दादी मां रतन मोहिनी जी ने कहा : सतयुग आएगा

रिपोर्ट: रेनू कोमल 9876867003

ब्रह्मकुमारीज शांतिवन आबूरोड के कॉन्फ्रेंस हॉल में “बेहतर विश्व के निर्माण के लिए प्रतिबद्ध मीडिया” विषय को लेकर उद्घाटन समारोह हुआ। इस प्रोग्राम की शुरुआत में प्रभु की याद में कुछ पल ध्यान मगन होकर परमपिता का शुक्रिया किया गया और मंच की तरफ से पत्रकारिता से जुड़े सभी गणमान्य व्यक्तियों का अभिनंदन किया गया. इस सम्मेलन के पहले सेशन में कीनोट स्पीकर प्रोफेसर कमल दीक्षित जी ने पत्रकारों को संबोधन करते हुए कहां कि मीडिया एक बेहतर समाज के निर्माण में अपनी खास भूमिका निभा सकता है । उन्होंने कहा कि इंडिया की पूरी पढ़ाई आजकल कैरियर ओरिएंटेड है । मीडिया में जितने बदलाव हुए हैं उनमें प्रॉफिट का अपना खास स्थान है और आज कोई भी बिना प्रॉफिट के मीडिया में हाथ नहीं डालना चाहता लेकिन पहली बार ऐसा हुआ है कि ब्रह्मकुमारी के मंच से मीडिया के लिए एलाइटेड प्रबुद्ध मीडिया का शब्द इस्तेमाल किया गया है ।

पिछले 83 वर्षों से ब्रह्मकुमारी संस्थान द्वारा विश्व शांति और मानव कल्याण हेतु प्रयास किए जा रहे हैं । इसलिए सभी मीडिया कर्मी विचार कीजिए, मंथन कीजिए । जब आप यहां से जाएं तो आपके मन में एक लक्ष्य हो कि क्या सचमुच में हमने मीडिया को बदलना है या सिर्फ अपनी आईडेंटिटी के लिए,पहचान के लिए काम करना है . उन्होंने कबीर को को उद्धरित करते हुए कहा कि कबीरा खड़ा बाजार में लिए लुकाठी हाथ, जो घर फूंके आपना चले हमारे साथ।

उन्होंने कहा कि जिस से दुश्मनी निकालनी हो उसको अखबार निकालने की सलाह दे दो घर बार सब बिक जाएगा लेकिन फिर भी मीडिया का एक वर्ग समाज सुधार के लिए प्रयासरत है । मीडिया को समाज को बदलने का एक सकारात्मक औज़ार बनाकर काम करना होगा और इसके लिए प्रबुद्ध होना जरूरी है । नवभारत टाइम्स के संपादक सुंदर चंद ठाकुर ने कहा कि आदमी को सोचने की बहुत बुरी बुरी बीमारी है वो हर काम नफे नुकसान के लिए सोच कर करता है । सब कुछ परमात्मा एक रात में नहीं देता, कुछ तो अपने परिश्रम से अर्जित करना चाहिए।

खुद अच्छे बने और अच्छाई का प्रचार करें। पत्रकार जब भी कुछ लिखें तो शब्दों में ऊर्जा जरूर भरें । न बगैर मतलब सोचो न बगैर मतलब बोलो । इस से आपकी ऊर्जा संचित होती है । किसी की चापलूसी करने से आपकी कलम की इज्जत बढ़ती नहीं घटती है ।


बी के निरवैर जी ने सभी प्रबुद्ध पत्रकारों का स्वागत करते हुए कहा कि ये समय कलयुग का समय है और कलयुग के टाइम में हम प्रबुद्ध होकर भगवान को प्राप्त कर सकते हैं । आज पत्रकारों को समाज को जागरूक करने के साथ साथ खुद को जागरूक करने का खुद को प्रबुद्ध करने का दिन है । आप परम पिता के आश्रम के स्थान पर है। इस विश्व में नई ऊर्जा भरने के लिए,दुनिया को मार्गदर्शन देने के लिए आप लोग साधना से मजबूत बनें ताकि दुनिया के प्रलोभन से प्रभावित ना हो सके । इसके लिए बहुत बड़ी पावर की जरूरत है और यह पावर सिर्फ परमात्मा की भक्ति से ही आप में आ सकती है । पूरे विश्व में छाए कलयुग के काले घेरे मिटाने के लिए परम पिता परमात्मा ज्ञान सूर्य को प्रकाशित करने के लिए आपको अपना राइट हैंड बनाना चाहते हैं इसलिए आपको यहां बुलाया है।
न्यूज़ इंडिया के संपादक संजय शर्मा ने मौजूद पत्रकारों को संबोधन करते हुए कहा कि दुनिया के परिवेश में , दिनचर्या में बहुत सी भिन्नताएं हैं। इन भिन्नताओं का स्वागत करना चाहिए लेकिन उन भिन्नताओं में से समानता भी निकालनी चाहिए और वैश्विक समानता और एकता के लिए काम करना चाहिए ।

पत्रकार कई तरह के विचारों के घेरे में गिरकर फुटबॉल बन जाते हैं और फिर फुटबॉल की तरह बन कर उनकी अपनी विचारधारा रहती नहीं और वो लोगों की विचारधारा को प्रभावित करते रहते हैं । उन्होंने कहा कि मीडिया को चलाने के लिए डोनेशन होनी चाहिए ताकि मीडिया सही अर्थों में लोगों के लिए काम कर सके । दादी मां आदरणीय राजयोगिनी दादी रतन मोहिनी जी ज्वाइंट चीफ ब्रह्मकुमारी माउंट आबू ने सभी पत्रकारों को संबोधित होते हुए कहा कि आज भारत देश को और भी महान बनाने के लिए और मनुष्य को अच्छा बनाने के लिए बने हुए साधनों का प्रयोग करने के लिए आज का प्रोग्राम किया जा रहा है । बच्चों में संस्कार पैदा करने के लिए मां बाप में खुद संस्कार का होना बहुत जरूरी है । जैसे कहा जाता है कि जैसे मां-बाप वैसे ही बच्चे । मां बाप को भी उन गुणों को धारण करना चाहिए जो वह अपने बच्चों को सिखा सकें । अगर बचपन से लेकर मां बाप बच्चों को ऐसी सदाचारिक शिक्षा देते रहे तो आगे चलकर वो समाज के लिए आदर्श बन सकते हैं । परिस्थितियां भी हमने खुद की बनाई हुई हैं । जैसे कर्म हम खुद करते हैं वैसे ही कर्म बच्चे हमें देखकर खुद करते हैं । अगर हमने सृष्टि और अपने परिवार को अच्छा करना है तो हमें स्वयं अच्छा बनना है, लेकिन हम कहते कुछ और हैं तथा करते कुछ और हैं ।जैसी बातें हम दूसरे से चाहते हैं स्वयं में वैसी ही भरनी चाहिए । अगर ऐसा वातावरण बनाया जाए तो वो मां बाप और बच्चे एक-दूसरे के शुभचिंतक रहेंगे और एक अच्छा संसार बनाने में मददगार बनेंगे । हमें अच्छे गुणों को धारण करके दूसरों के लिए उदाहरण बनना चाहिए जब हम रोल मॉडल बनेंगे तो यह सारा संसार बदलेगी जाएगा । सतयुग में कैसे थे और कलयुग में कैसे बनते जा रहे हैं यह हमारे सामने है । इसलिए हमें ऐसा बनाते जाना चाहिए और जो संपर्क में आए उनको भी ऐसा बनाना चाहिए धीरे-धीरे सब बदल जाएगा । शिक्षा तो हमें काफी मिलती है स्कूलों में भी बच्चों को काफी कुछ सिखाया जाता है, लेकिन उसको अमल में नहीं लाया जाता । समय के अनुसार सतयुग के बाद अब कलयुग बदल जाएगा । दुनिया का परिवर्तन तो होना ही है क्योंकि भगवान ने जो भी दुनिया रची है वो परिवर्तनशील है। हम याद करते हैं कि तब सतयुग था और अब कलयुग है तो समय के साथ कलयुग बदलकर सतयुग तो होना ही है इसलिये अपने को अच्छा बना कर चले और अपने संपर्क में दूसरों को भी ऐसी शिक्षाएं दे तो क्यों नहीं हम दुनिया को बदल सकते ? इसलिए हम सब मिलकर सतयुग के लिए किए जा रहे प्रयासों के भागीदार बनें ।
भाई अजय कुमार रॉय ने कहा कि मीडिया की पहुंच और प्रभाव का दायरा बहुत विशाल है और मीडिया को इसलिए प्रबुद्ध हो कर काम करना चाहिए। 1857 से पहले जो देश में सती प्रथा जैसी कुरीतियां थी वह अगर भारत से दूर हुईं तो एक आक्रोश था जिसे लेकर राजा राममोहन जैसे लोगों ने एक जुट होकर प्रयास किए कि यह समाज की कुरीतियां भंग की जाए और इसलिए उन्होंने अपना आक्रोश व्यक्त करने के लिए और जन समर्थन के लिए के लिए समाचार पत्रों का व मीडिया का सहारा लिया। सूचना का अधिकार भी हमें अचानक नही मिला उसके पीछे पूरे प्रयास किए गए ।संघर्ष किया गया और संघर्ष में मीडिया बहुत बड़ा भागीदार था। इसलिए कुल मिलाकर मीडिया का समाज को सुधारने में महत्वपूर्ण योगदान है।
भाई राजकुमार नाहर डायरेक्टर दूरदर्शन केंद्र जयपुर ने उपस्थित मीडिया कर्मियों को मुखातिब होते हुए कहा कि ये मीडिया सम्मेलन एक महाकुंभ है जिसमें सभी मीडियाकर्मी देश विदेश से आकर इकट्ठे होते हैं। मीडिया लोगों का विश्वास है इसलिए मेरे वतन के लोगों को आपस में जोड़ने का एक सशक्त माध्यम मीडिया है । इसलिए अगर विश्व आजकल विश्व शांति के लिए किसी की तरफ देखता है तो वह हमारा मीडिया है । मीडिया हमारा माध्यम है जो पूरे विश्व को एकजुट कर सकता है बशर्ते कि हमारा विश्वास मीडिया के प्रति बना रहे । हमें सच्चाई के साथ अपनी कला का प्रयोग करना है ताकि लोगों को इतना मजबूत विश्वास बना रहे कि जहां मीडिया हैं वहां सिर्फ और सिर्फ सच्चाई ही है ।
सिस्टर बीके शालू जी ने अध्यात्मऔर ध्यान के बारे में सभी मीडियाकर्मियों को अपने अनुभव के बारे में बताया उन्होंने कहा कि परमपिता परमात्मा , कल्याणकारी है , सत्यम शिवम सुंदरम हैं लेकिन हमारा कहीं ना कहीं अपने परमपिता से संपर्क और संबंध टूट चुका है इसलिए अपने आप को शक्तिहीन मान रहे हैं लेकिन वह संपर्क दोबारा जोड़ने के लिए हमें अपने आप को पहचानना है और इसी पहचान के आधार पर पिता से संबंध जोड़ना है और वह संबंध जोड़ने की विधि राजयोग है। हमें अंतर्मुखी होकर परमात्मा से संबंध रखना है क्योंकि वह भी हमारे सच्चे जन्म जन्म के साथी है ।
इसके बाद भाई बीके करुणा जी चेयर पर्सन मीडिया विंग माउंट आबू ने सभी पत्रकारों को संबोधन करते हुए कहा कि अंग्रेजों ने हमारे देश को गुलाम बनाकर कई साल हमारे ऊपर राज किया और उससे हमारा सबसे बड़ा नुकसान जानिए किया किया कि हमारी संस्कृति को नष्ट करने का प्रयत्न किया और हमारी संस्कृति को बहुत भारी नुकसान पहुंचाया । अब भारत जब दोबारा विश्व गुरु बनने जा रहा है तो भारत की संस्कृति के प्रसार के लिए हम चार स्तंभों में से सिर्फ चौथे स्तंभ के सहयोग की मांग करते हैं ।मीडिया का बहुत ज्यादा प्रभाव है । एक ईश्वर को आप किस रूप में जानते मानते हैं यह बड़ी बात नहीं बात सिर्फ यह है कि ईश्वर एक है और यही चैतन्य आपके अंदर आना चाहिए। वसुधैव कुटुंबकम की बात की जाए तो भले ही दुनिया के किसी भी देश की कोई भी संस्कृति हो लेकिन पूरी दुनिया एक परिवार है और यह बात हम पूरे विश्व को समझा रहे हैं। आप पत्रकार यहां आए हैं , यह आपका घर है परमेश्वर का घर है. आप एक शक्ति लेकर यहां से जाएंगे . आप एक आत्मविश्वास लेकर यहां आए हैं और इसलिए आये हैं क्योंकि विश्व के कल्याण के कार्य के लिए ईश्वर आप से काम लेना चाहते हैं ।
इस कार्यक्रम में कल्याण सिंह कोठारी जी की जीवनी पर आधारित “मीडिया मेकर्स ऑफ राजस्थान” पुस्तिका का विमोचन किया गया। प्रोग्राम के इस सत्र के समापन में शांतिवन के पीआरओ भाई कोमल जी ने आए हुए सभी मीडियाकर्मियों का धन्यवाद किया।

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