उज्ज्वला योजना का उज्ज्वल भविष्य
उज्ज्वला योजनाः गैस कनेक्शन तो मिल गए अब रिफिल कराने के लिए नहीं हैं रुपये
)पड़ताल में चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है। आदिवासी परिवारों के पास इतने रुपये नहीं हैं कि हर डेढ़-दो माह में सिलेंडर रिफिल कराने के लिए रुपये खर्च कर सकें।…
। छत्तीसगढ़ के आदिवासी बहुल इलाके में प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना की हवा निकल गई है। बीपीएल परिवार के 10 हजार रसोई गैस कनेक्शन धारकों ने दोबारा गैस सिलेंडर रिफिल ही नहीं कराया है। महज डेढ़ महीने में ही उन्होंने परंपरागत चूल्हे से भोजन पकाना शुरू कर दिया है।
पड़ताल में चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है। आदिवासी परिवारों के पास इतने रुपये नहीं हैं कि हर डेढ़-दो माह में सिलेंडर रिफिल कराने के लिए रुपये खर्च कर सकें। इनका कहना है कि दो वक्त भोजन की व्यवस्था करने के लिए ही रुपये नहीं होते, ऐसे में इतनी बड़ी राशि कहां से लाएं।
प्रधानमंत्री की महत्वाकांक्षी उज्ज्वला योजना बिलासपुर जिले के आदिवासी व वनांचल क्षेत्र में विफल साबित हो रही है। गरीबों को लकड़ी व कंडे से निकलने वाले धुएं से निजात दिलाने के लिए रसोई गैस कनेक्शन के साथ सिलेंडर व चूल्हा आवंटित किया गया था। 2016-17 में प्रदेश में योजना की शुरुआत की गई। प्रारंभिक चरण में जिले के वनांचल गावों के साथ ही आदिवासी बहुल इलाके में रहने वाले गरीबों को योजना का लाभ दिलाने की योजना बनाई गई थी।
इसी के तहत मरवाही व कोटा विकासखंड में रहने वाले आदिवासी परिवारों को गैस कनेक्शन दिया गया था। कनेक्शन के साथ ही पहला सिलेंडर सरकार ने मुफ्त में दिया था। जब तक गैस चली, लोगों ने इसका उपयोग किया। गैस खत्म होते ही वापस परंपरागत चूल्हे से खाना बनाना शुरू कर दिया।
क्या कहते हैं कनेक्शनधारी
मरवाही तहसील के ग्राम उसाड़ की अघनिया बाई ने बताया कि एक साल पहले उसे रसोई गैस कनेक्शन मिला है। एक माह 18 दिन गैस चूल्हे से खाना बनाया है। गैस खत्म होने के बाद सिलेंडर रिफिल कराने के लिए रुपये नहीं हैं। जंगल से लकड़ी इकठ्ठ्री कर मिट्टी के चूल्हे से खाना बना रही हूं।
-ग्राम चूकतीपानी की उमेशिया बाई का कहना है कि उसे भी एक साल पहले गैस कनेक्शन मिला है। उन्हें यह जानकारी नहीं थी कि सिलेंडर को फिर से रिफिल कराना पड़ेगा। सिलेंडर रिफिल करना उचित नहीं लगता। लिहाजा परंपरागत चूल्हे पर भोजन पकता है। यही हमारे लिए सुविधाजनक है।
व्यवहारिक दिक्कतों का हवाला
बड़ी संख्या में पीएम उज्ज्वला योजना के हितग्राही सिलेंडर रिफिल नहीं करा रहे हैं। इसकी जानकारी मिली है। सिलेंडर रिफिल कराने में व्यवहारिक दिक्कतों का हवाला दिया ।
नमो टी वी
ममता सिंह