पश्चात भी कोई भी उपस्थित नहीं हुआ। ऐसे में एकपक्षीय कार्यवाही अग्रसारित की गयी। परिवादी के विद्वान अधिवक्ता की एकपक्षीय बहस सुनी गयी और पत्रावली पर उपलब्ध समस्त प्रलेखीय साक्ष्यों का परिशीलन एवं अधिमूल्यन किया गया। उपरोक्त निष्कर्षों के आधार पर न्यायालय ने आदेशित किया कि निर्णय की तिथि से एक माह के अन्दर परिवादी द्वारा किए गए प्रश्नगत वाहन वर्ष 2014 रि-प्लेस करके माडल 2017 की नई गाड़ी परिवादी को सुपुर्द करना सुनिश्चित करें। निर्धारित अवधि में निर्णय का अनुपालन न करने की स्थिति में प्रश्नगत वाहन के क्रय मूल्य पर निर्णय की तिथि से छह प्रतिशत साधारण व्याज भी देय होगा।

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